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झाबुआ में राशन दुकान सील, बीजेपी जिलाध्यक्ष के भाई पर धोखधड़ी के आरोप - ग्राम देवझिरी

झाबुआ विकासखंड के ग्राम देवझिरी में राशन दुकान को सील कर दिया गया है. वहां ग्रामीणों के साथ धोखाझड़ी का मामला सामने आया है. जानकारी के मुताबिक दुकान का सेल्समैन बीजेपी जिलाध्यक्ष का भाई है.

Ration shop sealed
राशन दुकान सील
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Published : Dec 15, 2020, 10:00 PM IST

झाबुआ। केंद्र और राज्य सरकार गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले हितग्राहियों को एक रुपए किलो खाद्यान्न वितरित करती है. इस खाद्यान्न को लेकर आदिवासी अंचल के अशिक्षित लोगों (हितग्रहियों) के साथ बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी जाती है. ऐसा ही एक मामला झाबुआ विकासखंड के ग्राम देवझिरी की सहकारी समिति में सामने आया है. आदिम जाति सेवा सहकारी मर्यादित समिति के अंतर्गत चलने वाली गड़वाड़ा शासकीय उचित मूल्य की दुकान पर ग्रामीणों को सरकारी अनाज वितरित में अनियमितता हो रही थी, जिसकी शिकायत मिलने पर संस्था के मैनेजर गड़वाड़ा शासकीय उचित मूल्य की दुकान को सील कर दिया.

राशन दुकान सील

बीजेपी जिलाध्यक्ष का भाई है सेल्समैन

आदिम जाति सेवा सहकारी समिति देवझिरी के मैनेजर भरत हाड़ा ने ग्रामीणों की शिकायत पर बीजेपी जिला अध्यक्ष के अधीनस्थ गड़वाड़ा दुकान को सील कर दिया है. जानकारी के मुताबिक ग्रामीणों को दिए जाने वाले अनाज वितरण में गड़बड़ी की जा रही थी. मैनेजर ने राशन दुकान की अनियमितताओं की शिकायत SDM और सहकारिता उपायुक्त से भी की थी. लेकिन उनकी ओर से कार्रवाई नहीं होने के बाद खुद संस्था प्रबंधक ने अपनी ओर से दुकान को सील कर दिया.

सहकारिता विभाग ने मैनेजर की कार्रवाई पर उठाए सवाल

राजनीतिक हस्तक्षेप बढ़ने के बाद राशन दुकान पर मैनेजर ने जो कार्रवाई की, उस पर सहकारिता विभाग ने ही सवाल खड़ा कर दिए हैं. सहकारीता विभाग के नियमों के अनुसार संस्था प्रबंधक को किसी भी राशन दुकान को सील करने का अधिकार नहीं है. शिकायत के बाद न तो SDM मौके पर पहुंचे थे और न ही सहकारिता उपायुक्त. सत्ताधारी दल के जिला अध्यक्ष के रिश्तेदार होने का फायदा कहीं न कहीं सेल्समैन उठाता नजर आ रहा है. लिहाजा मामले को दबाने के लिए सहकारिता के नियमों की दुहाई देते हुए, इस कार्रवाई को ही शून्य कर दिया गया है. वहीं विभागीय दबाव के बाद सील की गई राशन दुकान को उसी मैनेजर से खुलवाया गया, जिसने उसे सील किया था. हालांकि न तो अनाज की गणना की गई और न ही इस का भौतिक सत्यापन.

पढ़ें- बीजेपी के किसान सम्मेलन में पहुंचे किसानों को नहीं कृषि कानून की जानकारी

मामले में राजनीति शुरू

राशन दुकान पर हो रही गड़बड़ियों की जांच के लिए कोई समिति गठित नहीं की गई है. हैरानी की बात यह है कि सत्ता के दबाव में भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष लक्ष्मण नायक के भाई नगीन नायक की जांच करने की बजाए संस्था में बड़ी जिम्मेदारी दे दी गई. इधर इस मामले में कांग्रेस नेता कांतिलाल भूरिया ने बीजेपी नेताओं के संरक्षण पर आदिवासियों को दिए जाने वाले अनाज में गड़बड़ी का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि इस मामले में अगर प्रशासन निष्पक्ष होकर कार्रावाई नहीं करेगा तो कांग्रेस अपने स्तर पर कार्रवाई करेगी, जिससे प्रशासन को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.

