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निकाय चुनाव: कांग्रेस के पास महापौर पद के 12 दावेदार

देवास में नगरी निकाय चुनाव की सरगर्मी तेज हो गई हैं, दावेदारी को लेकर रायशुमारी और दावेदारी करने वालों का दौर भी शुरू हो गया है. वहीं विधानसभा उपचुनाव में करारी मात के बाद कांग्रेस अब नगरी निकाय चुनाव में जमीन तलाश रही है.

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Published : Jan 26, 2021, 3:22 AM IST

Dewas urban body elections Congress has 12 contenders for mayor in Dewas
देवास में नगरी निकाय चुनाव

खंडवा। विधानसभा उपचुनाव में करारी मात खाने के बाद कांग्रेस अब नगरी निकाय चुनाव में जमीन तलाश रही है. नगरी निकाय चुनाव में पिछले 20 सालों से देवास में कांग्रेस का महापौर नहीं बना है. अब फिर से कांग्रेस के दावेदार नगरी निकाय चुनाव में अपना भविष्य तलाशने में लग गए है. साेमवार को महापौर और पार्षद प्रत्याशी पद के दावेदारों से चर्चा की गई. महापौर पद के लिए 12 से अधिक लोगों ने दावेदारी की है. वहीं पार्षद पद के लिए एक वार्ड से चार से पांच दावेदार सामने आए हैं. कुछ ही वार्ड ऐसे हैं जहां से केवल एक व्यक्ति ने दावेदारी की है.

देवास में नगरी निकाय चुनाव

मीडिया को किया गया बाहर

बैठक में कांग्रेस के कार्यकर्ता कम दावेदार अधिक मौजूद रहे. इस बीच यादव ने मीडिया को यह कहते हुए बाहर करवा दिया गया कि कांग्रेस की यह गुप्त बैठक है. इसके बाद दरवाजे पर सेवादल के पदाधिकारी को खड़ा कर मीडिया को अंदर जाने से रोका गया. यादव के संबोधित करने के बाद चुनाव प्रभारी बैरागी और सह प्रभारी वर्मा ने संबोधित कर केंद्र और प्रदेश की भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए महापौर चुनाव में कांग्रेस को जीत दिलाने के लिए कार्यकर्ताओं में जोश भरा.

बैठक में हुआ शोरगुल

पुर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव के संबोधित के दौरान उत्साहित कार्यकर्ता उनके नाम से जिंदाबाद के नारे लगाने लगे. यह देख यादव ने उन्हे नारे लगाने से रोक दिया. यादव ने उंगली दिखाते हुए कहा कि बैठ जाओं नहीं तो टिकिट कट जाएगा. इसके कुछ देर बाद 15 से 20 युवा कार्यकर्ता दो पहिया वाहनों से कांग्रेस के झंडे लेकर नोरबाजी करते हुए गांधी भवन पहुंचे, उन्हें भी शांत करा दिया गया.

महापौर पद के लिए दावेदारों की भरमार

पिछले चार चुनाव से कांग्रेस का महापौर नहीं बन पाया है. इस बार चुनाव में कांग्रेस के 10 से 12 लोगों ने दावेदारी पेश की. महापौर पद महिला होने से महिला की अपेक्षा उनके पति अधिक दावेदारी करते हुए नजर आए. बैठक में अपनी पत्नियों को आगे की पंक्ति में बैठाकर पति पिछे जाकर खड़े रहे.

चार से नहीं बना महापौस

खंडवा नगर निगम का पिछले 25 सालों से कांग्रेस का कोई महापौर नहीं बना. अखिरी बार 1995 में यहां कांग्रेस को जीत मिली थी. वर्तमान में भी यह सीट महिला ओबीसी के लिए आरक्षित की गई है. दोनों ही पार्टियों में महिला नेत्रियों की कमी है, लिहाजा टिकट की तलाश में जुटे लोग अपनी-अपनी धर्म पत्नियों की अरदास लेकर बड़े नेताओं के दर पर पहुंच रहे हैं.

