झाबुआ। चुनावी साल में कांग्रेस संगठन में बड़ा बदलाव किया गया है. पिछले 8 सालों से जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल रहे वरिष्ठ नेता निर्मल मेहता की जगह अब पार्टी की कमान संगठन में सालों से कोषाध्यक्ष की भूमिका निभाते आ रहे वरिष्ठ नेता प्रकाश रांका को सौंपी गई है. वे पिछले 30 सालों से कांग्रेस से जुड़े हैं. विषम परिस्थितियां होने के बावजूद भी कभी उन्होंने कांग्रेस का हाथ नहीं छोड़ा. इसके अलावा उन्हें दिग्गज कांग्रेस नेता और झाबुआ विधायक कांतिलाल भूरिया का भी बेहद करीबी माना जाता है. इस आधार पर रांका को जिला कांग्रेस अध्यक्ष की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है.
प्रकाश रांका को बनाया जिलाध्यक्ष: रविवार को जिला कांग्रेस अध्यक्ष के नाम की घोषणा हुई. ऐसे में सोमवार दोपहर करीब साढ़े 12 बजे प्रकाश रांका गोपाल कॉलोनी में स्थित विधायक कार्यालय पहुंचे, जहां कार्यकर्ताओं ने ढोल नगाड़ों के साथ उनका स्वागत किया. उन्हें पुष्पमाला पहनाकर मिठाई खिलाई गई. इस मौके पर नव नियुक्त जिलाध्यक्ष ने शीर्ष नेतृत्व के साथ पूर्व केंद्रीय मंत्री और झाबुआ विधायक कांतिलाल भूरिया, युवक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर विक्रांत भूरिया, विधायक वालसिंह मेड़ा और थांदला विधायक वीर सिंह भूरिया का भी आभार माना.
राजनेता से पहले मैं एक समाजसेवी हूं: अपनी नियुक्ति को लेकर जिला कांग्रेस अध्यक्ष प्रकाश रांका ने कहा, "पार्टी सभी की प्रतिभा को पहचानती है. बस समय होता है और समय के हिसाब से जिम्मेदारी दी जाती है. मैं पिछले 30 सालों से कांग्रेस के साथ हूं. राजनेता होने से पहले मैं एक समाजसेवी हूं."
राजनीति में इस तरह से मारी एंट्री: "जब हम छोटे थे तो हमारे बाबूजी हम चार भाई-बहनों को गुरुवार को पारा में लगने वाले हाट बाजार में आने वाले ग्रामीणों को पानी पिलाने की जिम्मेदारी देते थे. हम घर के बाहर चार मटके लेकर बैठा करते थे. इस तरह समाज सेवा का बीज बचपन में ही मुझ में पड़ गया था. मैं जब बड़ा हुआ तो मुझे लगा कि समाज सेवा करने के लिए कुछ पावर भी जरूरी है. जब प्रशासन के सामने अपनी बात रखना हो तो सिर्फ एक समाजसेवी के रूप में आपको उतना नहीं सुना जाएगा. यह इस देश का सिनेरियो है, उस वक्त मैं मंत्री कांतिलाल भूरिया के संपर्क में आया. मैंने कांग्रेस को चुना क्योंकि कांग्रेस ही एकमात्र धर्मनिरपेक्ष पार्टी है."
भविष्य की योजना: जिला कांग्रेस अध्यक्ष प्रकाश रांका ने बताया, झाबुआ जिले की तीनों विधानसभा सीट हमारे पास है. हमारा लक्ष्य रहेगा की पिछले बार से दोगुना लीड से हम चुनाव में जीत हासिल करें. धार जिले में हुए नगरीय निकाय चुनाव का जिक्र करते हुए रांका ने कहा कांग्रेस ने 6 स्थानों पर जीत हासिल की है. अब तस्वीर पूरी तरह बदल चुकी है और 2023 निश्चित रूप से कांग्रेस का है. हम जो बोर्ड लगा रहे हैं नया साल, नई सरकार, वह साकार होगा.
प्रदेश कांग्रेस का महासचिव: प्रदेश कांग्रेस कमेटी में झाबुआ के जिन दो नेताओं को शामिल किया गया है, उसमें पूर्व विधायक जेवियर मेडा और निवृत्तमान जिला कांग्रेस अध्यक्ष निर्मल मेहता का नाम है. इन दोनों ही नेताओं को प्रदेश कांग्रेस का महासचिव बनाया गया है. राजनीति के क्षेत्र में झाबुआ के लिए इसे एक बड़ी उपलब्धि बताया जा रहा है, क्योंकि प्रदेश कांग्रेस में महासचिवों की संख्या 250 से घटाकर 105 कर दी गई है. ऐसे में झाबुआ के दो नेताओं को प्रतिनिधित्व मिला है.