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रोजगार की तलाश में गुजरात जाने लगे आदिवासी मजदूर, लॉकडाउन में लौटे थे घर - tribal laborers started returning to gujarat from jhabua

गुजरात में काम करने वाले आदिवासी मजदूर लॉकडाउन में घर लौट आए थे, लेकिन लॉकडाउन खुलते ही रोजगार की तलाश में फिर गुजरात जाने लगे हैं.

Labours going to gujarat
गुजरात जाने लगे मजदूर
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Published : Jun 10, 2020, 7:14 PM IST

Updated : Jun 10, 2020, 10:32 PM IST

झाबुआ। कोरोना महामारी के चलते पिछले तीन महीने से प्रवासी मजदूर घर लौट रहे थे, कई मजदूर काफी तकलीफें झेलकर अपने घर तक पहुंचे थे, लेकिन लॉकडाउन में राहत मिलते ही आदिवासी मजदूर एक बार फिर रोजगार के लिए गुजरात की तरफ जाने लगे हैं. जिले से बड़ी तादात में आदिवासी मजदूर बसों के जरिए गुजरात के विभिन्न शहरों में काम की तलाश में जाने लगे हैं. सरकार प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने की बात कर रही है, जबकि झाबुआ में जिला प्रशासन बड़े स्तर पर मनरेगा के तहत आदिवासी मजदूरों को गांव में ही रोजगार मुहैया कराने की बात कह रहा है, फिर भी मजदूर दूसरे प्रदेशों की ओर रुख कर रहे हैं.

गुजरात जाने लगे मजदूर

जिला पंचायत के संयोजन संदीप शर्मा का कहना है कि झाबुआ में मनरेगा योजना के तहत जल संवर्धन के कार्यों में एक लाख मजदूर काम कर रहे हैं. इसके बावजूद मजदूरों का यहां से पलायन करना एक बड़ा मुद्दा है. मजदूरों का कहना है कि उन्हें गुजरात में ज्यादा मजदूरी मिलती है, लिहाजा वे काम के लिए वहीं जाएंगे. लॉकडाउन के चलते बड़ी तादात में एमपी, यूपी और बिहार सहित कई राज्यों के मजदूर गुजरात से अपने घर लौट गए थे, जिसके चलते श्रमिकों की मांग गुजरात में बढ़ने लगी है. इसी के चलते ज्यादा मजदूरी के लालच में झाबुआ के मजदूर गुजरात का रुख करने लगे हैं.

झाबुआ। कोरोना महामारी के चलते पिछले तीन महीने से प्रवासी मजदूर घर लौट रहे थे, कई मजदूर काफी तकलीफें झेलकर अपने घर तक पहुंचे थे, लेकिन लॉकडाउन में राहत मिलते ही आदिवासी मजदूर एक बार फिर रोजगार के लिए गुजरात की तरफ जाने लगे हैं. जिले से बड़ी तादात में आदिवासी मजदूर बसों के जरिए गुजरात के विभिन्न शहरों में काम की तलाश में जाने लगे हैं. सरकार प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने की बात कर रही है, जबकि झाबुआ में जिला प्रशासन बड़े स्तर पर मनरेगा के तहत आदिवासी मजदूरों को गांव में ही रोजगार मुहैया कराने की बात कह रहा है, फिर भी मजदूर दूसरे प्रदेशों की ओर रुख कर रहे हैं.

गुजरात जाने लगे मजदूर

जिला पंचायत के संयोजन संदीप शर्मा का कहना है कि झाबुआ में मनरेगा योजना के तहत जल संवर्धन के कार्यों में एक लाख मजदूर काम कर रहे हैं. इसके बावजूद मजदूरों का यहां से पलायन करना एक बड़ा मुद्दा है. मजदूरों का कहना है कि उन्हें गुजरात में ज्यादा मजदूरी मिलती है, लिहाजा वे काम के लिए वहीं जाएंगे. लॉकडाउन के चलते बड़ी तादात में एमपी, यूपी और बिहार सहित कई राज्यों के मजदूर गुजरात से अपने घर लौट गए थे, जिसके चलते श्रमिकों की मांग गुजरात में बढ़ने लगी है. इसी के चलते ज्यादा मजदूरी के लालच में झाबुआ के मजदूर गुजरात का रुख करने लगे हैं.

Last Updated : Jun 10, 2020, 10:32 PM IST
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