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लॉकडाउन में अन्नदाता झेल रहा दोहरी मार, गेहूं बेचने पर शासन कर रहा कर्ज वसूली - कटनी न्यूज

एक तरफ कोरोना महामारी का प्रकोप लोगों के लिए मुसीबत का सबब बना हुआ है, लोग आर्थिक तंगी का सामना करने को मजबूर हैं. वही दूसरी तरफ लॉकडाउन जैसी बुरी परिस्थितियों में सरकार किसानों से कर्ज वसूलने में लगी हुई है. कटनी जिले के बड़वारा में किसान समर्थन मूल्य पर गेहूं बेच कर कर्ज की भरपाई करने में लगे हुए हैं.

Farmers upset over loan cuts from accounts on selling wheat amid lockdown in Katni
लॉकडाउन में अन्नदाता झेल रहा दोहरी मार
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Published : May 1, 2020, 8:26 PM IST

कटनी। इन दिनों पूरे प्रदेश भर के साथ-साथ कटनी जिले में भी शासन द्वारा दी हुई गाइडलाइन के मुताबिक किसानों से गेहूं खरीदा जा रहा है. लेकिन अन्नदाता अपना अनाज शासन को बेच कर मायूस होते नजर आ रहे हैं. बड़वारा क्षेत्र के कई किसानों के खाते में कर्ज होने की वजह से जिला सहकारी बैंक बड़वारा द्वारा खातों से पैसे काट लिए गए, जिसके बाद किसान को सिर्फ मायूसी ही हाथ लगी.

शायद यही वजह है की दूसरे किसान अपना अनाज बेचना मुनासिब नहीं समझ रहे हैं. आरबीआई ने सारे प्राइवेट बैंकों और फाइनेंस कम्पनियों को लोन की EMI तीन महीनों तक रोकने को कहा है, फिर सरकार इन परिस्थितियों मे अन्नदाताओं के साथ अन्याय क्यों कर रही है.

किसानों की मानें तो आमदानी का एक मात्र यही जरिया है, हमारा जीवन खेती किसानी पर निर्भर है. लेकिन लॉकडाउन के चलते आर्थिक स्थिति खराब हो गई. गेहूं बिकने के बाद हालात अच्छे होने की उम्मीद थी, लेकिन सहकारी बैंक से लिए हुए कर्जे के कारण आधी राशि काट ली गई. जिला सहकारी बैंक बड़वारा के प्रबंधक के मुताबिक किसानों के खाते से पैसे की कटौती शासन के दिशा निर्देश पर की जा रही है.

कटनी। इन दिनों पूरे प्रदेश भर के साथ-साथ कटनी जिले में भी शासन द्वारा दी हुई गाइडलाइन के मुताबिक किसानों से गेहूं खरीदा जा रहा है. लेकिन अन्नदाता अपना अनाज शासन को बेच कर मायूस होते नजर आ रहे हैं. बड़वारा क्षेत्र के कई किसानों के खाते में कर्ज होने की वजह से जिला सहकारी बैंक बड़वारा द्वारा खातों से पैसे काट लिए गए, जिसके बाद किसान को सिर्फ मायूसी ही हाथ लगी.

शायद यही वजह है की दूसरे किसान अपना अनाज बेचना मुनासिब नहीं समझ रहे हैं. आरबीआई ने सारे प्राइवेट बैंकों और फाइनेंस कम्पनियों को लोन की EMI तीन महीनों तक रोकने को कहा है, फिर सरकार इन परिस्थितियों मे अन्नदाताओं के साथ अन्याय क्यों कर रही है.

किसानों की मानें तो आमदानी का एक मात्र यही जरिया है, हमारा जीवन खेती किसानी पर निर्भर है. लेकिन लॉकडाउन के चलते आर्थिक स्थिति खराब हो गई. गेहूं बिकने के बाद हालात अच्छे होने की उम्मीद थी, लेकिन सहकारी बैंक से लिए हुए कर्जे के कारण आधी राशि काट ली गई. जिला सहकारी बैंक बड़वारा के प्रबंधक के मुताबिक किसानों के खाते से पैसे की कटौती शासन के दिशा निर्देश पर की जा रही है.

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