झाबुआ। देशभर में अनलॉक की प्रक्रिया जारी है. अब पटरियों पर ट्रेंने भी रफ्तार पकड़ने लगी हैं. लेकिन छोटे स्टेशनों पर ट्रेन न रुकने से यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. कोरोना का असर पश्चिम रेलवे के रतलाम रेल खंड पर भी दिखाई दे रहा है. रतलाम डिवीजन तहत झाबुआ जिले के मेघनगर, थांदला, बामनिया, अमरगढ़ , बजरंग गढ़, पंच पिपलिया जैसी छोटे रेलवे स्टेशनों पर एक भी ट्रेन न रुकने से स्थानीय लोगों हर दिन परेशान होते हैं.
रेल मंत्रालय द्वारा कुछ समय पहले शुरु की गई लंबी दूरी की रेलगाड़ियों के चलते मेघनगर रेलवे स्टेशन पर थोडी चहल कदमी जरूर दिखाई देती है. लेकिन छोटे रेलवे स्टेशन पूरी तरह से बंद ही नजर आते हैं. झाबुआ जिले से बड़ी संख्या में लोग स्वास्थ्य और व्यापारिक काम से रतलाम, दाहोद, वड़ौदरा और इंदौर का रुख करते है.
इंदौर रुप पर बंद है प्रमुख गाड़ियां
इंदौर रुट पर चलने वाली अवंतिका एक्सप्रेस, इंदौर जयपुर एक्सप्रेस, इंदौर बांद्रा एक्सप्रेस सहित रतलाम कनेक्टिविटी की सभी ट्रेन बंद होने से इंदौर का संपर्क झाबुआ लगभगन 6 महीने से कटा हुआ है.
स्थानीय लोगों को हो रही परेशानी
स्थानीय लोगों कहना है लोकल ट्रेंने बंद होने से उन्हें हर दिन परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. पहले कम पैसे में जल्द सफर तय हो जाता है. लेकिन अब निजी वाहन से जाने से खर्च तो बढ़ा ही है जबकि समय की बचत भी नहीं हो पाती. सबसे ज्यादा परेशानी रोज अपडाउन करने वाले लोगों को हो रही है. लिहाजा यहां के स्थानीय लोगों ने ट्रेनों को फिर से सुचारु रुप से चलाने की गुहार लगायी है.