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MP Chunav 2023: इस बार मतदान का रिकॉर्ड बनने की उम्मीद, पलायन पर गए ग्रामीण दिवाली पर लौटेंगे घर - झाबुआ में इस बार हो सकती है रिकार्ड वोटिंग

झाबुआ जिले की तीनों विधानसभा में पहले चुनाव से लेकर अब तक के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो साल दर साल मताधिकार का प्रयोग करने वालों की संख्या बढ़ी है. खास बात यह है कि यह बढ़ोत्तरी केवल संख्या में नहीं, बल्कि मतदान के प्रतिशत में भी हुई है, जो महत्वपूर्ण है.

MP Chunav 2023
एमपी चुनाव 2023
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 17, 2023, 9:38 PM IST

झाबुआ। झाबुआ जिले के मतदाता इस बार 2018 के विधानसभा चुनाव में हुए मतदान के रिकॉर्ड को तोड़कर एक नया कीर्तिमान स्थापित कर सकते हैं. इसकी बड़ी वजह दिवाली के त्योहार के तुरंत बाद मतदान होना है. चूंकि इस समय पलायन पर गए ग्रामीण वापस घर लौटते हैं, लिहाजा लोकतंत्र के उत्सव में उनकी सहभागिता तय है. जिससे निश्चित तौर पर बीते चुनावों के मुकाबले मतदान का प्रतिशत बढ़ेगा.

गौरतलब है कि झाबुआ जिले से हर साल करीब दो लाख ग्रामीण रोजगार के लिए सीमावर्ती गुजरात, राजस्थान और महाराष्ट्र राज्य में पलायन कर जाते हैं. इस बार दीपोत्सव 10 नवंबर से है और काम पर गए सभी ग्रामीण इसके पहले ही अपने घर लौट आएंगे. उधर, मतदान 17 नवंबर को होना है. इस समय तक ग्रामीण गांव में ही होंगे तो न केवल स्थानीय जनप्रतिनिधि बल्कि प्रशासन भी उन्हें अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए प्रेरित कर पाएगा. फिलहाल प्रशासन द्वारा जोर-शोर से मतदाता जागरूकता अभियान चलाकर जनता को घर से बाहर निकलकर लोकतंत्र के महायज्ञ में आहुति अर्पित करने का आह्वान किया जा रहा है. गत विधानसभा चुनावों से जिस तरह मतदान में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है. उससे आशा बंधी है कि इस बार भी लोग घरों से बाहर निकलकर अपनी भूमिका निभाएंगे.

थांदला में सर्वाधिक 87.54 प्रतिशत मतदान हुआ था: 2018 के विधानसभा चुनाव में झाबुआ जिले की तीन विधानसभा में औसत 77.78 फीसदी मतदान हुआ था. जो 1957 के पहले चुनाव से लेकर अब तक के चुनाव में सर्वाधिक था. 2018 के चुनाव में थांदला विधानसभा में सबसे ज्यादा 87.54 प्रतिशत मतदान हुआ था. जबकि पेटलावद विधानसभा में मतदान का आंकड़ा 80.55 प्रतिशत रहा था.

झाबुआ विधानसभा पर ज्यादा फोकस: मतदान का रिकॉर्ड बनाने की दिशा में प्रयास में लगे प्रशासन का इस बार झाबुआ विधानसभा पर ज्यादा फोकस है, क्योंकि 2018 के चुनाव में इस विधानसभा में 65.26 प्रतिशत मतदान हुआ था, तो वहीं 2019 के उपचुनाव में इसमें 3.35 फीसदी की कमी आई थी. उप चुनाव में मतदान का प्रतिशत 61.91 रहा था. इसके अलावा झाबुआ विधानसभा के 20 मतदान केंद्र ऐसे हैं. जहां 50 प्रतिशत से कम मतदान हुआ था.

इन मतदान केंद्रों में छागोला (केंद्र क्रमांक-255), कुंडलवासा (केंद्र क्रमांक-328), भोडली (केंद्र क्रमांक-308), वागवा (केंद्र क्रमांक-241), उत्ती (केंद्र क्रमांक-325), कुशलपुरा (केंद्र क्रमांक-224), कंजवानी खास (केंद्र क्रमांक-231), खेड़ा माछलियाझिर (केंद्र क्रमांक-269), वाल्दीमाल
(केंद्र क्रमांक-252), झाझरवा (केंद्र क्रमांक-259), मांडलीलालजी (केंद्र क्रमांक-219), खेड़ा धापड़ा (केंद्र क्रमांक-332), केसरिया बारी (केंद्र क्रमांक-343), चुई (केंद्र क्रमांक-270), झाबुआ (केंद्र क्रमांक-99), उबेराव (केंद्र क्रमांक-239), धामनीनाना(केंद्र क्रमांक-238), बूचाडूंगरी (केंद्र क्रमांक-222), अरंडीफलिया (केंद्र क्रमांक-329) और रातमलिया (केंद्र क्रमांक-330) शामिल है। इन केंद्रों पर बनी बूथ अवेयरनेस टीम को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है, ताकि वे अपने बूथ के शत प्रतिशत मतदाताओं को मतदान के लिए प्रेरित कर सके.

