झाबुआ। इन दिनों झाबुआ विधानसभा उपचुनाव को लेकर कांग्रेस प्रत्याशी व पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया और उनके बेटे प्रचार-प्रसार में पसीना बहा रहे हैं, जनसंपर्क के दौरान कांतिलाल भूरिया के पुत्र विक्रांत भूरिया ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि उनके पिता जनता से अपना रिश्ता संवारने में जुटे हैं, जबकि वे युवाओं को कांग्रेस के साथ जोड़ने का काम कर रहे हैं.
झाबुआ विधानसभा उपचुनाव में अपने पिता और पूर्व सांसद कांतिलाल भूरिया के लिए प्रचार करने वाले विक्रांत पिछले चुनाव में यहीं से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं. विक्रांत भूरिया ने बताया कि हमने जो काम किया है, उन कामों को लेकर मतदाताओं के बीच जा रहे हैं, उन्होंने साफ तौर पर कहा कि इस चुनाव में जुमलेबाजी बिल्कुल नहीं चलेगी.
कांतिलाल भूरिया के चुनाव जीतने और मंत्रिमंडल में शामिल होने की संभावना पर विक्रांत ने कहा कि कांतिलाल भूरिया बड़े कद के नेता हैं और केंद्र के साथ ही राज्य में मंत्री रहे हैं, उनका उद्देश्य मंत्री पद नहीं, बल्कि इस चुनाव को जीतकर विधानसभा में कांग्रेस के विधायकों की संख्या 114 से बढ़ाकर 115 करना है, जिससे सरकार को और ज्यादा मजबूती मिल सके, अपने पिता के उद्देश्य को पूरा करने के लिए वे गांव-गांव जनसंपर्क कर रहे हैं.
2018 में झाबुआ विधानसभा से कांग्रेस की टिकट पर खुद विक्रांत भूरिया ने चुनाव लड़ा था, इस बार विक्रांत भूरिया को टिकट न देकर कांतिलाल भूरिया को टिकट दिए जाने पर विक्रांत ने कहा कि उस समय लोकसभा का चुनाव था और कांतिलाल भूरिया को लोकसभा चुनाव लड़ना था, लेकिन इस बार ऐसा कोई चुनाव नहीं है. लिहाजा पार्टी ने उन्हें मौका दिया है.
उपचुनाव में सरकार के तमाम मंत्री झाबुआ विधानसभा क्षेत्र में लगे होने के सवाल पर विक्रांत भूरिया ने कहा कि मंत्री भी कांग्रेस के कार्यकर्ता हैं और मध्यप्रदेश में एक ही चुनाव होने के चलते सभी पार्टी को मजबूत करने का प्रयास कर रहे हैं. विक्रांत ने इस उपचुनाव में कांग्रेस की जीत का दावा भी किया.