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'स्कूल चलें अभियान' शुरू होने के बाद भी कई स्कूलों में पड़े रहे ताले

एक ओर प्रदेश के मुख्यमंत्री खुद झाबुआ में स्कूल चलें अभियान की शुरुआत करने पहुंचे, तो वहीं यहां के कई सरकारी स्कूलों के शिक्षक घर पर आराम फरमाते रहे और स्कूलों के ताले भी नहीं खुले.

स्कूल के नहीं खुले ताले
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Published : Jun 24, 2019, 3:28 PM IST

झाबुआ। प्रदेश में जहां आज स्कूल चलें अभियान की शुरुआत की गई, वहीं झाबुआ के कई स्कूलों के ताले नहीं खुले. आज स्कूल का पहला दिन होने के बावजूद कई स्कूल नहीं खुले. ग्रामीण अंचलों के कई स्कूलों में शिक्षकों का नहीं पहुंचना इस अभियान की सफलता पर प्रश्नचिन्ह लगाता दिख रहा है.

स्कूल के नहीं खुले ताले


झाबुआ जिला मुख्यालय से 5 किलोमीटर दूर मोवड़ा डूंगरी प्राथमिक शाला में ना तो शिक्षक थे और ना ही छात्र. आलम ये था कि स्कूल के ताले भी नहीं खुले थे. कुछ यही हालात पिपली पाड़ा प्राथमिक स्कूल का था, जहां पर छोटे बच्चों से स्कूलों में झाड़ू लगवाई जा रही थी.


जिला मुख्यालय से 7 किलोमीटर दूर विजया डूंगरी प्राथमिक स्कूल में 3 में से 2 शिक्षक ही पहुंचे थे. यहां 92 बच्चों में से महज 16 बच्चे ही स्कूल आये. जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में न तो प्रवेश उत्सव मनाया गया और ना ही बच्चों का तिलक लगाकर स्वागत किया गया.

झाबुआ। प्रदेश में जहां आज स्कूल चलें अभियान की शुरुआत की गई, वहीं झाबुआ के कई स्कूलों के ताले नहीं खुले. आज स्कूल का पहला दिन होने के बावजूद कई स्कूल नहीं खुले. ग्रामीण अंचलों के कई स्कूलों में शिक्षकों का नहीं पहुंचना इस अभियान की सफलता पर प्रश्नचिन्ह लगाता दिख रहा है.

स्कूल के नहीं खुले ताले


झाबुआ जिला मुख्यालय से 5 किलोमीटर दूर मोवड़ा डूंगरी प्राथमिक शाला में ना तो शिक्षक थे और ना ही छात्र. आलम ये था कि स्कूल के ताले भी नहीं खुले थे. कुछ यही हालात पिपली पाड़ा प्राथमिक स्कूल का था, जहां पर छोटे बच्चों से स्कूलों में झाड़ू लगवाई जा रही थी.


जिला मुख्यालय से 7 किलोमीटर दूर विजया डूंगरी प्राथमिक स्कूल में 3 में से 2 शिक्षक ही पहुंचे थे. यहां 92 बच्चों में से महज 16 बच्चे ही स्कूल आये. जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में न तो प्रवेश उत्सव मनाया गया और ना ही बच्चों का तिलक लगाकर स्वागत किया गया.

Intro:झाबुआ : आज मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ झाबुआ में स्कूल चलो अभियान की शुरुआत करने के लिए आ रहे हैं मगर झाबुआ के हालात कुछ और ही कहानी बयां कर रहे हैं । जिले की कई स्कूल है आज स्कूल का पहला दिन होने के बावजूद नहीं खुली । ग्रामीण अंचलों की कई स्कूलों में शिक्षक ही नही पहुचे जिससे इस अभियान की सफलता पर प्रश्न चिन्ह लगता दिख रहा है ।


Body:झाबुआ जिला मुख्यालय से 5 किलोमीटर दूर मोवड़ा डूंगरी प्राथमिक शाला में ना तो शिक्षक थे और ना ही छात्र । आलम या था कि स्कूल के ताले भी नहीं खुले थे , स्कूल परिसर में जलाऊ लकड़िया ओर खाट रखे थे । कुछ यही हालात पिपली पाड़ा प्राथमिक स्कूल के थे। यहां पर छोटे बच्चो से स्कूलों में झाड़ू लगवाई जा रही थी । स्कूल में दर्ज 50 से अधिक बच्चों ने से महज 5 -6 बच्चे ही स्कूल पहुचे थे ।


Conclusion:जिला मुख्यालय से 7 किलोमीटर दूर विजया डूंगरी प्राथमिक स्कूल के 11:30 बजे स्कूल के बाद 3 में से 2 शिक्षक ही पहुंचे थे । यहां 92 बच्चों में से महज 16 बच्चे ही स्कूल आये, जिले की ग्रामीण स्कूलों में न तो प्रवेश उत्सव मनाया गया और ना ही तिलक लगाकर स्वागत किया गया । एक और प्रदेश के मुख्यमंत्री खुद झाबुआ में स्कूल चलो अभियान की शुरुआत करने पहुंच रहे हैं वही झाबुआ की सरकारी स्कूल के शिक्षक घर पर आराम कर रहे हैं ।
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