खंडवा। सेवानिवृत्त शिक्षक हुकुमचंद महाजन ने इस साल ही देहदान की घोषणा की थी. बुधवार को उनकी मौत होने के बाद घोषणा के मुताबिक परिवार के सदस्यों ने उनके शव का अंतिम संस्कार न कर उसे मेडिकल कालेज ले गए. ताकि मौत के बाद भी उनकी बॉडी मेडिकल स्टूडेंट्स के रिसर्च के काम आ सके.
खंडवा के सेवानिवृत्त शिक्षक हुकुमचंद महाजन ने जिंदगी भर शिक्षा प्रदान की, और मरने के बाद एक संदेश छोड़कर चले गए. संदेश था कि देहदान हुकुमचंद ने नए साल में यह संकल्प लिया था. जिसके बाद उनकी मृत्यु के बाद परिजनों ने संकल्प को पूरा करते हुए शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय खण्डवा में मेडिकल स्टूडेंट्स के रिसर्च के लिए देहदान किया.
मृतक के पोते प्रखर ने बताया की हमारे लिए ये गौरव की बात है कि हमारे नानाजी ने देहदान करने का संकल्प लिया. नानाजी का शव मेडिकल कॉलेज के स्टूडेंट्स के काम आयेगा .इससे हम सभी परिजन गौरवान्वित है. इससे और लोगों को भी प्रेरणा मिलेगी.
मेडिकल कालेज के डॉक्टर प्रीत कुमार गोहिया ने बताया की लोगों का ऐसा मानना है कि जो पैदा हुआ है उसकी अंतिम यात्रा श्मशान की और जाए . लेकिन आदमी पैदा हुआ है तो उसे एक दिन तो जाना ही है . पर जब शव यात्रा यहां पहुंचती है , तो हमे बड़ा हर्ष महसूस होता है की वे सम्मान पूर्वक यहां शव को लेकर परम कार्य करने लेकर आते हैं . जिसमे हम सहयोगी बन रहे है .