कटनी। मध्यप्रदेश के जाने-माने गृहस्थ संत देव प्रभाकर शास्त्री के पार्थिव शरीर को झिंझरी स्थित दद्दा धाम के वृद्ध आश्रम परिसर में अंतिम संस्कार किया गया. दद्दा जी का पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. कलेक्टर शशि भूषण सिंह और पुलिस अधीक्षक ललित शाक्यवार ने राज्य शासन की ओर से पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी.
दद्दा धाम से उनकी अंतिम यात्रा निकाली गई और वैदिक विधि-विधान से पूज्य दद्दा जी को उनके बड़े बेटे अनिल त्रिपाठी ने मुखाग्नि दी. देश में सवा करोड़ शिवलिंग निर्माण और 129 महायज्ञ आयोजित कर लाखों शिष्यों और अनुयायियों के बीच दद्दा जी के नाम से प्रसिद्ध गृहस्थ संत देव प्रभाकर शास्त्री जी का रविवार देर रात निधन हो गया था.
वे कटनी के दद्दा धाम में अपने छोटे बेटे के घर पर थे. उनके निधन से पहले उनके दर्शन के लिए बड़ी संख्या में राजनेता-अभिनेता पहुंचे थे. पूरे रीति-रिवाज से दद्दा जी की अंतिम यात्रा निकाली गई, इस दौरान देश भर से आए दद्दा जी के अनुयायी, भक्तों, राजनेताओं, जनप्रतिनिधियों, शिष्टमंडल के सदस्य, अभिनेता और आम नागरिकों ने दद्दा निवास में पार्थिव देह के दर्शन कर पुष्पांजलि अर्पित की. देव प्रभाकर शास्त्री दद्दा जी का जन्म 19 सितंबर 1937 को बाडोली के छोटे गांव कूड़ा में हुआ था.