खंडवा। कोरोना ने दुनियाभर में कहर बरपा कर रखा है, जिसने लोगों की लाइफ स्टाइल ही बदल दी है. आलम यह है कि, लोग अब घर से बाहर निकलने में भी डर रहे हैं. इस महामारी से छोटे बच्चे भी प्रभावित हुए हैं. ऐसे में पेरेंट्स भी बच्चों को लेकर चिंतित हैं. स्कूल से दूर और चार महीनों से घरों में कैद बच्चों की देखभाल करना एक तरह से पेरेंट्स के लिए चुनौती बनता जा रहा है.
बच्चों का मन बहलाने के लिए पेरेंट्स खिला रहे गेम्स
कोविड-19 बच्चों और बुजुर्गों पर सबसे तेजी से असर करता है. लिहाजा पेरेंट्स बच्चों को घर से बाहर नहीं निकलने दे रहे हैं. चार महीनों से घरों में बंद बच्चे भी अब परेशान होने लगे हैं. खंडवा शहर की महिलाओं का कहना है कि, इन दिनों बच्चों को संभालना मुश्किल होता जा रहा है. बच्चें बाहर जाने की जिद करते हैं. ऐसे में उन्हें घर से बाहर न निकलने देना मुश्किल काम है. बच्चे घर से बाहर न निकले, इसके लिए पेरेंट्स ने घर पर ही बहुत सी एक्टिविटी शुरु की है. घर में ही इनडोर गेम्स, पैटिंग्स, कैरम जैसे खेलों के जरिए बच्चों को घरों में ही मन बहलाया जा रहा है, ताकि वे बाहर निकलने की जिद न करें.
खंडवा शहर के बाल कल्याण समिति की सदस्य और डॉक्टर सदस्य शिल्पी राय ने भी पेरेंट्स से अपील की है कि, कोरोना के दौर में बच्चों का सबसे ज्यादा ख्याल रखें. बच्चों का घरों में ही लगातार मनोरंजन करें, ताकि वे डिप्रेशन का शिकार न हों. बच्चों के मन का काम ज्यादा से ज्यादा पेरेंट्स को करना चाहिए, ताकि उनका मन घर में लगा रहे. इसके अलावा उन्हें कोरोना के प्रति जागरुक करना भी बड़ा काम है.
कोरोना के प्रकोप ने आम जनजीवन को उथल पुथल कर रख दिया है. जहां बच्चें भी घरों में इस तरह कैद हैं. अब उनका खेलना भी मुश्किल हो रहा है. ऐसे में जरुरी है कि, इस मुश्किल दौर में पैरेंट्स सबसे ज्यादा अपने बच्चों का ख्याल रखे और उन्हें बोर ना होने दें. जबकि उन्हें कोरोना से जुड़ी जानकारियां दें, ताकि बच्चें भी इस महामारी के प्रति खुद को ढाल सकें और सावधानियां बरतें.