झाबुआ। उपचुनाव के लिए बीजेपी प्रत्याशी के नामांकन के समय नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव के दिए गए विवादित बयान पर मध्य प्रदेश की सियासत गरमा गई है. जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने गोपाल भार्गव के बयान को आदिवासी समाज का अपमान बताया है. साथ ही चुनाव आयोग से मांग की है कि नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव को 21 अक्टूबर तक झाबुआ में घुसने नहीं देना चाहिए.
पीसी शर्मा ने कहा कि गोपाल भार्गव को अपने विवादित बयान पर सार्वजनिक रूप से माफी मांगना चाहिए. उन्होंने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि बीजेपी नेता ऐसे बयान इसलिए देते हैं ताकि वह अपनी पिछली सरकार की नाकामयाबी को छुपा सकें. कमलनाथ सरकार ने जिस तरीके से किसानों और आदिवासियों को लेकर काम किया है वो काफी अच्छा है. मुख्यमंत्री पहले ही ऐलान कर चुके हैं कि छिंदवाड़ा मॉडल सबसे पहले झाबुआ में लागू किया जाएगा.
क्या था बयान
नामांकन के समय नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने झाबुआ से कांग्रेस के प्रत्याशी कांतिलाल भूरिया को पाकिस्तान का प्रतिनिधि जबकि बीजेपी प्रत्याशी को हिंदुस्तान का प्रतिनिधि बताया था. जिसके बाद चुनाव आयोग ने झाबुआ कोतवाली में गोपाल भार्गव के खिलाफ FIR भी दर्ज कराई है.