झाबुआ। शुक्रवार को झाबुआ के उत्कृष्ट खेल मैदान में किसान सम्मेलन का आयोजन किया गया.इस सम्मेलन में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल वेबकास्टिंग के माध्यम से किसानों और भाजपा के कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. जिला प्रशासन द्वारा आयोजित इस सम्मेलन से जिले के तीनों कांग्रेसी विधायकों ने दूरी बनाए रखी. किसान महासम्मेलन के लिए प्रशासन ने स्वयं सहायता समूह की महिलाओं, सहित अन्य हितग्राहियों समेत किसानों का बुलाया था. लेकिन जैसे ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन हुआ और लोग एक-एक कर कार्यक्रम छोड़ निकलते गए.
कोरोना गाइडलाइन की भी उड़ीं धज्जियां
कार्यक्रम के दौरान कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए '2 गज की दूरी है जरूरी' महज एक औपचारिकता बनकर रह गए. किसान सम्मेलन में जिले भर से लोग आए, जिनमें ज्यादातर भाजपा कार्यकर्ता शामिल थे. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हुआ. हालांकि कुछ देर बाद लोग खुद ही उठकर चल दिए. इसके अलावा भीड़ बढ़ाने के लिए स्वयं सहायता समूह की महिलाओं मजबूरन इस कार्यक्रम का हिस्सा बनना पड़ा.
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जिले का एक भी विधायक नहीं रहा मौजूद
राज्य स्तरीय किसान सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और सांसद गुमान सिंह डामोर ने नए किसान कानूनों के बारे में लोगों को बताया. इस आयोजन में जिले के तीनों विधायकों को आमंत्रित किया गया था. लेकिन तीन में से एक भी विधायक ने किसान सम्मेलन उपस्थिति दर्ज नहीं की. क्योंकि कांग्रेस इस कानून का शुरू से ही विरोध कर रही है.
अधिकारियों के रोकने से भी नहीं रुके लोग
सम्मेलन की शुरुआत लोकसभा सांसद गुमान सिंह डामोर ने अपने स्वागत भाषण के साथ शुरू की. उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा पारित किए गए तीन कृषि सुधार कानूनों को किसान हितैषी बताते हुए उसके समर्थन में किसानों से मोदी जिंदाबाद के नारे लगवाए. सांसद के संबोधन के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वेबकास्टिंग के माध्यम से सभा को संबोधित किया. फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी वेबकास्टिंग के माध्यम से मध्य प्रदेश के लोगों को नए कृषि सुधार कानूनों के फायदे गिनाते हुए कृषि क्षेत्र में किसानों के लिए केंद्र सरकार द्वारा किए जा रहे कामों की भी जानकारी दी. इस दौरान कार्यक्रम स्थल से मौजूद किसान और महिलाएं जाने लगीं. प्रधानमंत्री के संबोधन के दौरान लोगों के इस तरह से जाने से प्रशासनिक अधिकारी हतभ्रत रह गए. अधिकारियों ने लोगों को रोकने की कोशिश की.मगर लोग नहीं रुके. कार्यक्रम समापन तक चंद लोग ही रह गए थे.
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