खंडवा। भारत सरकार की महत्वाकांक्षी आयुष्मान योजना की शुरूआत हो चुकी है इस योजना का कार्ड होने के बाद भी मरीजों को जरूरी स्वास्थ्य सुविधा से दूर रखा जा रहा है. जिला अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाओं का स्तर निम्न दर्जे का है. एक ओर जहां मरीजों को अच्छे पलंग और बेडसीट नहीं मिल रही हैं तो दूसरी ओर शासन की स्वास्थ्य योजना की आस लिये आये मरीजों को इससे वंचित रखा जा रहा है.
अपनी मां का इलाज कराने आये रमेश पटेल ने बताया कि मां को पीलिया की समस्या है, डॉक्टर द्वारा भर्ती तो कर लिया गया है लेकिन शिवराज सरकार का दीनदयाल अंत्योदय कार्ड होने के बाद भी सोनोग्राफी के लिए 900 रूपये लिए जा रहे हैं. वहीं कड़वालाल पंचोरे ने अपनी बेटी को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया. उन्होंने बताया कि उनके पास आयुष्मान भारत का कार्ड होने के बाद भी बाहर से सोनोग्राफी करवाने को कहा जा रहा है.
बता दें जिला अस्पताल में एक ओर विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों पर चिकित्सक की कमी है, तो वहीं मरीजों की सुविधाओं का भी ख्याल नहीं रखा जा रहा हैं. मरीजों को मिलने वाले पलंग में बिना कवर का बिस्तर दिया जा रहा हैं. इलाज का सामान भी खुद बाहर से लाने को कहा जा रहा है, यहां तक कि डॉक्टर भी समय-समय पर जांच के लिए नहीं आते हैं. मरीजों को सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का सही लाभ नहीं दिया जा रहा हैं.
इस मामले में जब जिला अस्पताल के सिविल सर्जन से बात की तो वे कुछ भी बोलने से बचते नजर आए और स्वयं के बाहर होने की बात कहने लगे.