खंडवा। नावघाट खेड़ी घाट पर एक खौफनाक हादसा हुआ है. नर्मदा में शुक्रवार को नाव पलट गई. 11 लोग हादसे का शिकार हुए. जिनमें 9 लोगों को सकुशल बचा लिया गया. दो लोग अभी लापता हैं. जिनकी पहचान हिना और जितेंद्र के रूप में हुई है. जानकारी के अनुसार नाव में सवार सभी लोग एक ही परिवार के थे.वे बड़वाह रिश्तेदारों के घर आए थे. पूरा परिवार नर्मदा नदी में चुनरी चढ़ाने के लिए एक ही नाव में सवार हुआ. नाव आगे बढ़ी और संतुलन बिगड़ गया. सभी लोग नदी में जा गिरे. देखते ही देखते चीख-पुकार मच गई. घटना दोपहर करीब 3 बजे की है.घाट पर मौजूद नाविकों और गोताखोरों ने तत्काल मौके पहुंचकर कर 9 लोगों को पानी से बाहर निकाल लिया है. सभी लोगों का इलाज शासकीय चिकित्सालय बड़वाह में जारी है.
कैसे हुआ हादसा
बताया जा रहा है कि नाव में क्षमता से ज्यादा लोग सवार थे. इसके बाद नाव पुल के पिलर से टकरा गई जिसकी वजह से संतुलन बिगड़ गया. नाव का अगला हिस्सा ऊपर उठ गया और सभी सवार नदी में जा गिरे.
नाविक ने बचाई तीन महिलाओं की जान
तीन महिलाओं को बचाने वाले बाबू भाई ने बताया कि घाट पास चाय पी रहा था. इसी दौरान शोर सुनाई दिया. किसी ने आवाज लगाई नाव डूब गई. हमारी तीन नाव तुरंत लोगों को बचाने पहुंचीं. मैनें तीन महिलाओं को जैसे-तैसे बचाया.
रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
अभी तक मिली जानकारी के मुताबिक नाव में 11 लोग सवार थे. इसकी पुष्टि हो गई है. लेकिन दो लोग अभी भी लापता हैं. गोताखोर उनकी तलाश में जुटे हुए हैं. पूरा प्रशासनिक अमला मौके पर मौजूद है. रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. अगर आज खोजबीन पूरी नहीं होती, तो रेस्क्यू ऑपरेशन शनिवार को भी चलेगा.
11 लोगों के नाम
- शैफाली पुत्री राजकुमार वर्मा निवासी सनावद.
- पूजा पुत्री कमलेश वर्मा निवासी जबरन कॉलोनी इंदौर.
- नेहा नितिन वर्मा निवासी महू.
- रश्मि आनन्द वर्मा निवासी महू.
- नेहा विजय वर्मा निवासी सनावद.
- नमिता जितेंद्र वर्मा निवासी सिरलाय.
- राजकुमार रामप्रसाद वर्मा निवासी सनावद.
- लक्ष्मी बाई उर्फ चंदा
- रंगीलाल निवासी मोरटक्का.
- हिना निवासी सनावद.
- जितेंद्र किशोरीलाल निवासी ग्राम सिरलाय.
प्रशासन की अनदेखी भी जिम्मेदार
कहीं ना कहीं ये हादसा प्रशासन की अनदेखी का भी नतीजा है. अक्सर यहां नाविक क्षमता से ज्यादा सवार नाव में बैठा लेते हैं. प्रशासन इस ओर ध्यान ही नहीं देता है. ये भी देखा गया है कि यहां कई नाविकों के पास नावों का रजिस्ट्रेशन भी नहीं है. कई बार तो बच्चे नाव चलाते देखे गए हैं. प्रशासन मूक दर्शक बना रहता है.