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सूरज बरसा रहा है आग, गर्मी से बचने लोग कर रहे हैं तरह-तरह के जतन - धूप

झाबुआ में 15 सालों के औसत तापमान में 2 से 3 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी हुई है. यहां पड़ रही भीषण गर्मी ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. लोग गर्मी और धूप से बचने के लिए तरह-तरह के जतन कर रहे हैं.

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Published : Apr 12, 2019, 9:48 AM IST

झाबुआ। अप्रैल के महीने में सूरज की तपन लोगों के लिए परेशानी का सबब बन रही है. जिले में पिछले एक पखवाड़े से तापमान 41 से 42 डिग्री के बीच बना हुआ है. तेज गर्मी के चलते लोगों ने बाहर निकलना बंद कर दिया है. भीषण गर्मी के चलते आम जनजीवन अस्तव्यस्त है.

झाबुआ में बढ़ा तापमान


मौसम विभाग के मुताबिक, जिले में पिछले 15 सालों के औसत तापमान में भी 2 से 3 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी हुई है. तेज धूप और लू के थपेड़ों के चलते आलम यह है कि सुबह से शाम तक खुले में निकलने में लोगों के लिए मुश्किल हो रही है. जिसके चलते शहर के प्रमुख बाजारों और आवागमन पर इसका साफ असर दिख रहा है.


वहीं बढ़ते तापमान से बचने के लिए लोग कई तरीके भी अपना रहे हैं. लोग ठंडे पेय पदार्थों का सहारा ले रहे हैं और पूरे शरीर को ढंककर ही बाहर निकल रहे हैं. वहीं तेज धूप और लू से बचने के लिए कई लोग अपने साथ प्याज भी रख रहे हैं. कृषि विज्ञान केंद्र के मौसम वैज्ञानिक डॉक्टर राजेश त्रिपाठी का कहना है कि लगातार वृक्षों की कमी और कम बारिश के कारण क्षेत्र से हरियाली लगभग गायब हो चुकी है. गर्मी के दिनों में डिहाइड्रेशन से बचाव के लिए विशेषज्ञ तरल पदार्थ और पानी के भरपूर उपयोग की सलाह दे रहे हैं. हालांकि उन्होंने चाय, कॉफी और कोल्डड्रिंक से दूर रहने को कहा है और नींबू पानी, सादा पानी, नारियल पानी, शर्बत पीने की सलाह दी है.

झाबुआ। अप्रैल के महीने में सूरज की तपन लोगों के लिए परेशानी का सबब बन रही है. जिले में पिछले एक पखवाड़े से तापमान 41 से 42 डिग्री के बीच बना हुआ है. तेज गर्मी के चलते लोगों ने बाहर निकलना बंद कर दिया है. भीषण गर्मी के चलते आम जनजीवन अस्तव्यस्त है.

झाबुआ में बढ़ा तापमान


मौसम विभाग के मुताबिक, जिले में पिछले 15 सालों के औसत तापमान में भी 2 से 3 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी हुई है. तेज धूप और लू के थपेड़ों के चलते आलम यह है कि सुबह से शाम तक खुले में निकलने में लोगों के लिए मुश्किल हो रही है. जिसके चलते शहर के प्रमुख बाजारों और आवागमन पर इसका साफ असर दिख रहा है.


वहीं बढ़ते तापमान से बचने के लिए लोग कई तरीके भी अपना रहे हैं. लोग ठंडे पेय पदार्थों का सहारा ले रहे हैं और पूरे शरीर को ढंककर ही बाहर निकल रहे हैं. वहीं तेज धूप और लू से बचने के लिए कई लोग अपने साथ प्याज भी रख रहे हैं. कृषि विज्ञान केंद्र के मौसम वैज्ञानिक डॉक्टर राजेश त्रिपाठी का कहना है कि लगातार वृक्षों की कमी और कम बारिश के कारण क्षेत्र से हरियाली लगभग गायब हो चुकी है. गर्मी के दिनों में डिहाइड्रेशन से बचाव के लिए विशेषज्ञ तरल पदार्थ और पानी के भरपूर उपयोग की सलाह दे रहे हैं. हालांकि उन्होंने चाय, कॉफी और कोल्डड्रिंक से दूर रहने को कहा है और नींबू पानी, सादा पानी, नारियल पानी, शर्बत पीने की सलाह दी है.

Intro:झाबुआ: अप्रैल माह शुरू होते ही सूरज की तपन लोगों के लिए परेशानी का सबब बनने लगी है। जिले में पिछले एक पखवाड़े से तापमान 41 डिग्री से 42 डिग्री के बीच बना हुआ है। तेज गर्मी के चलते आम लोगों को न सिर्फ परेशानी उठानी पड़ रही है बल्कि उन्हें पूरा दिन घर में ही दुबकना पड़ रहा है। जिले में पिछले 15 सालों के औसत तापमान में भी 2 से 3 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी कहीं, मौसम परिवर्तन के लिहाज से बड़ी घटना के रूप में सामने आ रही है ।


Body:तेज धूप और थपेड़ों के चलते सुबह 11:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक खुले में निकलना लोगों के लिए मुश्किल होता जा रहा है। जिले के प्रमुख बाजारों और आवागमन पर इसका साफ असर दिख रहा है । गर्मी के चलते लोग इसके बचाव के तरीके भी अपना रहे हैं , कोई ठंडा बस खाकर अपनी गर्मी को शांत कर रहा है तो कोई मुंह ढककर बाजारों में निकलता दिख रहा है । तेज धूप और लू से बचने के लिए लोग अपने साथ प्याज भी रखने लगे हैं ।


Conclusion:कृषि विज्ञान केंद्र के मौसम वैज्ञानिक डॉक्टर राजेश त्रिपाठी के अनुसार अप्रैल माह में झाबुआ जिले के लोगो को गर्मी से कोई राहत मिलने की संभावना नहीं है। लगातार वृक्षों की कमी और कम वर्षा के कारण क्षेत्र से हरियाली लगभग गायब सी हो चुकी है, लिहाजा गर्मी का प्रकोप बढ़ने लगा है। गर्मी के दिनों में डिहाइड्रेशन से बचाव के लिए विशेषज्ञ तरल पदार्थ और पानी के भरपूर उपयोग की सलाह दे रहे हैं ।
बाइट: डॉक्टर राजेश त्रिपाठी , केवीके वैज्ञानिक
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