मतदान का प्रतिशत बढ़ाने के लिए की जा रही ये सारी कवायद:

स्कूल-कॉलेज में कैंपस एंबेसडर बनाए गए, जिनके जरिए लोगों को मतदान का महत्व बताने के साथ अनिवार्य रूप से मतदान करने का आह्वान किया जा रहा है.

सभी ग्राम पंचायतों में मतदाता जागरूकता से जुड़े बैनर-पोस्टर लगाए गए हैं.

सामाजिक संगठनों की भागीदारी के माध्यम से लोगों को मतदान के लिए जागरूक किया जा रहा है.

मैदानी अमले को खास तौर से ट्रेनिंग दी गई है, ताकि वे ग्रामीणों को मतदान और मताधिकार का महत्व बता सकें.

पिछले विधानसभा चुनाव में 50 फीसदी से कम मतदान वाले केंद्रों को चिह्नित कर, वहां फोकस किया जा रहा है. जिससे मतदान का प्रतिशत बढ़ सके.

ऐसे मतदान केंद्र जहां महिला व पुरुषों के वोटिंग प्रतिशत में 10 फीसदी या उससे अधिक का अंतर है, उन्हें भी टारगेट किया गया है.

मतदाता जागरूकता के लिए अलग अलग स्थानों पर शपथ भी दिलाई जा रही है.

निश्चित तौर पर मतदान का रिकॉर्ड बनाएंगे: जिला पंचायत सीईओ रेखा राठौर के अनुसार आदिवासी अंचल में मतदाताओं को मतदान के प्रति जागरूक करने के लिए खास प्रयास किए जा रहे हैं. ग्रामीण क्षेत्रों के साथ ही शहर में कई ऐसे परिवार होते हैं. जो मतदान के लिए बाहर नहीं निकलते हैं. हमारी उनसे भी अपील है कि वे लोकतंत्र के उत्सव में अनिवार्य रूप से सहभागिता करें. हमें पूरी उम्मीद है कि इस साल रिकॉर्ड तोड़ मतदान होगा. इससे लोकतंत्र को मजबूती मिलेगी.

यहां पढ़ें...

साल दर साल मतदान की स्थिति:

  1. वर्ष: 1957

विधानसभा मतदान

झाबुआ 43.26

थांदला 33.82

पेटलावद -

  1. वर्ष: 1962

विधानसभा मतदान

झाबुआ 37.97

थांदला 39.76

पेटलावद -

  1. वर्ष: 1967

विधानसभा मतदान

झाबुआ 42.65

थांदला 49.57

पेटलावद 43.19

  1. वर्ष: 1972

विधानसभा मतदान

झाबुआ 35.40

थांदला 48.70

पेटलावद 46.57

  1. वर्ष: 1977

विधानसभा मतदान

झाबुआ 29.55

थांदला 46.35

पेटलावद 41.13

  1. वर्ष: 1980

विधानसभा मतदान

झाबुआ 31.65

थांदला 42.74

पेटलावद 39.39

  1. वर्ष: 1985

विधानसभा मतदान

झाबुआ 26.79

थांदला 44.96

पेटलावद 36.64

  1. वर्ष: 1990

विधानसभा मतदान

झाबुआ 38.83

थांदला 43.53

पेटलावद 48.96

  1. वर्ष: 1993

विधानसभा मतदान

झाबुआ 42.21

थांदला 57.55

पेटलावद 52.80

  1. वर्ष: 1998

विधानसभा मतदान

झाबुआ 40.09

थांदला 55.97

पेटलावद 59.56

  1. वर्ष: 2003

विधानसभा मतदान

झाबुआ 48.70

थांदला 63.01

पेटलावद 63.40

  1. वर्ष: 2008

विधानसभा मतदान

झाबुआ 54.26

थांदला 71.43

पेटलावद 69.35

  1. वर्ष: 2013

विधानसभा मतदान

झाबुआ 56.69

थांदला 81.02

पेटलावद 72.91

वर्ष: 2018

विधानसभा मतदान

झाबुआ 65.26

थांदला 87.54

पेटलावद 80.55

  1. वर्ष: 2019 उप चुनाव

विधानसभा मतदान

झाबुआ- 61.91


(स्त्रोत: जिला निर्वाचन कार्यालय. नोट: 1957 और 1962 में पेटलावद विधानसभा सीट अस्तित्व में नहीं थी.)

