कटनी। जिला अस्पताल के एसएनसीयू में नर्सिंग स्टाफ की गंभीर लापरवाही सामने आई है. 29 दिन के नवजात बच्चे को मृत बताकर उसे परिजनों को लौटा दिया गया था, लेकिन जब परिजनों को आशंका हुई कि बच्चे की सांसे चल रही हैं तो उन्होंने ओपीडी में जाकर डॉक्टर से जांच कराई, जिसमें पता चला की बच्चा जिंदा है और बच्चे की सांसे चल रही थीं. वहीं, इस मामले पर सिविल सर्जन का गैर जिम्मेदाराना बयान सामने आया है. वे लापरवाह स्टाफों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय उन्हें बचाने में जुटे हुए हैं. (katni hospital civil surgeon covered mistake staff)
स्टाफ ने बच्चे को किया मृत घोषित: बच्चे के स्वस्थ होने पर उसे छुट्टी दे दी गई थी और जच्चा-बच्चा दोनों घर चले गए थे. गुरुवार को बच्चे की अचानक तबीयत बिगड़ गई, जिसके बाद परिजनों ने उसे एसएनसीयू में भर्ती कराया. इलाज के दौरान नर्सिंग स्टाफ ने बच्चे के परिजनों से कहा कि बच्चे की सांसे नहीं चल रही है आप इसको घर लें जाएं. जब परिजन बच्चे को अस्पताल से बाहर लेकर आए तो उन्हें आभास हुआ कि बच्चे की सांसे चल रही है. जिसके बाद उन्होंने ओपीडी में बैठे एक डॉक्टर से जांच कराई तो बच्चे की धड़कन चल रही थी. इस पर तत्काल परिजन बच्चे को निजी अस्पताल लेकर पहुंचे जहां उपचार जारी है. (living newborn called dead in katni hospital)
लापरवाही की हद ! लिफ्ट में फंसी रहीं जिंदगियां, घंटों मशक्कत के बाद निकाला गया बाहर
सिविल सर्जन का गैर जिम्मेदाराना बयान: इस मामले को लेकर सिविल सर्जन डॉ. यशवंत वर्मा ने कहा कि "बच्चे की सांसे नहीं चल रही थी, इसलिए स्टाफ ने ऐसा किया होगा. परिजन बिना बताए अस्पताल से उसे ले गए हैं. हमारी हमेशा कोशिश होती है कि यहां पर प्रत्येक बच्चा स्वस्थ रहे." सिविल सर्जन डॉ. यशवंत वर्मा ने मीडिया को बताया कि, "बच्चे की हृदयगति चल रही थी, लेकिन सांसे बंद थी और नर्सिंग स्टाफ ने बच्चे को मृत घोषित नहीं किया था. परिजन बिना बताए बच्चे को अस्पताल से ले गए". (katni district hospital baby ward staff negligence)