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खंडवा के आयुष ने ग्रैंडमास्टर का खेल 2 मिनट में किया खत्म - ayush sharma beaten india 67th grandmaster

खंडवा के बेटे 15 साल के आयुष शर्मा ने शतरंज की दुनिया में इतिहास रच दिया है. उन्होंने भारत के 67 वें ग्रैंड मास्टर लियोन मेंडोंसा को हराकर इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज कराया है.

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आयुष शर्मा
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Published : Jan 18, 2021, 2:45 PM IST

Updated : Jan 18, 2021, 3:00 PM IST

खंडवा। शतरंज के 67वें ग्रैंडमास्टर लियोन मेंडोंसा ने ऑनलाइन सभी खिलाड़ियों को चुनौती दी थी. जिसे स्वीकार करते हुए खंडवा आयुष शर्मा ने 2 मिनिट के अंदर शतरंज के खेल में यह इतिहास रचा है. आयुष ने 1 मिनिट 55 सेकंड में उन्हें हरा दिया है. लियोन के चैलेंज को 6 लोगों ने स्वीकार किया था जिसमें से 5 को तो वह हरा चुके थे, लेकिन आयुष ने उन्हें हरा दिया. इसके लिए लियोन ने आयुष को बधाई भी दी. आयुष अब तक 10 से ज्यादा बार एमपी स्टेट चैंपियनशिप जीत चुके हैं और 16 बार राष्ट्रीय स्तर पर खेल चुके हैं. वह चैस की प्रतिष्ठित चैंपियनशिप में आठवीं रैंक हासिल कर चुके हैं.

ऑनलाइन दिया था चैलेंज
कोरोना काल के चलते मेंडोंसा ने चेसबेस डॉट इन वेबसाइट पर खुला चैलेंज दिया था कि कौन उन्हें शतरंज में हराकर दिखाएगा. इस चैलेंज को खंडवा के सौमित्र नगर निवासी 15 साल के आयुष पिता नरेंद्र शर्मा ने स्वीकारा. प्लेचेस वेबसाइट पर ऑनलाइन गेम हुआ और आयुष ने एक मिनट 55 सेकंड में ही मेंडोंका को हरा दिया.

मेंडोंसा ने कहा-वेल डन

आयुष ने बताया कि मेंडोंसा के इस चैलेंज को मुझे मिलाकर सिर्फ छह लोगों ने स्वीकार किया था. मेंडोंसा पांच लोगों को ऑनलाइन गेम में हरा चुके थे, छठवां मैच मैंने जीता. शतरंज का यह खेल सिर्फ तीन मिनट का था. प्रत्येक चाल पर दो सेकंड का इंक्रीमेंट मिलता था. सेंट जॉन्स स्कूल में पढ़ने वाले आयुष ने बताया जैसे ही मैंने मेंडोंसा को हराया, उन्होंने मुझे वेलडन कहा. आयुष 7 साल से चैस खेल रहे हैं और अभी तक कई राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय और प्रादेशिक चैंपियनशिप जीत चुके हैं.

सुबह पांच बजे उठते हैं आयुष

आयुष 1963 में शतरंज के 9वें विश्व विजेता बने रशिया के तिगरान पेट्रोसिअन से प्रेरित हैं. आयुष ने उनसे प्रेरित होकर 2013 में शतरंज खेलना शुरू किया. इसके लिए सुबह पांच बजे उठता हूं और दस घंटे तक शतरंज की पुस्तकें पढ़ता हूं. आयुष ने बताया शतरंज का बड़ा खिलाड़ी बनना चाहता हूं. उनके पिता नरेंद्र शर्मा का कहना है कि खेल में ऊंचा मुकाम हासिल करने के लिए वह नागपुर में के एक विशेषज्ञ से कोचिंग भी ले रहे हैं. साथ ही उनके खानपान और डाइट का पूरा ख्याल रखा जाता है.

बड़ा खिलाड़ी बनना चाहते हैं आयुष

आयुष ने बताया कि वे शतरंज का बड़ा खिलाड़ी बनना चाहते हैं. आयुष ने लॉकडाउन के दौरान कई ऑनलाइन टूर्नामेंट खेले और जीते हैं. आयुष ने 2013 से शतरंज खेलना शुरू किया. अब तक वे 16 नेशनल और एक एशियन के अलावा कई इंटरनेशनल रेटिंग टूर्नामेंट में हिस्सा लेकर पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं.

भारत का कर चुके हैं प्रतिनिधित्व

2019 में आयुष ने भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए विश्व शतरंज चैंपियनशिप अंडर 14 वर्ग में हिस्सा लिया था. वे देश की प्रतिष्ठित चैंपियनशिप में भी अच्छी रैंक प्राप्त कर चुके हैं.

