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कोरोना से जंग जीत चुके लोगों से न करें भेदभाव, ठीक हुआ व्यक्ति दूसरों को नहीं करता संक्रमति - कोरोना संक्रमण से घबराने की जरूरत नहीं

मध्यप्रदेश में 77 हजार से ज्यादा कोरोना मरीज हैं. संक्रमितों का आंकड़ा बढ़ने के साथ ही मरीज ठीक भी हो रहे. ऐसे में कोरोना को हराकर घर लौट रहे लोगों को भेदभाव और छुआछूत का सामना करना पड़ रहा है, जिसको लेकर जिला महामारी विशेषज्ञ डॉ योगेश शर्मा का कहना है कि, कोरोना से जंग जीत चुके लोगों से भेदभाव न करें.

Discrimination occurs with patients
मरीजों के साथ होता है भेदभाव
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Published : Sep 10, 2020, 5:11 PM IST

खंडवा। मध्यप्रदेश में 77 हजार से ज्यादा लोग कोरोना से जुझ रहे है. वहीं 16 सौ से ज्यादा संक्रमित मरीजों की मौत हो चुकी है. 58 हजार से ज्यादा मरीज ठीक भी हो चुके हैं. इस बीच कोरोना को मात देकर घर लौट रहे मरीजों के साथ समाज का नजरिया कही न कही संदेहास्पद रहा हैं. आमतौर पर बीमार होने पर पड़ोसी और रिश्तेदार लोगों का साथ देते हैं, लेकिन संक्रमति मरीज और उनके परिवार के लोगों को भेदभाव और छुआछूत का सामना करना पड़ रहा है.

मरीजों के साथ होता है भेदभाव

लोग कोरोना संक्रमितों से भौतिक दूरी की जगह सामाजिक दूरी बना लेते हैं. कोरोना से संक्रमित होने वाले खंडवा शहर के समाजसेवी अंशुल सैनी ने कहा कि, जब वे कोरोना से संक्रमित हुए थे. उस समय उनके साथ जिस तरह के हालात बने थे. वो बेहद मायूस करने वाले थे, ऐसे कठिन समय में उनके अपने लोग पराए हो गए थे और पराए लोगों ने उनका साथ दिया. ऐसे में उन पर उस समय दोहरी मार पड़ी, जब उनके पिता भी कोरोना से संक्रमित हो गए. जिससे उनकी मौत हो गई. उनकी मदद दूसरे लोगों ने की. अपने जान पहचान के लोगों और रिश्तेदारों ने उनकी मदद नहीं की.

कोरोना से स्वस्थ हुए लोग डोनेट करें प्लाज्मा

अंशुल सैनी ने कोरोना से ठीक होने के बाद अपने रक्त में विकसित हुए प्लाज्मा भी कोरोना संक्रमित लोगों के लिए डोनेट किया. वहीं एक अन्य कोरोना योद्धा पदम नगर थाने में पदस्थ प्रधान आरक्षक राकेश मंडलोई, जो पुलिस की ड्यूटी के दौरान कोरोना से संक्रमित हो गए थे, उन्होंने डटकर मुकाबला किया और वे जल्द स्वस्थ हो गए. कोरोना काल में उन्हें अस्पताल में अच्छा इलाज मिला. साथ ही अन्य लोगों ने उनके साथ अच्छा व्यवहार रखा. उन्होंने लोगों से अपील की है कि, कोरोना संक्रमण से घबराने की जरूरत नहीं है. अगर किसी व्यक्ति को कोरोना होता भी है तो, वो इससे ठीक हो सकता है. ठीक होने के बाद उस व्यक्ति से अच्छा व्यवहार रखना चाहिए, उससे भेदभाव नहीं करना चाहिए.

