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MP Congress First List: झाबुआ से चुनाव लड़ेंगे डॉ विक्रांत भूरिया, थांदला और पेटलावद सीट से इन्हें मिला टिकट

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 15, 2023, 7:34 PM IST

एमपी कांग्रेस की पहली लिस्ट में झाबुआ की तीन सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है. जिसमें झाबुआ सीट से युवक कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. विक्रांत भूरिया को टिकट दिया गया है.

MP Congress First List
झाबुआ तीन सीट पर प्रत्याशी

झाबुआ। विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने रविवार को अपनी पहली सूची जारी कर दी. झाबुआ विधानसभा से युवक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ विक्रांत भूरिया को टिकट दिया गया है. जबकि थांदला विधानसभा में विधायक वीरसिंह भूरिया और पेटलावद विधानसभा में विधायक वालसिंह मेड़ा पर ही पार्टी ने भरोसा जताया है. नामों की घोषणा होने के बाद गोपाल कॉलोनी में स्थित विधायक कांतिलाल भूरिया के कार्यालय पर जिला कांग्रेस अध्यक्ष प्रकाश रांका व अन्य नेताओं ने एक दूसरे को मिठाई खिलाई. साथ ही चुनाव के लिए रणनीति पर भी चर्चा की.

किस विधानसभा से कौन है कांग्रेस प्रत्याशी:

झाबुआ विधानसभा: पार्टी में बगावत के चलते पहले चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था
प्रत्याशी: डॉ विक्रांत भूरिया
उम्र: 39 वर्ष
शिक्षा: एमबीबीएस, एमएस जनरल सर्जरी

झाबुआ से कांग्रेस प्रत्याशी युवक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ विक्रांत भूरिया कद्दावर आदिवासी नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री व वर्तमान में झाबुआ विधायक कांतिलाल भूरिया के बेटे हैं. वे वर्ष 2018 में भी कांग्रेस से चुनाव लड़े थे, लेकिन उन्हें भाजपा प्रत्याशी गुमानसिंह डामोर से 10 हजार 437 मतों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा था. इसकी एक बड़ी वजह कांग्रेस के बागी जेवियर मेड़ा रहे थे. टिकट नहीं मिलने से नाराज जेवियर निर्दलीय मैदान में उतर गए. उन्हें 35 हजार 943 मत मिले जो कांग्रेस की हार का कारण बना. टिकट मिलने के बाद अब डॉ विक्रांत के सामने पहली चुनौती नाराज नेताओं को साधने और साथ लेकर चलने की होगी, क्योंकि झाबुआ विधानसभा में अब तक तीन बार कांग्रेस को पराजय झेलनी पड़ी और हर बार उसकी वजह कांग्रेस के ही बागी उम्मीदवार का चुनाव लड़ना रहा.

थांदला विधानसभा: विधायक वीरसिंह पर ही कांग्रेस का भरोसा

प्रत्याशी: वीरसिंह भूरिया

उम्र:58 वर्ष

शिक्षा: बीए

थांदला से कांग्रेस उम्मीदवार वीरसिंह भूरिया वर्तमान में विधायक हैं. 2008 के विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में भाजपा के कलसिंह भाबर को 8 हजार 102 मतों के अंतर से हराया था. इसके बावजूद 2013 के चुनाव में उनका टिकट काट दिया था. इस चुनाव में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा. ऐसे में 2018 के चुनाव में एक बार फिर कांग्रेस ने वीरसिंह को मैदान में उतारा. इस बार फिर उन्होंने भाजपा प्रत्याशी कलसिंह भाबर को 31 हजार 151 मतों के अंतर से पराजित कर जीत हासिल की.

यहां पढ़ें...

पेटलवाद विधानसभा: विधायक वालसिंह ने तीन में से दो चुनाव में जीत हासिल की, इस बार फिर मैदान में

प्रत्याशी: वालसिंह मेड़ा

उम्र: 58 वर्ष

शिक्षा: 8वीं

पेटलावद से कांग्रेस प्रत्याशी घोषित हुए वालसिंह मेड़ा वर्तमान में विधायक है. सरपंच के रूप में अपनी राजनीति की शुरुआत करने वाले वालसिंह ने कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में 2008 में पेटलावद विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था. अपने पहले ही चुनाव में उन्होंने भाजपा प्रत्याशी निर्मला भूरिया को 8 हजार 584 मतों के अंतर से हरा दिया. हालांकि 2013 के चुनाव में उन्हें भाजपा प्रत्याशी निर्मला भूरिया से 17 हजार 16 मतों के अंतर से हार झेलनी पड़ी. इसके बाद 2018 के चुनाव में एक बार फिर उन्होंने कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ते हुए भाजपा उम्मीदवार निर्मला भूरिया को 5 हजार मतों के अंतर से पराजित कर जीत हासिल की थी.