माता-पिता को है गर्व

उनकी मां हमेशा उनके साथ रहती हैं. उनका कहना है कि जब दूसरे प्रतियोगी उनके बेटे का खेल देखकर तारीफ करते हैं, तो उन्हें गर्व महसूस होता है.

खंडवा। शतरंज के 67वें ग्रैंडमास्टर लियोन मेंडोंसा ने ऑनलाइन सभी खिलाड़ियों को चुनौती दी थी. जिसे स्वीकार करते हुए खंडवा आयुष शर्मा ने 2 मिनिट के अंदर शतरंज के खेल में यह इतिहास रचा है. आयुष ने 1 मिनिट 55 सेकंड में उन्हें हरा दिया है. लियोन के चैलेंज को 6 लोगों ने स्वीकार किया था जिसमें से 5 को तो वह हरा चुके थे, लेकिन आयुष ने उन्हें हरा दिया. इसके लिए लियोन ने आयुष को बधाई भी दी. आयुष अब तक 10 से ज्यादा बार एमपी स्टेट चैंपियनशिप जीत चुके हैं और 16 बार राष्ट्रीय स्तर पर खेल चुके हैं. वह चैस की प्रतिष्ठित चैंपियनशिप में आठवीं रैंक हासिल कर चुके हैं.

ऑनलाइन दिया था चैलेंज
कोरोना काल के चलते मेंडोंसा ने चेसबेस डॉट इन वेबसाइट पर खुला चैलेंज दिया था कि कौन उन्हें शतरंज में हराकर दिखाएगा. इस चैलेंज को खंडवा के सौमित्र नगर निवासी 15 साल के आयुष पिता नरेंद्र शर्मा ने स्वीकारा. प्लेचेस वेबसाइट पर ऑनलाइन गेम हुआ और आयुष ने एक मिनट 55 सेकंड में ही मेंडोंका को हरा दिया.

मेंडोंसा ने कहा-वेल डन

आयुष ने बताया कि मेंडोंसा के इस चैलेंज को मुझे मिलाकर सिर्फ छह लोगों ने स्वीकार किया था. मेंडोंसा पांच लोगों को ऑनलाइन गेम में हरा चुके थे, छठवां मैच मैंने जीता. शतरंज का यह खेल सिर्फ तीन मिनट का था. प्रत्येक चाल पर दो सेकंड का इंक्रीमेंट मिलता था. सेंट जॉन्स स्कूल में पढ़ने वाले आयुष ने बताया जैसे ही मैंने मेंडोंसा को हराया, उन्होंने मुझे वेलडन कहा. आयुष 7 साल से चैस खेल रहे हैं और अभी तक कई राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय और प्रादेशिक चैंपियनशिप जीत चुके हैं.

सुबह पांच बजे उठते हैं आयुष

आयुष 1963 में शतरंज के 9वें विश्व विजेता बने रशिया के तिगरान पेट्रोसिअन से प्रेरित हैं. आयुष ने उनसे प्रेरित होकर 2013 में शतरंज खेलना शुरू किया. इसके लिए सुबह पांच बजे उठता हूं और दस घंटे तक शतरंज की पुस्तकें पढ़ता हूं. आयुष ने बताया शतरंज का बड़ा खिलाड़ी बनना चाहता हूं. उनके पिता नरेंद्र शर्मा का कहना है कि खेल में ऊंचा मुकाम हासिल करने के लिए वह नागपुर में के एक विशेषज्ञ से कोचिंग भी ले रहे हैं. साथ ही उनके खानपान और डाइट का पूरा ख्याल रखा जाता है.

बड़ा खिलाड़ी बनना चाहते हैं आयुष

आयुष ने बताया कि वे शतरंज का बड़ा खिलाड़ी बनना चाहते हैं. आयुष ने लॉकडाउन के दौरान कई ऑनलाइन टूर्नामेंट खेले और जीते हैं. आयुष ने 2013 से शतरंज खेलना शुरू किया. अब तक वे 16 नेशनल और एक एशियन के अलावा कई इंटरनेशनल रेटिंग टूर्नामेंट में हिस्सा लेकर पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं.

भारत का कर चुके हैं प्रतिनिधित्व

2019 में आयुष ने भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए विश्व शतरंज चैंपियनशिप अंडर 14 वर्ग में हिस्सा लिया था. वे देश की प्रतिष्ठित चैंपियनशिप में भी अच्छी रैंक प्राप्त कर चुके हैं.

माता-पिता को है गर्व

उनकी मां हमेशा उनके साथ रहती हैं. उनका कहना है कि जब दूसरे प्रतियोगी उनके बेटे का खेल देखकर तारीफ करते हैं, तो उन्हें गर्व महसूस होता है.

Last Updated : Jan 18, 2021, 3:00 PM IST
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