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भारी बारिश के बीच बढ़े सब्जियों के दाम, गड़बड़ाया आम जनता का बजट - झाबुआ में महंगी हुई सब्जी

झाबुआ में इन दिनों सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं, जिसकी वजह से लोगों का बजट बिगड़ता नजर आ रहा है.

price hike of vegetables
सब्जियों पर बारिश की मार...
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Published : Sep 3, 2020, 9:28 PM IST

झाबुआ। प्रदेशभर में पिछले कुछ दिनों में हुई लगातार झमाझम बारिश के चलते राज्य के कई जिले जलमग्न हो गए. इस दौरान कई लोगों के घर तबाह हुए तो कई लोगों की फसलें चौपट. इस कड़ी में बारिश के कारण बर्बाद हुई सब्जियां अब आम जनता का रुला रही हैं. बारिश के कारण सब्जियां बरबाद हो गई हैं, जिस वजह से उनके दामों में अचनाक काफी उछाल आ गया है. अतिवृष्टि के कारण हुए नुकसान से झाबुआ जिले का किसान भी अछूता नहीं है. सब्जियों के इन बढ़ें दामों ने आम जनता के साथ-साथ सब्जी व्यापारियों को भी परेशानी में डाल दिया है.

सब्जियों पर बारिश की मार...

पहले कोरोना संकट के चलते हुए लॉकडाउन में सब्जियां बाजार तक नहीं आ सकीं, जिसके चलते किसानों और सब्जी व्यापारियों को काफी नुकसान हुआ. वहीं अब बारिश के चलते खेतों में ही सब्जियां खराब हो गईं, जिससे जिले में इसकी आपूर्ति मांग के अनुसार न होने पर कीमतें दोगुनी से ज्यादा हो गई हैं. सब्जी दुकानदारों का कहना है कि, बारिश के कारण सब्जी शहर तक नहीं पहुंच पा रही है, जिसके चलते भाव में बढ़ोतरी हुई है.

15 से सीधे 40 पर पहुंचा रेट

जो सब्जियां आज से 15 दिन पहले तक झाबुआ के बाजारों में 20 से 30 रुपए प्रति किलो के दाम पर बिकती थीं, वो सब्जियां अब 70 से 80 रुपए किलो के भाव पर पहुंच गई हैं. टमाटर के कैरेट (20 किलो) पहले दुकानदारों को 150 रुपए से 200 रुपए की दर से मिलता था, वही कैरेट आज 800 रुपए पर पहुंच गया है. मेथी-कीकोड़े के भाव भी 100 रुपए प्रति किलो के पार हो गए हैं.

vegetables
महंगी हुई सब्जी

वहीं करेला, गिलकी , खीरा, तरोई, टिंडा, भिंडी, टमाटर के दाम 60 से 80 रुपए के बीच हो गए हैं. चवला फली, बालोर और बैंगन जैसी सब्जियों की आवक कम होने के चलते इनकी मांग की पूर्ति भी नहीं हो पा रही है. जो बैंगन अभी तक 10 रुपए किलो में भी नहीं बिकता था, वो आज 60 रुपए से भी ज्यादा के भाव पर बिक रहा है. आलू और प्याज के दामों में भी दोगनी वृद्धि हुई है. आलू जहां 40 रुपए प्रति किलो की दर पर पहुंच गया है, वहीं प्याज भी 30 रुपए के आसपास बाजार में बिक रही है. ऐसे में जो लोग सब्जियों के शौकीन थे, उन्हें महंगे दामों पर खरीदना पड़ रहा है.

ये भी पढ़ें- किसान परेशान...पानी-पानी खेत खलिहान, बाढ़ से फसलों को भारी नुकसान

सब्जी के दामों ने बिगाड़ा बजट

अनलॉक होने के बावजूद अब भी लोग आर्थिक तंगी की मार झेल रहे हैं. ऐसे में सब्जियों के बढ़े दामों ने आम जनता का बजट बिगाड़ दिया है. बढ़ते दाम के चलते लोगों ने सब्जियों के उपयोग को सीमित कर दिया है. वहीं कुछ लोग इसे जरूरी मानते हैं, लिहाजा महंगे दाम होने के बावजूद भी सब्जी खरीद रहे हैं. बाजारों में सब्जियों के दाम ज्यादा होने के चलते लोगों ने सब्जियों की मात्रा में कटौती कर दी है.

