खंडवा. पंधाना गांधी चौक में स्थित पुलिस थाना काफी पुराना होकर जर्जर हो चुका है, हालांकि इस पुराने पुलिस थाने के स्थान पर नया थाना भवन बनकर संचालित भी हो चुका है. इस क्षतिग्रस्त पुलिस थाने को डिस्मेंटल कर पुलिस कर्मियों के लिए आवास सुविधा उपलब्ध कराई जा सकती है. यह पुराना थाना अंग्रेजों के जमाने का बताया जाता है, आज भी अपनी जर्जर अवस्था एवं बदहाली को को झेल रहा है. लोगों का ऐसा मानना है कि इस जर्जर भवन से किसी दिन भी कोई बड़ी दुर्घटना घट सकती है.
- भूकंप के झटके झेल चुका है पुलिस थाना
गौरतलब है कि पंधाना में करीब 20 वर्ष पूर्व आए भूकंप के झटके भी यह भवन झेल चुका है. नगर के बीचों बीच इस पुराने थाने और आसपास की भूमि पर पुलिस स्टाफ के लिए आवासीय निर्माण कराए जा सकते हैं. मजबूरी में कई पुलिसकर्मी एवं उनके परिवार इन्ही जर्जर क्वाटर एवं परिसर में निवासरत हैं. जनसेवा एवं हमारी सुरक्षा करने वाले इन जांबाजों के लिए शासन द्वारा पूरी सहूलियत प्रदान की जानी चाहिए.
- शासकीय भवन भी उपलब्ध नहीं
देश भक्ति एवं जन सेवा करने वाले पुलिस विभाग के कर्मचारी जो दिन रात जनता के लिए फिक्रमंद रहकर आमजन की सुरक्षा में लगे रहते हैं. उनकी चौकसी से ही हम अपने घरों पर बेफिक्री से रहते है, लेकिन हमारी रक्षा करने वाले इन जांबाज सिपाहियों के लिए शासकीय क्वार्टर भी उपलब्ध नहीं है. पंधाना पुलिस थाने की जहां करीब 32 पुलिसकर्मी पदस्थ हैं जिनके लिए शासकीय क्वार्टर उपलब्ध नहीं है. पुराने जीर्ण-शीर्ण अवस्था में केवल दो ही ऐसे आवास हैं जहां मजबूरी में पुलिसकर्मी निवास कर रहे हैं. शेष स्टाफ नगर में अलग-अलग स्थानों पर किराए के मकान में रहते हैं. पुलिस थाना पंधाना के नवनिर्मित भवन के आसपास काफी शासकीय जमीन है, जिस पर इन कर्मियों के लिए आवास निर्माण हो सकते हैं. जिसकी वर्षों से मांग की जा रही है. वरिष्ठ अधिकारियों एवं शासन के नुमांइदों के नगरागमन पर नागरिकों द्वारा मांग उठाई जा चुकी है, लेकिन आज तक इस गंभीर मसले का निराकरण नहीं हो सका.
खंडवा पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह ने कहा कि पंधाना एवं अनेक थाना क्षेत्रों में क्वाटर्स की स्थिति खराब हो गई है. पीडब्ल्यूडी के इंजीनियर के माध्यम से चिह्नांकित कर आवश्यक कार्रवाई हेतु पुलिस मुख्यालय से पत्राचार करेंगे. आशा करते हैं कि वहां से अच्छा रिस्पांस मिले और हम उन्हें आवास उपलब्ध करा सकें.