कांग्रेस के पुर्व प्रदेश अध्यक्ष अरूण यादव के साथ नगरी निकाय चुनाव प्रभारी मनोहर बैरागी और सह प्रभारी रेखा वर्मा खंडवा पहुंची. यहां गांधी भवन में शहर कांग्रेस अध्यक्ष इंदल सिंह पंवार और ग्रामीण जिलाध्यक्ष ओंकार पटेल ने तीनों प्रमुख नेताओं का स्वागत किया. इसके पश्चात बैठक शुरू करते हुए कांग्रेस नेता यादव ने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया.

खंडवा। विधानसभा उपचुनाव में करारी मात खाने के बाद कांग्रेस अब नगरी निकाय चुनाव में जमीन तलाश रही है. नगरी निकाय चुनाव में पिछले 20 सालों से देवास में कांग्रेस का महापौर नहीं बना है. अब फिर से कांग्रेस के दावेदार नगरी निकाय चुनाव में अपना भविष्य तलाशने में लग गए है. साेमवार को महापौर और पार्षद प्रत्याशी पद के दावेदारों से चर्चा की गई. महापौर पद के लिए 12 से अधिक लोगों ने दावेदारी की है. वहीं पार्षद पद के लिए एक वार्ड से चार से पांच दावेदार सामने आए हैं. कुछ ही वार्ड ऐसे हैं जहां से केवल एक व्यक्ति ने दावेदारी की है.

देवास में नगरी निकाय चुनाव

मीडिया को किया गया बाहर

बैठक में कांग्रेस के कार्यकर्ता कम दावेदार अधिक मौजूद रहे. इस बीच यादव ने मीडिया को यह कहते हुए बाहर करवा दिया गया कि कांग्रेस की यह गुप्त बैठक है. इसके बाद दरवाजे पर सेवादल के पदाधिकारी को खड़ा कर मीडिया को अंदर जाने से रोका गया. यादव के संबोधित करने के बाद चुनाव प्रभारी बैरागी और सह प्रभारी वर्मा ने संबोधित कर केंद्र और प्रदेश की भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए महापौर चुनाव में कांग्रेस को जीत दिलाने के लिए कार्यकर्ताओं में जोश भरा.

बैठक में हुआ शोरगुल

पुर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव के संबोधित के दौरान उत्साहित कार्यकर्ता उनके नाम से जिंदाबाद के नारे लगाने लगे. यह देख यादव ने उन्हे नारे लगाने से रोक दिया. यादव ने उंगली दिखाते हुए कहा कि बैठ जाओं नहीं तो टिकिट कट जाएगा. इसके कुछ देर बाद 15 से 20 युवा कार्यकर्ता दो पहिया वाहनों से कांग्रेस के झंडे लेकर नोरबाजी करते हुए गांधी भवन पहुंचे, उन्हें भी शांत करा दिया गया.

महापौर पद के लिए दावेदारों की भरमार

पिछले चार चुनाव से कांग्रेस का महापौर नहीं बन पाया है. इस बार चुनाव में कांग्रेस के 10 से 12 लोगों ने दावेदारी पेश की. महापौर पद महिला होने से महिला की अपेक्षा उनके पति अधिक दावेदारी करते हुए नजर आए. बैठक में अपनी पत्नियों को आगे की पंक्ति में बैठाकर पति पिछे जाकर खड़े रहे.

चार से नहीं बना महापौस

खंडवा नगर निगम का पिछले 25 सालों से कांग्रेस का कोई महापौर नहीं बना. अखिरी बार 1995 में यहां कांग्रेस को जीत मिली थी. वर्तमान में भी यह सीट महिला ओबीसी के लिए आरक्षित की गई है. दोनों ही पार्टियों में महिला नेत्रियों की कमी है, लिहाजा टिकट की तलाश में जुटे लोग अपनी-अपनी धर्म पत्नियों की अरदास लेकर बड़े नेताओं के दर पर पहुंच रहे हैं.

कांग्रेस के पुर्व प्रदेश अध्यक्ष अरूण यादव के साथ नगरी निकाय चुनाव प्रभारी मनोहर बैरागी और सह प्रभारी रेखा वर्मा खंडवा पहुंची. यहां गांधी भवन में शहर कांग्रेस अध्यक्ष इंदल सिंह पंवार और ग्रामीण जिलाध्यक्ष ओंकार पटेल ने तीनों प्रमुख नेताओं का स्वागत किया. इसके पश्चात बैठक शुरू करते हुए कांग्रेस नेता यादव ने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया.

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