कटनी। जहां एक तरफ सरकार ने लॉकडाउन के दौरान मजदूरों के हित में फैसला लेते हुए सभी ग्राम पंचायतों को मनरेगा के कार्यों को संचालित करने की अनुमति दी है. जिससे से ग्रामीण क्षेत्र के मजदूरों को भूखमरी का सामना न करना पड़े. वहीं दूसरी तरफ सरपंच सचिव इस महामारी के दौर में भी मजदूरों का हक मारने में लगे हुए हैं.
ताजा मामला कटनी के बड़वारा जनपद क्षेत्र के पथवारी ग्राम पंचायत से सामने आया है. जहां मनरेगा के तहत काम कर रहे कई दर्जनों मजदूर उचित मूल्य में मजदूरी नहीं मिलने पर पंचायत के सामने धरने में बैठ गए हैं.
मजदूरों ने बताया कि ग्राम पंचायत सचिव के द्वारा मनरेगा के तहत चल रहे तालाब गहरीकरण कार्य मे प्रति व्यक्ति को एक दिन की मजदूरी 190 रु. देने की बात कही गई थी. वहीं कई हफ्तों तक कड़ी मेहनत के साथ काम कराया गया उसके बाद जब पैसे देने की बारी आई तो 160 रु के दर से पैसा दिया जा रहा हैं, जिससे हमारा इस लॉक डाउन में गुजारा नहीं हो पायेगा.
लॉकडाउन के चलते दो महीने से गरीबी की मार झेल रहे थे काम मिलने के बाद पैसे मिलने की उम्मीद थी लेकिन उस में भी सरपंच सचिव कटौती कर रहे है. जिसके विरोध में सभी मजदूर तालाब निर्माण कार्य बंद कर पंचायत कार्यालय के सामने बैठे हुए हैं.
बता दें कि महिला समेत मजदूर सुबह से पंचायत के सामने कई दर्जनों की संख्या में धरने पर बैठे हुए हैं, लेकिन कोई भी जिम्मेदार अधिकारी इनसे बात करने के लिए नहीं पहुंचा है. वहीं मजदूर भी न्याय नहीं मिलने तक धरने में बैठने की बात कह रहे हैं.