कटनी। मध्य प्रदेश के कटनी जिले के शासकीय जिला चिकित्सालय में इलाज के दौरान प्रसूता की मौत का मामला सामने आया है. जिसमें परिजनों ने समय पर इलाज नहीं करने व लापरवाही बरतने के आरोप लगाते हंगामा भी किया. उक्त हंगामे की सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने समझा कर परिजनों को शांत किया. वहीं सिविल सर्जन ने मामले की जांच के निर्देश दिए हैं.
स्टाफ ने किया अनसुना: जानकारी के अनुसार मृतका के जीजा बड़बारा निवासी अजय चौधरी नें बताया कि उनकी साली महिमा चौधरी पति संतराम चौधरी को प्रसव पीड़ा होने के चलते शासकीय जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया था. जहां रात तीन बजे के लगभग महिमा ने नवजात को जन्म दिया, जिसके बाद से महिमा का रक्त स्त्राव और पीड़ा बंद नहीं हूई. जिसके लिए परिजनों नें महिला चिकित्सक को बुलाने के लिए अस्पताल में मौजूद स्टाफ से कहा, लेकिन स्टाफ द्वारा यह कहकर फटकार लगाई गई कि महिला विशेषज्ञ चिकित्सक द्वारा जो दवाईयां लिखी गई हैं. उसी के अनुसार दवाईयां दी जा रही हैं.
समय पर इलाज न मिलने पर हुई महिला की मौत: साथ ही परिजनों का आरोप है कि, यहां महिमा को भर्ती तो कर लिया गया, लेकिन किसी ने सही इलाज नहीं किया. हालत बिगड़ती देख उन्होंने स्टाफ से डाक्टर को बुलाकर मरीज को देखने के लिए कहा, लेकिन स्टाफ ने कहा कि डाक्टर जब आएंगे, वही देखेंगे. तीन-चार घंटे गुजरने के बाद भी डाक्टर महिला को देखने नहीं आई. जब महिमा की हालत बहुत ज्यादा बिगड़ गई तब महिला चिकित्सक डाक्टर सीमा शिवहरे सुबह 5 बजे के लगभग महिला को ओटी में लेकर गईं. जिसके लगभग 20 मिनट के बाद महिला की हालत और खराब होने लगी और सांस फूलने लगी. लिहाजा कुछ देर बाद ही महिमा ने दम तोड़ दिया.
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डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप: महिला की मौत से गुस्साए परिजनों ने अस्पताल परिसर में हंगामा किया. उन्होंने चिकित्सकों पर लापरवाही बरतने और समय पर इलाज नहीं करने के भी आरोप लगाए. वहीं इस मामले में सिविल सर्जन डॉ. यशवंत वर्मा से शिकायत करने पर कहा गया कि, अगर महिला की मौत इलाज में लापरवाही के कारण हुई है तो इसकी जांच की जाएगी.