झाबुआ। मकर संक्रांति का पर्व झाबुआ में धूमधाम से मनाया मनाया जा रहा है. यहां जिला प्रशासन ने ऐच्छिक अवकाश भी घोषित किया है, जिसके चलते शैक्षणिक संस्थान भी बंद हैं. छुट्टी होने के कारण लोगों में भी मकर संक्रांति को लेकर उत्साह देखा जा रहा है. इस अवसर पर मंदिरों में सुबह विशेष आरती और पूजा-पाठ का दौर शुरू हो गया.
भगवान के दर्शन के साथ लोगों ने मनाया मकर संक्रांति का पर्व, बच्चों ने की पतंगबाजी - kite flying on Makar Sankranti
झाबुआ में मकर संक्रांति पर लोगों में पतंगबाजी का उत्साह देखा गया, तो वहीं मंदिरों में पूजा-पाठ और भगवान को तिल के लड्डुओं का भोग लगाया गया.
मकर संक्रांति पर खास पूजा
झाबुआ। मकर संक्रांति का पर्व झाबुआ में धूमधाम से मनाया मनाया जा रहा है. यहां जिला प्रशासन ने ऐच्छिक अवकाश भी घोषित किया है, जिसके चलते शैक्षणिक संस्थान भी बंद हैं. छुट्टी होने के कारण लोगों में भी मकर संक्रांति को लेकर उत्साह देखा जा रहा है. इस अवसर पर मंदिरों में सुबह विशेष आरती और पूजा-पाठ का दौर शुरू हो गया.
Intro:झाबुआ : शहर सहित जिलेभर में मकर संक्रांति का पर्व धूमधाम से मनाया मनाया जा रहा है। झाबुआ जिले में आज जिला प्रशासन ने ऐच्छिक अवकाश भी घोषित किया है ,जिसके चलते शैक्षणिक संस्थान भी बंद है , अवकाश के चलते लोगो को उत्साह भी मकर संक्रांति को लेकर देखा जा रहा। अवसर पर मंदिरों में सुबह विशेष आरती और पूजा पाठ का आयोजन किया ।
Body:मकर संक्रांति के दिन पवित्र नदियों में स्नान करना और दान पुण्य करने का विशेष महत्व माना जाता है ,लिहाजा लोग बड़ी संख्या में कपड़े और फल ओर अन्नदान के साथ गौशालाओं में गायों की सेवा करने के लिए भी जाते है। मकर संक्रांति के दिन पतंगबाजी का उत्साह बच्चों से लेकर बड़ों में बना रहता है इस दिन स्थानीय खेल के रूप में गिल्ली डंडे भी खूब खेले जाते हैं।
Conclusion:पतंगबाजी को लेकर बाजार में काफी रौनक छाई हुई है, यहां रंग-बिरंगी पतंगों के साथ बच्चों के लिए विशेष रूप से कार्टून पतंगे बाजार में बच्चों को खूब लुभा रही है । मकर संक्रांति के दिन तिल से बनी हुई मिठाई और लड्डू का क्रेज रहता है और परंपरा अनुसार लोग एक दूसरे को तिल से बनी मिठाई खिलाकर इस पर्व को मनाते हैं । देर शाम दक्षिण मुखी कालका माता मंदिर में माताजी को तिल से बने व्यंजनों का भोग लगाया जाएगा।
Body:मकर संक्रांति के दिन पवित्र नदियों में स्नान करना और दान पुण्य करने का विशेष महत्व माना जाता है ,लिहाजा लोग बड़ी संख्या में कपड़े और फल ओर अन्नदान के साथ गौशालाओं में गायों की सेवा करने के लिए भी जाते है। मकर संक्रांति के दिन पतंगबाजी का उत्साह बच्चों से लेकर बड़ों में बना रहता है इस दिन स्थानीय खेल के रूप में गिल्ली डंडे भी खूब खेले जाते हैं।
Conclusion:पतंगबाजी को लेकर बाजार में काफी रौनक छाई हुई है, यहां रंग-बिरंगी पतंगों के साथ बच्चों के लिए विशेष रूप से कार्टून पतंगे बाजार में बच्चों को खूब लुभा रही है । मकर संक्रांति के दिन तिल से बनी हुई मिठाई और लड्डू का क्रेज रहता है और परंपरा अनुसार लोग एक दूसरे को तिल से बनी मिठाई खिलाकर इस पर्व को मनाते हैं । देर शाम दक्षिण मुखी कालका माता मंदिर में माताजी को तिल से बने व्यंजनों का भोग लगाया जाएगा।