खंडवा। आदिवासी क्षेत्र खालवा के वनग्राम सुहागी में आग ने कोहराम मचाया. बेकाबू आग ने 20 से अधिक मकानों को अपनी जद में ले लिया. अधिंकाश मकानों के लकड़ी से बने होने के कारण आग पर काबू पाने में काफी मशक्कत का सामना करना पड़ा. 3 गैंस की टंकिया ब्लास्ट होने से आदिवासियों की रूह कांप गई. इसके बाद कोई आग बुझाने में आगे आने की हिम्मत नहीं कर सका. जिला मुख्यालय, खालवा, हरसूद और मुंदी के दमकल वाहनों से आग पर काबू पाया जा सका.
आग का विकराल रूप: ग्राम सुहागी वनवासी ग्राम है. यहां आदिवासी समाज के लोग रहते हैं. सोमवार को अचानक एक मकान में आग लग गई थी. ग्रामीण कुछ कर पाते इससे पहले हवा के साथ आगे एक-एक कर 20 से अधिक मकानों में फैल गई. इस दौरान घरों में परिवार था जो अपनी जान बचाकर घरों से निकलकर भागा. कोई अपने बच्चे को लेकर भाग रहा था तो कोई अपने मवेशियों की जान बचाने में लगा था. इधर आग भयावह होती जा रही थी. इस भयावह आग में आदिवासियों का राशन और मेवशी भी जल गए. 5 से अधिक मवेशियों की जानकारी सामने आई है. खालवा टीआई गणपत कनेल ने बताया कि आग पर काबू पाया गया है. राजस्व विभाग के अधिकारी नुकसान का आंकलन कर रहे हैं.
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गैस सिलेंडर फटने से हड़कंप: आग को दूसरे मकानों तक जाने से रोकने के लिए लोग घरों से पानी डालकर बुझाने का प्रयास कर रहे थे. इस दौरान एक-एक कर 3 घरों में रखी घरेलू गैंस की टंकी ब्लास्ट हो गई. यह किसी बम धमाके की तरह रहा. इसके बाद किसी ने भी जोखिम उठाकर आग बुझाने की कोशिश नहीं की. इस बीच सूचना मिलने पर खालवा थाने से पुलिसकर्मी दमकल वाहनों के साथ गांव पहुंचे. आग के विकराल रूप को देखते हुए हरसूद, खंडवा और मूंदी से भी दमकल वाहनों को बुलाया गया. इसके बाद कहीं जाकर आग पर काबू पाया जा सका. शाम करीब 7 बजे तक आग को पूरी तरह से बुझाने में दमकलकर्मी और ग्रामीण लगे रहे.
20 परिवार बेघर: आग में 20 से अधिक मकान जले हैं. इनके मुंशी पिता सीताराम, मोहन पिता सीताराम, हरिचंद पिता मंगल, बुढ़ा पिता विश्राम, शंकर पिता मंगल, शिवलाल पिता मनांग, मांगीलाल पिता मनांग,श्यामलाल पिता विश्राम, शिकारी पिता विश्राम, राकेश पिता परसराम, किशोर पिता बाटू, प्रवीश पिता महेश, गोपाल पिता मानू, चंपालाल पिता विश्राम, कन्हैयालाल पिता विश्राम, दीपक पिता मोहन, मंगल पिता रामलाल और सोमा के नाम सामने आए हैं.