झाबुआ। प्रदेशभर में पिछले कुछ दिनों में हुई लगातार झमाझम बारिश के चलते राज्य के कई जिले जलमग्न हो गए. इस दौरान कई लोगों के घर तबाह हुए तो कई लोगों की फसलें चौपट. इस कड़ी में बारिश के कारण बर्बाद हुई सब्जियां अब आम जनता का रुला रही हैं. बारिश के कारण सब्जियां बरबाद हो गई हैं, जिस वजह से उनके दामों में अचनाक काफी उछाल आ गया है. अतिवृष्टि के कारण हुए नुकसान से झाबुआ जिले का किसान भी अछूता नहीं है. सब्जियों के इन बढ़ें दामों ने आम जनता के साथ-साथ सब्जी व्यापारियों को भी परेशानी में डाल दिया है.

सब्जियों पर बारिश की मार...

पहले कोरोना संकट के चलते हुए लॉकडाउन में सब्जियां बाजार तक नहीं आ सकीं, जिसके चलते किसानों और सब्जी व्यापारियों को काफी नुकसान हुआ. वहीं अब बारिश के चलते खेतों में ही सब्जियां खराब हो गईं, जिससे जिले में इसकी आपूर्ति मांग के अनुसार न होने पर कीमतें दोगुनी से ज्यादा हो गई हैं. सब्जी दुकानदारों का कहना है कि, बारिश के कारण सब्जी शहर तक नहीं पहुंच पा रही है, जिसके चलते भाव में बढ़ोतरी हुई है.

15 से सीधे 40 पर पहुंचा रेट

जो सब्जियां आज से 15 दिन पहले तक झाबुआ के बाजारों में 20 से 30 रुपए प्रति किलो के दाम पर बिकती थीं, वो सब्जियां अब 70 से 80 रुपए किलो के भाव पर पहुंच गई हैं. टमाटर के कैरेट (20 किलो) पहले दुकानदारों को 150 रुपए से 200 रुपए की दर से मिलता था, वही कैरेट आज 800 रुपए पर पहुंच गया है. मेथी-कीकोड़े के भाव भी 100 रुपए प्रति किलो के पार हो गए हैं.

vegetables
महंगी हुई सब्जी

वहीं करेला, गिलकी , खीरा, तरोई, टिंडा, भिंडी, टमाटर के दाम 60 से 80 रुपए के बीच हो गए हैं. चवला फली, बालोर और बैंगन जैसी सब्जियों की आवक कम होने के चलते इनकी मांग की पूर्ति भी नहीं हो पा रही है. जो बैंगन अभी तक 10 रुपए किलो में भी नहीं बिकता था, वो आज 60 रुपए से भी ज्यादा के भाव पर बिक रहा है. आलू और प्याज के दामों में भी दोगनी वृद्धि हुई है. आलू जहां 40 रुपए प्रति किलो की दर पर पहुंच गया है, वहीं प्याज भी 30 रुपए के आसपास बाजार में बिक रही है. ऐसे में जो लोग सब्जियों के शौकीन थे, उन्हें महंगे दामों पर खरीदना पड़ रहा है.

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सब्जी के दामों ने बिगाड़ा बजट

अनलॉक होने के बावजूद अब भी लोग आर्थिक तंगी की मार झेल रहे हैं. ऐसे में सब्जियों के बढ़े दामों ने आम जनता का बजट बिगाड़ दिया है. बढ़ते दाम के चलते लोगों ने सब्जियों के उपयोग को सीमित कर दिया है. वहीं कुछ लोग इसे जरूरी मानते हैं, लिहाजा महंगे दाम होने के बावजूद भी सब्जी खरीद रहे हैं. बाजारों में सब्जियों के दाम ज्यादा होने के चलते लोगों ने सब्जियों की मात्रा में कटौती कर दी है.

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