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जानलेवा लापरवाही:नींद में RTO, बेलगाम बसें

जिले में रूटीन चेकिंग के दौरान बसों में कई खामियां मिली. इतने दिनों तक विभाग नींद में था. चेकिंग से परिवहन विभाग की भी पोल खुल गई. सवाल जवाब RTO से भी होने चाहिए.

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Published : Feb 18, 2021, 6:25 PM IST

flaws in chicking
लापरवाही पड़ेगी भारी

कटनी। रूटीन चेकिंग में बिना फिटनेस और दस्तावेजों के दौड़ती दो बसें पकड़ी गई हैं. ये बसें कटनी जबलपुर के बीच कई महीनों से चल रही थीं . सीधी बास हादसा नहीं होता, तो ये बसें यूं ही चलती रहतीं. इन बसों को देखने और जांच करने का ना तो कटनी RTO के पास समय था और ना ही जबलपुर RTO के पास .

जब जागो, तभी सवेरा

RTO एमडी मिश्रा ने बताया कि दो दिनों की जांच के दौरान कटनी से जबलपुर के बीच चल रहीं दो बसों को थाने में खड़ा कर दिया है. ये बसें बिना दस्तावेज के चल रही थीं. क्षमता से ज्यादा सवारियां ले जाने के कारण 10 बसों पर जुर्माना लगाया गया है. गुरुवार को सुबह से दोपहर तक पन्ना मोड़ पर 55 बसों की जांच की गई. इनमें कई कमियां मिलीं. ज्यादातर बसों में आपातकालीन खिड़कियों को बंद कर उनके स्थान पर सीट लगाई हुई थी. इन बसों पर भी जुर्माना लगाया गया.

सोता रहा RTO !

51 मौतों के बाद खुली नींद! परिवहन मंत्री ने किया बसों का निरीक्षण

ये लापरवाही भारी पड़ेगी

परिवहन विभाग हर महीने जांच करने का दावा तो करता है, लेकिन हकीकत में ऐसा होता नहीं है. जिस तरह जांच के दौरान करीब 50 बसों की आपातकालीन खिड़कियां बंद मिली, उससे विभाग के दावे पर सवाल खड़े होते हैं. विभाग ऐसे ही लापरवाह रहा, तो सीधी जैसा हादसा कभी भी, कहीं भी हो सकता है.



कटनी। रूटीन चेकिंग में बिना फिटनेस और दस्तावेजों के दौड़ती दो बसें पकड़ी गई हैं. ये बसें कटनी जबलपुर के बीच कई महीनों से चल रही थीं . सीधी बास हादसा नहीं होता, तो ये बसें यूं ही चलती रहतीं. इन बसों को देखने और जांच करने का ना तो कटनी RTO के पास समय था और ना ही जबलपुर RTO के पास .

जब जागो, तभी सवेरा

RTO एमडी मिश्रा ने बताया कि दो दिनों की जांच के दौरान कटनी से जबलपुर के बीच चल रहीं दो बसों को थाने में खड़ा कर दिया है. ये बसें बिना दस्तावेज के चल रही थीं. क्षमता से ज्यादा सवारियां ले जाने के कारण 10 बसों पर जुर्माना लगाया गया है. गुरुवार को सुबह से दोपहर तक पन्ना मोड़ पर 55 बसों की जांच की गई. इनमें कई कमियां मिलीं. ज्यादातर बसों में आपातकालीन खिड़कियों को बंद कर उनके स्थान पर सीट लगाई हुई थी. इन बसों पर भी जुर्माना लगाया गया.

सोता रहा RTO !

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ये लापरवाही भारी पड़ेगी

परिवहन विभाग हर महीने जांच करने का दावा तो करता है, लेकिन हकीकत में ऐसा होता नहीं है. जिस तरह जांच के दौरान करीब 50 बसों की आपातकालीन खिड़कियां बंद मिली, उससे विभाग के दावे पर सवाल खड़े होते हैं. विभाग ऐसे ही लापरवाह रहा, तो सीधी जैसा हादसा कभी भी, कहीं भी हो सकता है.



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