झाबुआ। झाबुआ जिले के मतदाता इस बार 2018 के विधानसभा चुनाव में हुए मतदान के रिकॉर्ड को तोड़कर एक नया कीर्तिमान स्थापित कर सकते हैं. इसकी बड़ी वजह दिवाली के त्योहार के तुरंत बाद मतदान होना है. चूंकि इस समय पलायन पर गए ग्रामीण वापस घर लौटते हैं, लिहाजा लोकतंत्र के उत्सव में उनकी सहभागिता तय है. जिससे निश्चित तौर पर बीते चुनावों के मुकाबले मतदान का प्रतिशत बढ़ेगा.

गौरतलब है कि झाबुआ जिले से हर साल करीब दो लाख ग्रामीण रोजगार के लिए सीमावर्ती गुजरात, राजस्थान और महाराष्ट्र राज्य में पलायन कर जाते हैं. इस बार दीपोत्सव 10 नवंबर से है और काम पर गए सभी ग्रामीण इसके पहले ही अपने घर लौट आएंगे. उधर, मतदान 17 नवंबर को होना है. इस समय तक ग्रामीण गांव में ही होंगे तो न केवल स्थानीय जनप्रतिनिधि बल्कि प्रशासन भी उन्हें अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए प्रेरित कर पाएगा. फिलहाल प्रशासन द्वारा जोर-शोर से मतदाता जागरूकता अभियान चलाकर जनता को घर से बाहर निकलकर लोकतंत्र के महायज्ञ में आहुति अर्पित करने का आह्वान किया जा रहा है. गत विधानसभा चुनावों से जिस तरह मतदान में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है. उससे आशा बंधी है कि इस बार भी लोग घरों से बाहर निकलकर अपनी भूमिका निभाएंगे.

थांदला में सर्वाधिक 87.54 प्रतिशत मतदान हुआ था: 2018 के विधानसभा चुनाव में झाबुआ जिले की तीन विधानसभा में औसत 77.78 फीसदी मतदान हुआ था. जो 1957 के पहले चुनाव से लेकर अब तक के चुनाव में सर्वाधिक था. 2018 के चुनाव में थांदला विधानसभा में सबसे ज्यादा 87.54 प्रतिशत मतदान हुआ था. जबकि पेटलावद विधानसभा में मतदान का आंकड़ा 80.55 प्रतिशत रहा था.

झाबुआ विधानसभा पर ज्यादा फोकस: मतदान का रिकॉर्ड बनाने की दिशा में प्रयास में लगे प्रशासन का इस बार झाबुआ विधानसभा पर ज्यादा फोकस है, क्योंकि 2018 के चुनाव में इस विधानसभा में 65.26 प्रतिशत मतदान हुआ था, तो वहीं 2019 के उपचुनाव में इसमें 3.35 फीसदी की कमी आई थी. उप चुनाव में मतदान का प्रतिशत 61.91 रहा था. इसके अलावा झाबुआ विधानसभा के 20 मतदान केंद्र ऐसे हैं. जहां 50 प्रतिशत से कम मतदान हुआ था.

इन मतदान केंद्रों में छागोला (केंद्र क्रमांक-255), कुंडलवासा (केंद्र क्रमांक-328), भोडली (केंद्र क्रमांक-308), वागवा (केंद्र क्रमांक-241), उत्ती (केंद्र क्रमांक-325), कुशलपुरा (केंद्र क्रमांक-224), कंजवानी खास (केंद्र क्रमांक-231), खेड़ा माछलियाझिर (केंद्र क्रमांक-269), वाल्दीमाल
(केंद्र क्रमांक-252), झाझरवा (केंद्र क्रमांक-259), मांडलीलालजी (केंद्र क्रमांक-219), खेड़ा धापड़ा (केंद्र क्रमांक-332), केसरिया बारी (केंद्र क्रमांक-343), चुई (केंद्र क्रमांक-270), झाबुआ (केंद्र क्रमांक-99), उबेराव (केंद्र क्रमांक-239), धामनीनाना(केंद्र क्रमांक-238), बूचाडूंगरी (केंद्र क्रमांक-222), अरंडीफलिया (केंद्र क्रमांक-329) और रातमलिया (केंद्र क्रमांक-330) शामिल है। इन केंद्रों पर बनी बूथ अवेयरनेस टीम को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है, ताकि वे अपने बूथ के शत प्रतिशत मतदाताओं को मतदान के लिए प्रेरित कर सके.

