खंडवा। जिले में कोरोना कर्फ्यू के दूसरे दिन भी रविवार को बस स्टैंड से यात्रियों को बसें नहीं मिली. इससे यात्रियों को परेशान होना पड़ा, परेशान होने वालों में कॉलेज के स्टूडेंट और महिला और बुजुर्ग शामिल थे. गौरतलब है कि शहर से इंदौर, खरगोन, देवास, हरदा, बड़वानी, बुराहानपुर सहित अन्य जिलों के लिए 200 से ज्यादा बसें संचालित होती हैं. वहीं कोरोना संक्रमण के कारण प्रशासन ने 2 दिन का कोरोना कर्फ्यू लगाया है.
- ऑटो चालकों ने वसूला अधिक किराया
रविवार को शहर के बस स्टैंड पर सन्नाटा पसरा रहा, इधर रेलवे स्टेशन पर ट्रैन से आने वाले यात्रियों को बस नहीं मिलने से निराशा हाथ लगी. यात्रियों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में पैदल चलना पड़ा, पैदल ही लोग अपने घर तक पहुंचने के लिए निकल पड़े. आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में जाने वाले यात्रियों ने ऑटो का सहारा लिया, लेकिन इसके बदले उन्हें कई गुना अधिक किराया चुकाना पड़ा.
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- पैदल ही चल पड़े अपने गंतव्य की ओर
नितिन झंवर ने बताया कि सिहाड़ा जाना था. बस नही चलने से ऑटो का सहारा लिया. ऑटो से सिहाड़ा के 60 रुपए लगते है, लेकिन 2 लोगों के 400 रुपए देने पड़े. सौरभ मालाकार ने बताया कि रीवा से खंडवा के लिए ट्रेन में बैठे थे. लेकिन खंडवा बस स्टैंड पर बसें नहीं मिली, सभी बसें बंद हैं. सिंगोट जाना है, साधन नहीं मिल पाने से पैदल ही जा रहे हैं. साथ में 4-5 स्टूडेंट्स भी हैं.