कोरोना से स्वस्थ हुआ व्यक्ति दूसरों नहीं करता संक्रमति

वहीं जिला महामारी विशेषज्ञ डॉ योगेश शर्मा का मानना हैं कि, कोरोना बीमारी से संक्रमित लोगों के प्रति नजरिया सकारात्मक होना चाहिए. उन्होंने बताया कि, संक्रमित व्यक्ति का ठीक तरह से इलाज होने के बाद उन्हें 14 दिनों तक घर में रहने की सलाह दी जाती हैं. इसके बाद वे अपने परिजनों और दोस्तों से घुल मिल सकते हैं. लोगों को कोरोना से ठीक हुए मरीज के साथ सामान्य व्यवहार करना चाहिए.

खंडवा। मध्यप्रदेश में 77 हजार से ज्यादा लोग कोरोना से जुझ रहे है. वहीं 16 सौ से ज्यादा संक्रमित मरीजों की मौत हो चुकी है. 58 हजार से ज्यादा मरीज ठीक भी हो चुके हैं. इस बीच कोरोना को मात देकर घर लौट रहे मरीजों के साथ समाज का नजरिया कही न कही संदेहास्पद रहा हैं. आमतौर पर बीमार होने पर पड़ोसी और रिश्तेदार लोगों का साथ देते हैं, लेकिन संक्रमति मरीज और उनके परिवार के लोगों को भेदभाव और छुआछूत का सामना करना पड़ रहा है.

मरीजों के साथ होता है भेदभाव

लोग कोरोना संक्रमितों से भौतिक दूरी की जगह सामाजिक दूरी बना लेते हैं. कोरोना से संक्रमित होने वाले खंडवा शहर के समाजसेवी अंशुल सैनी ने कहा कि, जब वे कोरोना से संक्रमित हुए थे. उस समय उनके साथ जिस तरह के हालात बने थे. वो बेहद मायूस करने वाले थे, ऐसे कठिन समय में उनके अपने लोग पराए हो गए थे और पराए लोगों ने उनका साथ दिया. ऐसे में उन पर उस समय दोहरी मार पड़ी, जब उनके पिता भी कोरोना से संक्रमित हो गए. जिससे उनकी मौत हो गई. उनकी मदद दूसरे लोगों ने की. अपने जान पहचान के लोगों और रिश्तेदारों ने उनकी मदद नहीं की.

कोरोना से स्वस्थ हुए लोग डोनेट करें प्लाज्मा

अंशुल सैनी ने कोरोना से ठीक होने के बाद अपने रक्त में विकसित हुए प्लाज्मा भी कोरोना संक्रमित लोगों के लिए डोनेट किया. वहीं एक अन्य कोरोना योद्धा पदम नगर थाने में पदस्थ प्रधान आरक्षक राकेश मंडलोई, जो पुलिस की ड्यूटी के दौरान कोरोना से संक्रमित हो गए थे, उन्होंने डटकर मुकाबला किया और वे जल्द स्वस्थ हो गए. कोरोना काल में उन्हें अस्पताल में अच्छा इलाज मिला. साथ ही अन्य लोगों ने उनके साथ अच्छा व्यवहार रखा. उन्होंने लोगों से अपील की है कि, कोरोना संक्रमण से घबराने की जरूरत नहीं है. अगर किसी व्यक्ति को कोरोना होता भी है तो, वो इससे ठीक हो सकता है. ठीक होने के बाद उस व्यक्ति से अच्छा व्यवहार रखना चाहिए, उससे भेदभाव नहीं करना चाहिए.

कोरोना से स्वस्थ हुआ व्यक्ति दूसरों नहीं करता संक्रमति

वहीं जिला महामारी विशेषज्ञ डॉ योगेश शर्मा का मानना हैं कि, कोरोना बीमारी से संक्रमित लोगों के प्रति नजरिया सकारात्मक होना चाहिए. उन्होंने बताया कि, संक्रमित व्यक्ति का ठीक तरह से इलाज होने के बाद उन्हें 14 दिनों तक घर में रहने की सलाह दी जाती हैं. इसके बाद वे अपने परिजनों और दोस्तों से घुल मिल सकते हैं. लोगों को कोरोना से ठीक हुए मरीज के साथ सामान्य व्यवहार करना चाहिए.

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