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खनिज विभाग ने लगाई रेत खनन पर रोक, एक जुलाई तक बंद रहेगी सभी खदानें - एनजीटी के निर्देश

कटनी जिले में खनिज विभाग ने सभी 49 रेत खदानों से उत्खनन बंद करने का आदेश जारी कर दिया है. इस दौरान रेत स्टॉक से ही रेत की आपूर्ति की जाएगी. पहले ये रोक 15 जून तक लग जाया करती थी, लेकिन इस बार खनिज विभाग उदासीनता के चलते जून महीने के अंतिम दिन रोक लगाई जा रही है.

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कटनी
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Published : Jul 1, 2020, 2:12 AM IST

कटनी। जिले में खनिज विभाग ने सभी 49 रेत खदानों से उत्खनन बंद करने का आदेश जारी कर दिया है. इस दौरान रेत स्टॉक से ही रेत की आपूर्ति की जाएगी. पहले ये रोक 15 जून तक लग जाया करती थी, इस बार खनिज विभाग उदासीनता के चलते जून महीने के अंतिम दिन रोक लगाई जा रही है. जिससे मछली प्रजनन पर भारी असर पड़ेगा. साथ ही बिना अनुमति के अधाधुंध रेत खनन से शासन को लाखों रुपयों का नुकसान होगा.

एनजीटी के निर्देशानुसार हर साल बारिश के दौरान 15 जून से 31 अक्टूबर के बीच रेत खनन पर प्रतिबंध लगा दिया जाता था. लेकिन इस बार जून के आखिरी दिन यानी 30 जून को रात 12 बजे से खनन पर रोक लगाने का आदेश जारी किया गया है. बताया जा रहा है कि मानसून के सीजन में रेत खनन की प्रक्रिया का सीधा असर नदी के में पलने वाले जीवों पर पड़ता है. यह समय मछलियों के प्रजनन का होता है. वहीं इस समय नदियों में मछली पकड़ने पर पूरी तरह रोक रहती है. लेकिन जिला प्रशासन ढुलमुल रवैये के चलते इस साल नियम-कानूनों को ताक में रखकर रेत माफियाओं से रेत खनन कराया गया. जिससे जलीय जीवन पर खासा असर पड़ेगा.

हालांकि रेत कारोबारी एक माह पहले से ही रेत का स्टॉक कर रहे हैं. खास बात यह है कि इस बार कटनी जिले की सभी रेत खदानों में एक ही कंपनी को रेत का ठेका मिला है. जिस कारण से जिले में मनमाने तरीके से रेत खनन किया गया.इससे शासन को लाखों का नुकसान हुआ है. यहां तक कि लॉकडाउन के दौरान रेत खदाने केवल खनिज कार्यालय के कागजों पर बंद थी. जबकि हकीकत ये थी कि लॉकडाउन के दौरान भी रेत का परिवहन नहीं रुका था.

कटनी। जिले में खनिज विभाग ने सभी 49 रेत खदानों से उत्खनन बंद करने का आदेश जारी कर दिया है. इस दौरान रेत स्टॉक से ही रेत की आपूर्ति की जाएगी. पहले ये रोक 15 जून तक लग जाया करती थी, इस बार खनिज विभाग उदासीनता के चलते जून महीने के अंतिम दिन रोक लगाई जा रही है. जिससे मछली प्रजनन पर भारी असर पड़ेगा. साथ ही बिना अनुमति के अधाधुंध रेत खनन से शासन को लाखों रुपयों का नुकसान होगा.

एनजीटी के निर्देशानुसार हर साल बारिश के दौरान 15 जून से 31 अक्टूबर के बीच रेत खनन पर प्रतिबंध लगा दिया जाता था. लेकिन इस बार जून के आखिरी दिन यानी 30 जून को रात 12 बजे से खनन पर रोक लगाने का आदेश जारी किया गया है. बताया जा रहा है कि मानसून के सीजन में रेत खनन की प्रक्रिया का सीधा असर नदी के में पलने वाले जीवों पर पड़ता है. यह समय मछलियों के प्रजनन का होता है. वहीं इस समय नदियों में मछली पकड़ने पर पूरी तरह रोक रहती है. लेकिन जिला प्रशासन ढुलमुल रवैये के चलते इस साल नियम-कानूनों को ताक में रखकर रेत माफियाओं से रेत खनन कराया गया. जिससे जलीय जीवन पर खासा असर पड़ेगा.

हालांकि रेत कारोबारी एक माह पहले से ही रेत का स्टॉक कर रहे हैं. खास बात यह है कि इस बार कटनी जिले की सभी रेत खदानों में एक ही कंपनी को रेत का ठेका मिला है. जिस कारण से जिले में मनमाने तरीके से रेत खनन किया गया.इससे शासन को लाखों का नुकसान हुआ है. यहां तक कि लॉकडाउन के दौरान रेत खदाने केवल खनिज कार्यालय के कागजों पर बंद थी. जबकि हकीकत ये थी कि लॉकडाउन के दौरान भी रेत का परिवहन नहीं रुका था.

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