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अस्पताल उठा रहे आयुष्मान कार्ड का लाभ, एक इलाज का डबल चार्ज! मरीजों से वसूल रहे खर्च, कार्ड से भी निकाल रहे पैसा

गरीबों को मुफ्त इलाज के लिए आयुष्मान योजना की शुरूआत की गई थी, लेकिन ये योजना गरीबों से ज्यादा अस्पतालों के मुफ्त इलाज में काम (GG Nursing Home fraud with Ayushman card holders) आ रही है. नीचे से ऊपर तक शिकायत करने के बावजूद पीड़ितों को इंसाफ नहीं मिल पा रहा है.

GG Nursing Home fraud with Ayushman card holders
अस्पताल उठा रहे आयुष्मान कार्ड का लाभ
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Published : Jan 1, 2022, 1:47 PM IST

कटनी। केंद्र व राज्य सरकार निर्धन-असहाय जनों को सस्ता-सुलभ उपचार मुहैया कराने के उद्देश्य से आयुष्मान कल्याण योजना शुरु किया था, ताकि गरीब भी प्राइवेट व निजी अस्पताल (GG Nursing Home fraud with Ayushman card holders) में इलाज करा सके. कुछ दिन पूर्व कटनी में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा बरगवां नेहरू वार्ड में भ्रमण कर राह चलती महिलाओं से पूछते नजर आए थे कि उन्हें आयुष्मान कार्ड से अस्पताल में इलाज कराने का लाभ मिल रहा है या नहीं. जिसने आयुष्मान कार्ड नहीं बनवाया है वो बनवा ले. तब कुछ महिलाओं ने सांसद को बताया था कि कहीं कोई लाभ नहीं मिलता आयुष्मान कार्ड का. यह बात तो तय है आमजन गरीब को लाभ मिले या न मिले, लेकिन निजी अस्पताल इस योजना के नाम का लाभ अवश्य ले रहे हैं.

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कलेक्टर से गुहार भी नहीं दिला पाई इंसाफ

मामला-1: 80 वर्षीय निर्धन फदाली राम पटेल ने निजी क्लीनिक में इलाज कराया, जहां उनसे 70 से 80 हजार रुपये ऐंठ लिए गए और आयुष्मान कार्ड के जरिए ₹32310 जीजी नर्सिग होम के संचालक डॉक्टर विकास गुप्ता ने निकलवा लिया. वृद्ध ने कटनी कलेक्टर को आवेदन देकर अस्पताल द्वारा ली गई नकदी वापस दिलाने की गुहार लगाई, जिस पर C.M.H.O. प्रदीप मुड़िया को जांच के लिए कलेक्टर ने आदेशित किया था, पर आज तक उसका मुकम्मल हल नहीं निकल सका.

इलाज का 2-2 बार चार्ज वसूल रहा अस्पताल
मामला-2: कुछ दिनों बाद जीजी नर्सिंग होम में ही शंकर लाल विश्वकर्मा ने इलाज कराया था. पीड़ित ने कटनी कलेक्टर प्रियंक मिश्रा, कटनी SDM, CMHO को आवेदन देकर इंसाफ की गुहार लगाया था. आवेदन में बताया कि रीढ़ की हड्डी टूटने पर जीजी नर्सिंग होम में इलाज कराया था, जहां डॉक्टर विकास गुप्ता ने 22 हजार और 50 हजार रुपये दो किश्तों में जमा करवाया था. फिर आयुष्मान कार्ड भी जमा करा लिया और 15 दिन बाद जब अस्पताल से छुट्टी हुई तब ये कहकर आयुष्मान कार्ड वापस कर दिया कि तुम्हारा कार्ड से इलाज नहीं हो सकता, जबकि उसी आयुष्मान ID से 54000 रुपए की राशि निकाली गई है.

बिना बिल के अस्पताल ने कराया भुगतान

शंकर लाल ने बताया कि आयुष्मान कार्ड से इलाज में छूट मिलती है तो डॉक्टर विकास गुप्ता ने कहा कि छूट की राशि वापस कर देंगे, पर आज तक छूट की राशि मिली नहीं. पीड़ित आयुष्मान लाभ की राशि पाने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट (Hospital cheating ayushman card holder patient) रहा है. वहीं फदाली राम और शंकर लाल का कहना है कि अस्पताल ने इलाज के लिए दिए गए पैसे का बिल भी नहीं दिया है.

आयुष्मान योजना की मलाई काट रहे अस्पताल

आयुष्मान योजना के लिए चिह्नित अस्पतालों-निजी क्लीनिकों में उपलब्ध होता है, जहां आमजन गरीब निःसहाय निर्धन को सरकार की योजना के जरिए इलाज किया जाना सुनिश्चित किया गया है, ऐसे में सरकार की योजना को पलीता लगाने वाले अस्पताल डॉक्टर समाज के लिए ही नहीं वरन सरकारी योजनाओं से आमजन को अछूता बनाना चाहते हैं, ऐसे संस्थान पर सरकार कार्रवाई करेगी या नहीं.

