खंडवा। आज 16 अक्टूबर को अधिकमास की समाप्ति और अमावस्या एक साथ है. मान्यता है कि अधिकमास की आखिरी अमावस्या को दान करने से जीवन में कभी धन की कमी नहीं रहती है. जहां नर्मदा स्नान के लिए करीब 70 हजार श्रद्धालु ओंकारेश्वर पहुंचे. इस दौरान नर्मदा तटों पर स्नान, दान के साथ ही तांत्रिक क्रियाएं भी चलती रही. वहीं ओंकारेश्वर मंदिर में दर्शन करने कम संख्या में श्रद्धालु पहुंचे. हालांकि प्रशासन द्वारा सुखदेव मुनी द्वार से ही दर्शन कराने की व्यवस्था की गई थी.
अधिकमास की आखिरी अमावस्या पर नर्मदा स्नान के लिए श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला गुरुवार शाम से ही शुरू हो गया था, जो शुक्रवार दिन भर चलता रहा. तेज उमस और गर्मी के बावजूद श्रद्धालुओं की भीड़ तीर्थनगरी के नर्मदा घाटों पर दिखाई दी. सुबह से ही नागर घाट, अभय घाट केवलरामघाट, नर्मदा-कावेरी संगम घाट सहित अन्य घाटों पर स्नान करने के लिए श्रद्धालु पहुंचने लगे थे. दिन भर नर्मदा स्नान और तांत्रिक क्रियाओं का सिलसिला जारी रहा. घाटों पर दान-पुण्य करने के बाद श्रद्धालु मंदिरों में दर्शन करने के लिए कम ही संख्या में पहुंचे.
वाहनों पर रहा प्रतिबंध
अमावस्या पर अधिकांश श्रद्धालु अपने-अपने निजी वाहनों से ही पहुंचे थे. प्रशासन द्वारा सभी चार पहिया वाहनों को वन विभाग की चौकी के सामने स्थित भगवान आदि गुरु शंकराचार्य तिराहे से नगर प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया था.
इन वाहनों को कुबेर भंडारी मंदिर श्री गजानन आश्रम के सामने खुली जगह पर और झुला पुल पार्किंग सहित बांध रोड पर पार्क करवाया गया. लोग अपने-अपने वाहन पार्किंग में खड़ा कर ब्रह्मपुरी घाट पर स्नान करने के बाद नौका विहार का आनंद भी लिया. कुछ श्रद्धालुओं ने तेज धूप के बावजूद भी ओंकार पर्वत की परिक्रमा भी लगाई. नगर परिषद द्वारा नर्मदा के घाटों पर सफाईकर्मी तैनात किए गए थे और स्थायी रूप से स्थापित प्याऊ में दिन भर टैंकरों से पानी पहुंचाया गया.