खंडवा। 12 ज्योतिर्लिंगों में चौथा ज्योतिर्लिंग ओंकारेश्वर मंदिर है. नर्मदा नदी के मध्य ओंमकार पर्वत पर स्थित ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर हिंदुओं के लिए सबसे पहले आस्था का केंद्र है. यहां वेसे तो हर समय श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है, लेकिन पिछले कुछ दिनों से नए साल के आगमन से पहले ही श्रद्धालुओं की अच्छी खासी भीड़ देखने को मिल रही है. पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र गुजरात, राजस्थान और दिल्ली सहित देश के कई जगहों से श्रद्धालु ओंकारेश्वर पहुंच रहे हैं.
यहां आ रहे भक्तों का बस यही कामना है कि, उन्हें कोरोना से मुक्ती मिल जाए और नया साल उनके लिए मंगलमय हो. वहीं घाटों पर श्रद्धालुओं के स्नान की भीड़ है तो साथ मंदिर में दर्शन के लिए कतारें लगनी शुरू हो गई है.
नाव की सवारी कर रहे श्रद्धालु
ओंकारेश्वर मंदिर नर्मदा नदी से घिरा हुआ है और ऐसे में इसकी खूबसूरती अलग सामने आती है. इसी नजारे का आनन्द लेने के लिए और नए साल का खुशी से स्वागत करने के लिए यहां पहुंचे श्रद्धालु नाव की सवारी करते हुए नजर आए. नागर घाट और ममलेश्वर घाट से ओंकारेश्वर मंदिर के किनारे के तीर्थ घाट के बीच अधिक लोगों ने नाव की सवारी की. इन घाटों से 20 रुपये प्रति व्यक्ति किराया नाविकों द्वारा लिया जाता है. संगम घाट की ओर भी यह नाव चलती रहती है.
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ओम्कारेश्वर मंदिर की क्या है खासियत
ओंकारेश्वर मंदिर के चारों तरफ से नर्मदा नदी बहती है. प्राकृतिक की गोद में बसे इस तीर्थ स्थल के चारों तरफ जंगल है. इसके साथ ही सबसे बड़ा कारण यह है कि उज्जैन और ओंकारेश्वरर की दूरी कम होने से भी यहां श्रद्धालुओं की संख्या अधिक रहती है. उज्जैन महाकाल मंदिर में दर्शन के बाद अधिकांश श्रद्धालु ओंकारेश्वर आते हैं.