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पद्मश्री से सम्मानित महेश शर्मा ने आदिवासी इलाकों में किया हैं ये महत्वपूर्ण काम

जिले के संरक्षण और पर्यावरण के क्षेत्र में काम करने वाले महेश शर्मा को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने पदमश्री से सम्मानित किया. महेश शर्मा हलमा की परंपरा के माध्यम से जन सरोकार के लिए काम करते हैं.

पद्मश्री से सम्मानित महेश शर्मा ने आदिवासी इलाकों में किया हैं ये महत्वपूर्ण काम
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Published : Mar 11, 2019, 11:52 PM IST

झाबुआ। जिले के संरक्षण और पर्यावरण के क्षेत्र में काम करने वाले महेश शर्मा को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने पदमश्री से सम्मानित किया. महेश शर्मा हलमा की परंपरा के माध्यम से जन सरोकार के लिए काम करते हैं.

President honored Mahesh Sharma with Padamshree
पद्मश्री से सम्मानित महेश शर्मा ने आदिवासी इलाकों में किया हैं ये महत्वपूर्ण काम


दतिया जिले के घोंगसी गांव के निवासी महेश शर्मा ने 1988 में झाबुआ को अपना कर्म क्षेत्र बनाया. वहीं उन्होंने 2007 तक वनवासी कल्याण परिषद के सिपाही के रूप में जनहितैषी और जनजागरूकता अभियान चलाया. जिसके बाद गांव में पानी के लिए आदिवासी इलाके में जनजाति मान्यताओं और पुरानी परंपराओं को आधार बनाकर यहां के स्थानीय लोगों के साथ सामूहिक श्रमदान के माध्यम से जनसरोकार के लिए काम करते हैं. वहीं उन्होंने लोगों को पानी की महत्ता के प्रति जागरूक कर सामूहिक श्रमदान से कई तलाब बनवाए हैं. जिसके चलते उन्हें पदमश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया.


इस कार्यक्रम के दौरान देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी,गृह मंत्री राजनाथ सिंह और मंत्री उपस्थित रहे. अंचल का प्रतिनिधित्व करने वाले महेश शर्मा को मिले इस सम्मान से लोगों में भी काफी उत्साह रहा.

झाबुआ। जिले के संरक्षण और पर्यावरण के क्षेत्र में काम करने वाले महेश शर्मा को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने पदमश्री से सम्मानित किया. महेश शर्मा हलमा की परंपरा के माध्यम से जन सरोकार के लिए काम करते हैं.

President honored Mahesh Sharma with Padamshree
पद्मश्री से सम्मानित महेश शर्मा ने आदिवासी इलाकों में किया हैं ये महत्वपूर्ण काम


दतिया जिले के घोंगसी गांव के निवासी महेश शर्मा ने 1988 में झाबुआ को अपना कर्म क्षेत्र बनाया. वहीं उन्होंने 2007 तक वनवासी कल्याण परिषद के सिपाही के रूप में जनहितैषी और जनजागरूकता अभियान चलाया. जिसके बाद गांव में पानी के लिए आदिवासी इलाके में जनजाति मान्यताओं और पुरानी परंपराओं को आधार बनाकर यहां के स्थानीय लोगों के साथ सामूहिक श्रमदान के माध्यम से जनसरोकार के लिए काम करते हैं. वहीं उन्होंने लोगों को पानी की महत्ता के प्रति जागरूक कर सामूहिक श्रमदान से कई तलाब बनवाए हैं. जिसके चलते उन्हें पदमश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया.


इस कार्यक्रम के दौरान देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी,गृह मंत्री राजनाथ सिंह और मंत्री उपस्थित रहे. अंचल का प्रतिनिधित्व करने वाले महेश शर्मा को मिले इस सम्मान से लोगों में भी काफी उत्साह रहा.

Intro:झाबुआ: जनजाति जिले में जल संरक्षण और पर्यावरण के क्षेत्र में काम करने वाले महेश शर्मा को आज राष्ट्रपति महामहिम श्री रामनाथ कोविंद द्वारा पदम श्री से सम्मानित किया। महेश शर्मा वनवासी क्षेत्र के लोगों के सामाजिक उत्थान और पर्यावरण संरक्षण में उनकी उपलब्धियों पदमश्री से सम्मानित किया । उनको मिले इस सम्मान से पूरा जिला देश भर में गौरान्वित हुआ ।



Body:जनजाति मान्यताओं और पुरानी परंपराओं को आधार बनाकर शर्मा ने यहां के स्थानीय लोगों के साथ ''हलमा''( सामूहिक श्रमदान) की परंपरा के माध्यम से जन सरोकार के काम किए जिसके चलते केंद्र सरकार ने उन्हें पदम श्री से सम्मानित किया। अंचल का प्रतिनिधित्व करने वाले महेश शर्मा को मिले इस सम्मान से लोगों में काफी उत्साह है ।


Conclusion:आज राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने उन्हें पदम श्री से सम्मानित किया ।इस दौरान देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गृह मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री अरुण जेटली, विधि मंत्री रविशंकर, सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत, वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी, सहित कई वीआईपी एवं पदमश्री प्राप्त करने वालों के परिजन मौजूद रहे ।
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