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आर्थिक संकट में गुजरे पटाखा व्यापारियों के बीते 8 माह, अब दिवाली से उम्मीद

लॉकडाउन की वजह से पटाखों का व्यापार करने वाले व्यापारियों के सामने आर्थिक संटक की स्थिति बनी हुई है. अब उन्हें दिवाली से उम्मीद है.

katni
आर्थिक संकट में गुजरे पटाखा व्यापारियों के बीते 8 माह
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Published : Oct 6, 2020, 8:12 AM IST

Updated : Oct 6, 2020, 12:15 PM IST

कटनी। कोविड-19 की वजह से लगाए गए लॉकडाउन का छोटे-बड़े व्यापारियों पर बहुत गहरा असर हुआ है. लॉकडाउन खुलने के बाद भी कई व्यापारी अपना व्यवसाय जमाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं. जिसकी वजह से आर्थिक तंगी बनी हुई है. इस साल त्योहारों को मनाने में भी शासन की गाइडलाइन का पालन करना पड़ रहा है. दशहरा और दिवाली के पर्व की अब उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है. ऐसे में सबसे ज्यादा अब पटाखा व्यापारियों ने दिवाली पर्व में नुकसान की भरपाई करने का कयास लगाए हुए हैं.

आर्थिक संकट में गुजरे पटाखा व्यापारियों के बीते 8 माह

पटाखा व्यवसाई संघ के अध्यक्ष खेमचंद तोपनानी ने बताया कि मार्च माह से लॉकडाउन होने के बाद इस साल शादी व अन्य आयोजनों पर रोक लगी हुई थी. जिसके कारण उन्हें अपने प्रतिष्ठान बंद रखने पड़े. मार्च से जून माह तक शादी के मुहूर्त होते हैं, इस समय पटाखों की बिक्री से उन्हें संबल मिल जाता था. जिससे वो दीवाली आने से पहले अधिक स्टॉक एकत्रित कर लेते थे, लेकिन इस वर्ष बाहर से आने वाले पटाखे भी ना के बराबर व्यापारियों ने खरीदे हैं.

वहीं कटनी के बाहर से आने वाले खरीददार और पटाखा व्यापारी भी इक्का-दुक्का ही पहुंच रहे हैं. अब दशहरे के बाद दिवाली पर ही व्यापारियों की उम्मीद टिकी हुई है. सब कुछ ठीक हुआ तो अच्छी बिक्री होने के कयास व्यापारी लगाए रहें हैं. पटाखा व्यापारियों ने बताया कि हर साल 40 से 50 लाख रुपए की बिक्री अभी तक हो जाती थी, लेकिन इस बार 70 से 75 हजार की बिक्री हुई है.

कटनी। कोविड-19 की वजह से लगाए गए लॉकडाउन का छोटे-बड़े व्यापारियों पर बहुत गहरा असर हुआ है. लॉकडाउन खुलने के बाद भी कई व्यापारी अपना व्यवसाय जमाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं. जिसकी वजह से आर्थिक तंगी बनी हुई है. इस साल त्योहारों को मनाने में भी शासन की गाइडलाइन का पालन करना पड़ रहा है. दशहरा और दिवाली के पर्व की अब उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है. ऐसे में सबसे ज्यादा अब पटाखा व्यापारियों ने दिवाली पर्व में नुकसान की भरपाई करने का कयास लगाए हुए हैं.

आर्थिक संकट में गुजरे पटाखा व्यापारियों के बीते 8 माह

पटाखा व्यवसाई संघ के अध्यक्ष खेमचंद तोपनानी ने बताया कि मार्च माह से लॉकडाउन होने के बाद इस साल शादी व अन्य आयोजनों पर रोक लगी हुई थी. जिसके कारण उन्हें अपने प्रतिष्ठान बंद रखने पड़े. मार्च से जून माह तक शादी के मुहूर्त होते हैं, इस समय पटाखों की बिक्री से उन्हें संबल मिल जाता था. जिससे वो दीवाली आने से पहले अधिक स्टॉक एकत्रित कर लेते थे, लेकिन इस वर्ष बाहर से आने वाले पटाखे भी ना के बराबर व्यापारियों ने खरीदे हैं.

वहीं कटनी के बाहर से आने वाले खरीददार और पटाखा व्यापारी भी इक्का-दुक्का ही पहुंच रहे हैं. अब दशहरे के बाद दिवाली पर ही व्यापारियों की उम्मीद टिकी हुई है. सब कुछ ठीक हुआ तो अच्छी बिक्री होने के कयास व्यापारी लगाए रहें हैं. पटाखा व्यापारियों ने बताया कि हर साल 40 से 50 लाख रुपए की बिक्री अभी तक हो जाती थी, लेकिन इस बार 70 से 75 हजार की बिक्री हुई है.

Last Updated : Oct 6, 2020, 12:15 PM IST
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