कटनी। नर्मदा की दायीं तट नहर के निर्माण के दौरान स्लीमनाबाद के पास अंडर ग्राउंड टनल निर्माण का काम हो रहा, जिसे इस साल जून माह में पूरा होना है, लेकिन अभी भी उसमें अड़चनें आ रही हैं. कुछ महीने पहले टनल निर्माण काम में लगी बड़ी मशीन के सुधार कार्य के दौरान हादसा हो गया था, इसकी वजह से स्लीमनाबाद बस्ती के पास घरों में दरारें आने पर काम प्रभावित हो गया था. अब एक बार फिर से श्रमिकों को मजदूरी का भुगतान न होने के कारण उनके हड़ताल पर जाने की आशंका बन रही है और इसके चलते फिर से काम प्रभावित हो सकता है.
तीन माह से मजदूरों का बकाया पैसा: मजदूरों को उनकी कमाई के पैसे नहीं मिलने के पीछे निर्माण कंपनी और मजदूर उपलब्ध कराने वाले ठेकेदार के बीच राशि के भुगतान को लेकर पेंच फंसा हैं. कंपनी ठेकेदार से अनुबंध समाप्त करते हुए सीधे मजदूरों को राशि देने की बात कह रही है, तो दूसरी ओर ठेकेदार अपनी बकाया राशि देने के लिए भुगतान उसके खाते में डालने पर अड़ा है. इसको लेकर उसने नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के अधिकारियों से लेकर श्रम विभाग तक में शिकायत दर्ज कराई है. स्लीमनाबाद से सलैया फाटक तक लगभग 11 किलोमीटर के अंडर ग्राउंड नहर का निर्माण किया जा रहा है. अभी लगभग तीन किलोमीटर का निर्माण कार्य बाकी है.
नहर निर्माण कंपनी से परेशान मजदूरों ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
ठेकेदार से राशि लेना चाहते हैं मजदूर: इस निर्माण में स्थानीय युवकों को काम पर लगाया गया है. यहां राबिन्स कंपनी पिछले 4 साल से दिल्ली की कंपनी सैटर्न फैसिलिटी सर्विसेज से अनुबंध करते हुए उनके माध्यम से श्रमिकों से काम ले रही है. श्रमिकों को नवंबर से लेकर जनवरी तक की राशि का भुगतान नहीं किया गया है. कंपनी में लगभग दो सैकड़ा मजदूर काम कर रहे हैं, जिनको पिछले 3 माह से परेशानी उठानी पड़ रही है. श्रमिकों ने बताया कि जिस कंपनी में वे अभी काम कर रहे हैं वो सीधे उनके खाते में पैसा देना चाहती है, लेकिन मजदूर ठेकेदार के माध्यम से राशि लेना चाहते हैं. ताकि पूर्व में उनका जो पीएफ जमा नहीं हुआ है, वो जमा हो सके. दूसरी ओर सैटर्न फैसिलिटी सर्विसेज संचालक चंद्रमोहन त्यागी का कहना है कि, राबिन्स से उनको पहले का 4 करोड़ का भुगतान लेना है और उसके बाद वह 6 करोड़ हो गया है, जिसमें मजदूरों की 3 माह की मजदूरी भी शामिल है.