झाबुआ। विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने रविवार को अपनी पहली सूची जारी कर दी. झाबुआ विधानसभा से युवक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ विक्रांत भूरिया को टिकट दिया गया है. जबकि थांदला विधानसभा में विधायक वीरसिंह भूरिया और पेटलावद विधानसभा में विधायक वालसिंह मेड़ा पर ही पार्टी ने भरोसा जताया है. नामों की घोषणा होने के बाद गोपाल कॉलोनी में स्थित विधायक कांतिलाल भूरिया के कार्यालय पर जिला कांग्रेस अध्यक्ष प्रकाश रांका व अन्य नेताओं ने एक दूसरे को मिठाई खिलाई. साथ ही चुनाव के लिए रणनीति पर भी चर्चा की.

किस विधानसभा से कौन है कांग्रेस प्रत्याशी:

झाबुआ विधानसभा: पार्टी में बगावत के चलते पहले चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था
प्रत्याशी: डॉ विक्रांत भूरिया
उम्र: 39 वर्ष
शिक्षा: एमबीबीएस, एमएस जनरल सर्जरी

झाबुआ से कांग्रेस प्रत्याशी युवक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ विक्रांत भूरिया कद्दावर आदिवासी नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री व वर्तमान में झाबुआ विधायक कांतिलाल भूरिया के बेटे हैं. वे वर्ष 2018 में भी कांग्रेस से चुनाव लड़े थे, लेकिन उन्हें भाजपा प्रत्याशी गुमानसिंह डामोर से 10 हजार 437 मतों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा था. इसकी एक बड़ी वजह कांग्रेस के बागी जेवियर मेड़ा रहे थे. टिकट नहीं मिलने से नाराज जेवियर निर्दलीय मैदान में उतर गए. उन्हें 35 हजार 943 मत मिले जो कांग्रेस की हार का कारण बना. टिकट मिलने के बाद अब डॉ विक्रांत के सामने पहली चुनौती नाराज नेताओं को साधने और साथ लेकर चलने की होगी, क्योंकि झाबुआ विधानसभा में अब तक तीन बार कांग्रेस को पराजय झेलनी पड़ी और हर बार उसकी वजह कांग्रेस के ही बागी उम्मीदवार का चुनाव लड़ना रहा.

थांदला विधानसभा: विधायक वीरसिंह पर ही कांग्रेस का भरोसा

प्रत्याशी: वीरसिंह भूरिया

उम्र:58 वर्ष

शिक्षा: बीए

थांदला से कांग्रेस उम्मीदवार वीरसिंह भूरिया वर्तमान में विधायक हैं. 2008 के विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में भाजपा के कलसिंह भाबर को 8 हजार 102 मतों के अंतर से हराया था. इसके बावजूद 2013 के चुनाव में उनका टिकट काट दिया था. इस चुनाव में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा. ऐसे में 2018 के चुनाव में एक बार फिर कांग्रेस ने वीरसिंह को मैदान में उतारा. इस बार फिर उन्होंने भाजपा प्रत्याशी कलसिंह भाबर को 31 हजार 151 मतों के अंतर से पराजित कर जीत हासिल की.

यहां पढ़ें...

पेटलवाद विधानसभा: विधायक वालसिंह ने तीन में से दो चुनाव में जीत हासिल की, इस बार फिर मैदान में

प्रत्याशी: वालसिंह मेड़ा

उम्र: 58 वर्ष

शिक्षा: 8वीं

पेटलावद से कांग्रेस प्रत्याशी घोषित हुए वालसिंह मेड़ा वर्तमान में विधायक है. सरपंच के रूप में अपनी राजनीति की शुरुआत करने वाले वालसिंह ने कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में 2008 में पेटलावद विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था. अपने पहले ही चुनाव में उन्होंने भाजपा प्रत्याशी निर्मला भूरिया को 8 हजार 584 मतों के अंतर से हरा दिया. हालांकि 2013 के चुनाव में उन्हें भाजपा प्रत्याशी निर्मला भूरिया से 17 हजार 16 मतों के अंतर से हार झेलनी पड़ी. इसके बाद 2018 के चुनाव में एक बार फिर उन्होंने कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ते हुए भाजपा उम्मीदवार निर्मला भूरिया को 5 हजार मतों के अंतर से पराजित कर जीत हासिल की थी.

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