कलेक्टर ने दिया जांच का आश्वासन

कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने कहा कि आयुष्मान कार्ड में कौन-कौन सी बीमारी सम्मिलित की गई है, उसकी जानकारी आयुष्मान कार्डधारकों को नहीं है, जिसके चलते यह समस्या हो रही है. शंकर लाल का बेटा जनसुनवाई में आया था, जिसकी गहराई से जांच कराएंगे, जो दोषी पाया जायेगा उसके ऊपर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. अब देखना ये है कि क्या इन गरीबों को न्याय मिल पायेगा या नहीं.

कटनी। केंद्र व राज्य सरकार निर्धन-असहाय जनों को सस्ता-सुलभ उपचार मुहैया कराने के उद्देश्य से आयुष्मान कल्याण योजना शुरु किया था, ताकि गरीब भी प्राइवेट व निजी अस्पताल (GG Nursing Home fraud with Ayushman card holders) में इलाज करा सके. कुछ दिन पूर्व कटनी में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा बरगवां नेहरू वार्ड में भ्रमण कर राह चलती महिलाओं से पूछते नजर आए थे कि उन्हें आयुष्मान कार्ड से अस्पताल में इलाज कराने का लाभ मिल रहा है या नहीं. जिसने आयुष्मान कार्ड नहीं बनवाया है वो बनवा ले. तब कुछ महिलाओं ने सांसद को बताया था कि कहीं कोई लाभ नहीं मिलता आयुष्मान कार्ड का. यह बात तो तय है आमजन गरीब को लाभ मिले या न मिले, लेकिन निजी अस्पताल इस योजना के नाम का लाभ अवश्य ले रहे हैं.

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कलेक्टर से गुहार भी नहीं दिला पाई इंसाफ

मामला-1: 80 वर्षीय निर्धन फदाली राम पटेल ने निजी क्लीनिक में इलाज कराया, जहां उनसे 70 से 80 हजार रुपये ऐंठ लिए गए और आयुष्मान कार्ड के जरिए ₹32310 जीजी नर्सिग होम के संचालक डॉक्टर विकास गुप्ता ने निकलवा लिया. वृद्ध ने कटनी कलेक्टर को आवेदन देकर अस्पताल द्वारा ली गई नकदी वापस दिलाने की गुहार लगाई, जिस पर C.M.H.O. प्रदीप मुड़िया को जांच के लिए कलेक्टर ने आदेशित किया था, पर आज तक उसका मुकम्मल हल नहीं निकल सका.

इलाज का 2-2 बार चार्ज वसूल रहा अस्पताल
मामला-2: कुछ दिनों बाद जीजी नर्सिंग होम में ही शंकर लाल विश्वकर्मा ने इलाज कराया था. पीड़ित ने कटनी कलेक्टर प्रियंक मिश्रा, कटनी SDM, CMHO को आवेदन देकर इंसाफ की गुहार लगाया था. आवेदन में बताया कि रीढ़ की हड्डी टूटने पर जीजी नर्सिंग होम में इलाज कराया था, जहां डॉक्टर विकास गुप्ता ने 22 हजार और 50 हजार रुपये दो किश्तों में जमा करवाया था. फिर आयुष्मान कार्ड भी जमा करा लिया और 15 दिन बाद जब अस्पताल से छुट्टी हुई तब ये कहकर आयुष्मान कार्ड वापस कर दिया कि तुम्हारा कार्ड से इलाज नहीं हो सकता, जबकि उसी आयुष्मान ID से 54000 रुपए की राशि निकाली गई है.

बिना बिल के अस्पताल ने कराया भुगतान

शंकर लाल ने बताया कि आयुष्मान कार्ड से इलाज में छूट मिलती है तो डॉक्टर विकास गुप्ता ने कहा कि छूट की राशि वापस कर देंगे, पर आज तक छूट की राशि मिली नहीं. पीड़ित आयुष्मान लाभ की राशि पाने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट (Hospital cheating ayushman card holder patient) रहा है. वहीं फदाली राम और शंकर लाल का कहना है कि अस्पताल ने इलाज के लिए दिए गए पैसे का बिल भी नहीं दिया है.

आयुष्मान योजना की मलाई काट रहे अस्पताल

आयुष्मान योजना के लिए चिह्नित अस्पतालों-निजी क्लीनिकों में उपलब्ध होता है, जहां आमजन गरीब निःसहाय निर्धन को सरकार की योजना के जरिए इलाज किया जाना सुनिश्चित किया गया है, ऐसे में सरकार की योजना को पलीता लगाने वाले अस्पताल डॉक्टर समाज के लिए ही नहीं वरन सरकारी योजनाओं से आमजन को अछूता बनाना चाहते हैं, ऐसे संस्थान पर सरकार कार्रवाई करेगी या नहीं.

कलेक्टर ने दिया जांच का आश्वासन

कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने कहा कि आयुष्मान कार्ड में कौन-कौन सी बीमारी सम्मिलित की गई है, उसकी जानकारी आयुष्मान कार्डधारकों को नहीं है, जिसके चलते यह समस्या हो रही है. शंकर लाल का बेटा जनसुनवाई में आया था, जिसकी गहराई से जांच कराएंगे, जो दोषी पाया जायेगा उसके ऊपर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. अब देखना ये है कि क्या इन गरीबों को न्याय मिल पायेगा या नहीं.

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