कटनी। होली के बाद जिंदगी मुश्किल दौर से गुजर रही है, कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाने के लिए किए गए लॉकडाउन की वजह से पिछले 4 माह से उद्योग धंधे और कारोबार ठप पड़े हैं. लॉकडाउन खुलने के बाद भी इनकी रफ्तार जस की तस है. ऐसी स्थिति में हजारों छोटे-बड़े उद्योगों का बदहाली के समुद्र में डूब जाने का खतरा पैदा हो गया है. उद्यमियों ने हिम्मत नहीं हारी है. उन्हें भरोसा है कि अगर सरकार टैक्स, बिजली, ब्याज जैसी चुनौतियों पर राहत पैकेज दे तो अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट सकती है.
हालात तो पूरे देश के खराब हैं, लेकिन मध्यप्रदेश के कटनी स्थित स्लीमनाबाद मार्बल उद्योग क्षेत्र की स्थिति इन दिनों काफी खराब है. करीब 100 स्थापित उद्योगों की स्थिति एक जैसी हो गई है, उत्पादन ठप है और महज 10% उद्योग ही उत्पादन कर रहे हैं. कामगारों का वेतन, बैंक के कर्ज का ब्याज, बिजली का बिल और अन्य जरूरी चार्ज देना ही देना है.
मार्बल विक्रेता कहते हैं कि कारोबारी को नए सिरे से खड़ा होने के लिए सरकार को न्यूनतम ब्याज पर 4 वर्ष के लिए कर्ज उपलब्ध कराना चाहिए. 2 वर्षों के जीएसटी का रिफंड देना चाहिए और अगले 2 वर्ष तक जीएसटी माफ करना चाहिए, तभी उद्यमी की कमर सीधी हो सकेगी.
मार्बल माइंस संचालक कहते हैं कि ये अवसर बनाने की जरूरत है, छोटे व मझोले उद्योग ही भारत को मजबूत कर सकते हैं. सरकार को बिजली, टैक्स और राहत पैकेज का ऐलान करना चाहिए, ताकि बंद पड़े उद्योग पुनः शुरु हो जाएं, ताकि कटनी जिले में हमेशा बारडोली का तमगा बरकरार रहे.