खंडवा। रोहिणी वन परीक्षेत्र में अतिक्रमण हटाने गई पुलिस और वन विभाग की टीम पर अतिक्रमणकारियों ने पथराव कर दिया, इस दौरान उन्होंने विरोध करते हुए जमकर नारेबाजी भी की. वहीं प्रशासन की टीम ने 40 से अधिक टप्पर तोड़े, इस कार्रवाई में 400 से अधिक वन विभाग के कर्मचारी और पुलिसकर्मी मौजूद रहे.
222 एकड़ जमीन को कराया अतिक्रमण मुक्त
वन विकास निगम खंडवा के रोहिणी परिक्षेत्र में कोरोना लॉक डाउन के दौरान आदिवासियों ने अतिक्रमण कर लिया था, लगभग यहां 90 हेक्टेयर (222 एकड़) जमीन पर लगे सावन के बेशकीमती पेड़ों की अंधाधुंध कटाई की गई, यहां पेड़ों को काटकर खेती के लिए भूमि तैयार कर ली गई थी, इसके साथ ही रहने के लिए टप्पर भी बनाए थे, इसकी जानकारी मिलते ही शनिवार को पुलिस और वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और अतिक्रमण को मुक्त कराया.
लाल झंडा लेकर किया विरोध
प्रशासन का अमला करीब 8 बजे मौके पर पहुंचा, जैसे इसकी भनक अतिक्रमणकारियों को लगी, तो वो विरोध में खड़े हो गए, इस विरोध में युवक और महिलाएं शामिल थी, इस दौरान उन्होंने हाथ में लाल झंडा लिए हुई थी. झंडे पर जागृत आदिवासी संगठन लिखा हुआ था, महिलाओं ने 'हम आदिवासी वन ही हमारा जीवन' जैसे नारे लगाते हुए गाने भी गाए.
अतिक्रमणकारियों ने किया पथराव
करीब आधे घंटे तक आदिवासी महिलाएं पुरुष कार्रवाई का विरोध करते रहे, इस बीच पुलिस ने आदिवासियों का नेतृत्व कर रहे एक युवक को गिरफ्तार कर लिया, इससे आदिवासी और अधिक आक्रोशित हो गए, युवक और महिलाओं ने पुलिस और वन विभाग के हमले पर पत्थर फेंकना शुरू कर दिया. हालांकि उनके पथराव का जवाब पुलिस ने शांति से दिया, भारी अमले के साथ घेराबंदी करते हुए अतिक्रमणकारियों को खदेड़ा गया, इसके बाद वन भूमि पर बने हुए उनके टप्परों को जेसीबी मशीन से गिराया गया.
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222 एकड़ जमीन पर था अतिक्रमण
यहां लगभग 222 एकड़ जमीन पर 40 से अधिक टप्पर बनाकर आदिवासी खेती की तैयारी कर रहे थे, दोपहर करीब 2 बजे तक कार्रवाई का सिलसिला जारी रहा, एसडीएम ममता खेड़ी ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान वन विभाग की जमीन पर अतिक्रमण किया गया था, जिसे हटाने के लिए कार्रवाई की गई.