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हर साल जा रही सैकड़ों की जान, फिर भी सरकार नहीं दे रही ध्यान

झाबुआ में खराब सड़कों के चलते लगातार सड़क हादसे हो रहे हैं फिर भी प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा. जिम्मेदार विभाग सड़कों पर बने गड्ढों की मरम्मत के लिए कोई कारगर कदम नहीं उठा रहा है.

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Published : Nov 18, 2019, 9:18 PM IST

Updated : Nov 23, 2019, 2:18 PM IST

सड़क दुर्घटनाओं में जा रही जान

झाबुआ। जिले में खराब सड़कों के चलते लगातार सड़क हादसों की संख्या बढ़ती जा रही है. पिछले 6 सालों में झाबुआ जिले में 700 से अधिक लोगों की मौत सड़क हादसों में हो चुकी है. इसके बावजूद ना तो जिला प्रशासन और ना ही जिम्मेदार विभाग सड़कों पर बने गड्ढों को भरने में रुचि दिखा रहा है.

सड़क दुर्घटनाओं में जा रही जान

पिछले साल 119 लोगों की हुई थी मौत
झाबुआ से लेकर रतलाम तक एमपीआरडीसी द्वारा बनाई गई सड़क पिछले कई सालों से खस्ता हालत में है. जिले में 2018 में 750 सड़क दुर्घटना हुई. इन हादसों में 119 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, वहीं सड़कों की दुर्दशा की वजह से 800 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. बावजूद इसके सड़कों की ना तो रिपेयरिंग हो रही है और ना ही बने गड्ढों को भरने के लिए कोई कारगर कदम उठाया जा रहा है.

इस साल अब तक 118 की गई जान
साल 2019 में अब तक 614 सड़क दुर्घटनाएं हो चुकी हैं जिसमें 118 लोगों की मौत हो चुकी है. सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए देश की सर्वोच्च न्यायालय ने भी प्रदेश सरकार को निर्देश दिए हैं लेकिन इन निर्देशों का पालन नहीं हो रहा.

झाबुआ। जिले में खराब सड़कों के चलते लगातार सड़क हादसों की संख्या बढ़ती जा रही है. पिछले 6 सालों में झाबुआ जिले में 700 से अधिक लोगों की मौत सड़क हादसों में हो चुकी है. इसके बावजूद ना तो जिला प्रशासन और ना ही जिम्मेदार विभाग सड़कों पर बने गड्ढों को भरने में रुचि दिखा रहा है.

सड़क दुर्घटनाओं में जा रही जान

पिछले साल 119 लोगों की हुई थी मौत
झाबुआ से लेकर रतलाम तक एमपीआरडीसी द्वारा बनाई गई सड़क पिछले कई सालों से खस्ता हालत में है. जिले में 2018 में 750 सड़क दुर्घटना हुई. इन हादसों में 119 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, वहीं सड़कों की दुर्दशा की वजह से 800 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. बावजूद इसके सड़कों की ना तो रिपेयरिंग हो रही है और ना ही बने गड्ढों को भरने के लिए कोई कारगर कदम उठाया जा रहा है.

इस साल अब तक 118 की गई जान
साल 2019 में अब तक 614 सड़क दुर्घटनाएं हो चुकी हैं जिसमें 118 लोगों की मौत हो चुकी है. सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए देश की सर्वोच्च न्यायालय ने भी प्रदेश सरकार को निर्देश दिए हैं लेकिन इन निर्देशों का पालन नहीं हो रहा.

Intro:झाबुआ : जिले में खराब सड़को के चलते लगातार सड़क हादसों की संख्या बढ़ती जा रही है। पिछले 6 सालों में झाबुआ जिले में 5700 से अधिक लोगों की मौत सड़क हादसों में हो चुकी है बावजूद न तो जिला प्रशासन और ना ही जिम्मेदार विभाग सड़कों पर बने गड्ढों को भरने में रुचि दिखा रहा है जिसके चलते आए दिन सड़क हादसों की संख्या में इजाफा हो रहा है।


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झाबुआ से लेकर रतलाम तक एमपीआरडीसी द्वारा बनाई गई सड़क पिछले कई सालों से जर्जर रोड खस्ता हालत में है मगर इस सड़क पर ना तो रिपेयरिंग हो रही है और ना ही बने गड्ढों को भरने के लिए कोई कारगर कदम उठाया जा रहा है । झाबुआ जिले में 2018 में 750 सड़क दुर्घटना हुई जिसमें 119 लोगों की मौत हुई जबकि 800 के लगभग लोग घायल हुए 2019 में अब तक 614 सड़क दुर्घटनाएं हो चुकी है जिसमें 118 लोगों की मौत हो गई साथ ही 800 के लगभग लोग घायल हुए हैं, बावजूद जिला प्रशासन और ना ही जिम्मेदार विभाग सड़कों पर बने गड्ढों की मरम्मत के लिए कोई कारगर और ठोस कदम उठा था नजर आ रहा है।


Conclusion:सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए देश की सर्वोच्च न्यायालय ने भी प्रदेश सरकार को निर्देश दिए हुए हैं बावजूद इसके न तो इन निर्देशों का पालन हो रहा है और ना ही खराब सड़कों की सुध ली जा रही है। जर्जर सड़क के चलते एक और वाहन चालकों के वाहन में आये दिन नुकसान हो रहा है तो दूसरी ओर वाहन चालकों को वाहन चलाने में भी भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
बाइट ,: वाहन चालक
Last Updated : Nov 23, 2019, 2:18 PM IST
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