झाबुआ। केंद्र और राज्य सरकार गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले हितग्राहियों को एक रुपए किलो खाद्यान्न वितरित करती है. इस खाद्यान्न को लेकर आदिवासी अंचल के अशिक्षित लोगों (हितग्रहियों) के साथ बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी जाती है. ऐसा ही एक मामला झाबुआ विकासखंड के ग्राम देवझिरी की सहकारी समिति में सामने आया है. आदिम जाति सेवा सहकारी मर्यादित समिति के अंतर्गत चलने वाली गड़वाड़ा शासकीय उचित मूल्य की दुकान पर ग्रामीणों को सरकारी अनाज वितरित में अनियमितता हो रही थी, जिसकी शिकायत मिलने पर संस्था के मैनेजर गड़वाड़ा शासकीय उचित मूल्य की दुकान को सील कर दिया.

राशन दुकान सील

बीजेपी जिलाध्यक्ष का भाई है सेल्समैन

आदिम जाति सेवा सहकारी समिति देवझिरी के मैनेजर भरत हाड़ा ने ग्रामीणों की शिकायत पर बीजेपी जिला अध्यक्ष के अधीनस्थ गड़वाड़ा दुकान को सील कर दिया है. जानकारी के मुताबिक ग्रामीणों को दिए जाने वाले अनाज वितरण में गड़बड़ी की जा रही थी. मैनेजर ने राशन दुकान की अनियमितताओं की शिकायत SDM और सहकारिता उपायुक्त से भी की थी. लेकिन उनकी ओर से कार्रवाई नहीं होने के बाद खुद संस्था प्रबंधक ने अपनी ओर से दुकान को सील कर दिया.

सहकारिता विभाग ने मैनेजर की कार्रवाई पर उठाए सवाल

राजनीतिक हस्तक्षेप बढ़ने के बाद राशन दुकान पर मैनेजर ने जो कार्रवाई की, उस पर सहकारिता विभाग ने ही सवाल खड़ा कर दिए हैं. सहकारीता विभाग के नियमों के अनुसार संस्था प्रबंधक को किसी भी राशन दुकान को सील करने का अधिकार नहीं है. शिकायत के बाद न तो SDM मौके पर पहुंचे थे और न ही सहकारिता उपायुक्त. सत्ताधारी दल के जिला अध्यक्ष के रिश्तेदार होने का फायदा कहीं न कहीं सेल्समैन उठाता नजर आ रहा है. लिहाजा मामले को दबाने के लिए सहकारिता के नियमों की दुहाई देते हुए, इस कार्रवाई को ही शून्य कर दिया गया है. वहीं विभागीय दबाव के बाद सील की गई राशन दुकान को उसी मैनेजर से खुलवाया गया, जिसने उसे सील किया था. हालांकि न तो अनाज की गणना की गई और न ही इस का भौतिक सत्यापन.

पढ़ें- बीजेपी के किसान सम्मेलन में पहुंचे किसानों को नहीं कृषि कानून की जानकारी

मामले में राजनीति शुरू

राशन दुकान पर हो रही गड़बड़ियों की जांच के लिए कोई समिति गठित नहीं की गई है. हैरानी की बात यह है कि सत्ता के दबाव में भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष लक्ष्मण नायक के भाई नगीन नायक की जांच करने की बजाए संस्था में बड़ी जिम्मेदारी दे दी गई. इधर इस मामले में कांग्रेस नेता कांतिलाल भूरिया ने बीजेपी नेताओं के संरक्षण पर आदिवासियों को दिए जाने वाले अनाज में गड़बड़ी का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि इस मामले में अगर प्रशासन निष्पक्ष होकर कार्रावाई नहीं करेगा तो कांग्रेस अपने स्तर पर कार्रवाई करेगी, जिससे प्रशासन को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.

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