झाबुआ। विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी है. झाबुआ विधानसभा क्षेत्र में जिलाध्यक्ष भानू भूरिया भाजपा का चेहरा होंगे. जबकि पेटलावद में पूर्व राज्यमंत्री निर्मला भूरिया पर संगठन का भरोसा कायम रहा है. चूंकि चुनाव में अभी तीन से चार महीने का वक्त है, ऐसे में असंतुष्टों को मनाने और क्षेत्र में चुनाव प्रचार के लिए उम्मीदवारों को पर्याप्त समय मिल जाएगा.
बगावती नेताओं को साधने में होगी आसानी: गौरतलब है कि भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक बुधवार को संपन्न हुई थी. चूंकि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में चुनाव होना है, लिहाजा इस बार भाजपा संगठन ने पहले ही प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर एक तरह से चौकाने का काम किया है. पहले से उम्मीदवार घोषित किए जाने से बगावती तेवर अपनाने वाले नेताओं को साधने में आसानी होगी. इसके साथ ही प्रत्याशी अपनी विधानसभा क्षेत्र के एक-एक गांव में अभी से मतदाताओं के बीच जा सकेंगे.
थांदला को होल्ड पर रखना चर्चा का विषय बना: भाजपा संगठन ने फिलहाल थांदला विधानसभा सीट के लिए प्रत्याशी के नाम की घोषणा नहीं की है. यह चर्चा का विषय बना हुआ है, क्योंकि थांदला भाजपा अजजा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कलसिंह भाबर का क्षेत्र है. अब यहां से किसे टिकट दिया जाएगा, इसे लेकर अलग-अलग कयास लगाए जा रहे हैं.
ये हैं भाजपा से प्रत्याशी:
भानू भूरिया: झाबुआ विधानसभा सीट से प्रत्याशी भानू भूरिया वर्तमान में भाजपा जिलाध्यक्ष हैं. उनके साथ टिकट की दौड़ में पूर्व विधायक शांतिलाल बिलवाल और महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष व राणापुर की पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष सुनीता गोविंद अजनार दौड़ में थी. चूंकि झाबुआ विधानसभा में हुए उप चुनाव में भानू भूरिया पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया के खिलाफ चुनाव लड़ चुके थे. ऐसे में उनके अनुभव और युवा चेहरा होने से संभवता पार्टी ने उन पर पुनः भरोसा जताया. उपचुनाव में भानू को भले ही हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन उस वक्त प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी. ऐसे में पूरी सरकार झाबुआ के उपचुनाव में लग गई थी. जिसके चलते भानू 27804 मतों से पराजित हुए थे. उन्हें 68351 वोट प्राप्त हुए थे. जबकि कांग्रेस प्रत्याशी कांतिलाल भूरिया को 96155 मत मिले थे.
निर्मला भूरिया: पेसा कानून के जनक कद्दावर आदिवासी नेता स्वर्गीय दिलीप सिंह भूरिया की बेटी पूर्व राज्यमंत्री निर्मला भूरिया पर भाजपा का भरोसा इस बार भी बरकरार रहा. उन्हें पेटलावद से प्रत्याशी घोषित किया गया है. उनके साथ ही इस विधानसभा क्षेत्र से सांसद गुमान सिंह डामोर का नाम भी तेजी से सामने आया था. पिछले चुनाव में निर्मला भूरिया महज 5 हजार मतों के अंतर से पराजित हुई थी. इसकी बड़ी वजह सेबोटेज था. उस वक्त निर्मला भूरिया को 88 हजार 425 मत प्राप्त हुए थे, जबकि कांग्रेस के वाल सिंह मेड़ा को 93 हजार 425 मत मिले थे. जबकि 2013 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी वाल सिंह मेड़ा को 17 हजार 16 मतों के अंतर से पराजित किया था.