मतदान का प्रतिशत बढ़ाने के लिए की जा रही ये सारी कवायद:

स्कूल-कॉलेज में कैंपस एंबेसडर बनाए गए, जिनके जरिए लोगों को मतदान का महत्व बताने के साथ अनिवार्य रूप से मतदान करने का आह्वान किया जा रहा है.

सभी ग्राम पंचायतों में मतदाता जागरूकता से जुड़े बैनर-पोस्टर लगाए गए हैं.

सामाजिक संगठनों की भागीदारी के माध्यम से लोगों को मतदान के लिए जागरूक किया जा रहा है.

मैदानी अमले को खास तौर से ट्रेनिंग दी गई है, ताकि वे ग्रामीणों को मतदान और मताधिकार का महत्व बता सकें.

पिछले विधानसभा चुनाव में 50 फीसदी से कम मतदान वाले केंद्रों को चिह्नित कर, वहां फोकस किया जा रहा है. जिससे मतदान का प्रतिशत बढ़ सके.

ऐसे मतदान केंद्र जहां महिला व पुरुषों के वोटिंग प्रतिशत में 10 फीसदी या उससे अधिक का अंतर है, उन्हें भी टारगेट किया गया है.

मतदाता जागरूकता के लिए अलग अलग स्थानों पर शपथ भी दिलाई जा रही है.

निश्चित तौर पर मतदान का रिकॉर्ड बनाएंगे: जिला पंचायत सीईओ रेखा राठौर के अनुसार आदिवासी अंचल में मतदाताओं को मतदान के प्रति जागरूक करने के लिए खास प्रयास किए जा रहे हैं. ग्रामीण क्षेत्रों के साथ ही शहर में कई ऐसे परिवार होते हैं. जो मतदान के लिए बाहर नहीं निकलते हैं. हमारी उनसे भी अपील है कि वे लोकतंत्र के उत्सव में अनिवार्य रूप से सहभागिता करें. हमें पूरी उम्मीद है कि इस साल रिकॉर्ड तोड़ मतदान होगा. इससे लोकतंत्र को मजबूती मिलेगी.

यहां पढ़ें...

साल दर साल मतदान की स्थिति:

  1. वर्ष: 1957

विधानसभा मतदान

झाबुआ 43.26

थांदला 33.82

पेटलावद -

  1. वर्ष: 1962

विधानसभा मतदान

झाबुआ 37.97

थांदला 39.76

पेटलावद -

  1. वर्ष: 1967

विधानसभा मतदान

झाबुआ 42.65

थांदला 49.57

पेटलावद 43.19

  1. वर्ष: 1972

विधानसभा मतदान

झाबुआ 35.40

थांदला 48.70

पेटलावद 46.57

  1. वर्ष: 1977

विधानसभा मतदान

झाबुआ 29.55

थांदला 46.35

पेटलावद 41.13

  1. वर्ष: 1980

विधानसभा मतदान

झाबुआ 31.65

थांदला 42.74

पेटलावद 39.39

  1. वर्ष: 1985

विधानसभा मतदान

झाबुआ 26.79

थांदला 44.96

पेटलावद 36.64

  1. वर्ष: 1990

विधानसभा मतदान

झाबुआ 38.83

थांदला 43.53

पेटलावद 48.96

  1. वर्ष: 1993

विधानसभा मतदान

झाबुआ 42.21

थांदला 57.55

पेटलावद 52.80

  1. वर्ष: 1998

विधानसभा मतदान

झाबुआ 40.09

थांदला 55.97

पेटलावद 59.56

  1. वर्ष: 2003

विधानसभा मतदान

झाबुआ 48.70

थांदला 63.01

पेटलावद 63.40

  1. वर्ष: 2008

विधानसभा मतदान

झाबुआ 54.26

थांदला 71.43

पेटलावद 69.35

  1. वर्ष: 2013

विधानसभा मतदान

झाबुआ 56.69

थांदला 81.02

पेटलावद 72.91

वर्ष: 2018

विधानसभा मतदान

झाबुआ 65.26

थांदला 87.54

पेटलावद 80.55

  1. वर्ष: 2019 उप चुनाव

विधानसभा मतदान

झाबुआ- 61.91


(स्त्रोत: जिला निर्वाचन कार्यालय. नोट: 1957 और 1962 में पेटलावद विधानसभा सीट अस्तित्व में नहीं थी.)

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