झाबुआ। तमाम योजनाओं में आधार की अनिवार्यता की वजह से नवागत झाबुआ कलेक्टर रोहित सिंह ने 10 दिवसीय आधार कैंप लगाने के निर्देश दिए हैं, जिसके चलते 5 से लेकर 15 अक्टूबर 2020 तक जिले की सभी जनपद पंचायतों में आधार शिविर लगाने का काम किया जा रहा है. कलेक्टर के निर्देश के बाद आधार सेंटरों द्वारा आधार कार्ड बनाए जाने की व्यवस्था करने से लोगों को समय पर आधार कार्ड उपलब्ध हो रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ शिविर स्थलों पर आधार कार्ड बनवाने के लिए उमड़ रही भीड़ सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर रही है, जिससे कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा लगातार बना हुआ है.
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जिले के रामा, राणापुर, झाबुआ, मेघनगर, थांदला और पेटलावद विकासखंड में आधार आपरेटरों द्वारा ग्रामीण इलाकों से आने वाले लोगों के आधार कार्ड बनाए और अपडेट किए जा रहे हैं. नियमानुसार नए आधार कार्ड बनाने के लिए किसी भी प्रकार की फीस नहीं लगती है, मगर इन शिविरों में कुछ ऑपरेटरों द्वारा लोगों से चोरी-छिपे पैसे लिए जा रहे हैं. शुक्रवार को मेघनगर के सामुदायिक सभवन में चल रहे आधार शिविर में इसी तरह की वसूली के चलते लोगों ने आधार ऑपरेटरों का विरोध किया, ग्रामीणों के विरोध को देखते हुए आधार ऑपरेटर अपनी मशीन लेकर वहां से चले गए.
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जनपद पंचायतों में लगाए जा रहे शिविर की मॉनिटरिंग नहीं होने से आधार ऑपरेटर ग्रामीणों से वसूली करने से बाज नहीं आ रहे है. वसूली का मामला जैसे ही सामने आता है, वैसे ही ऑपरेटर आधार कार्ड में अपडेट का बहाना बनाकर वसूली को जायज ठहरा देते हैं. हालांकि इन शिविरों में कहीं भी आधार कार्ड बनाने या आधार कार्ड में संशोधन की फीस के संबंध में कोई रेट लिस्ट नहीं लगाई गई है.