ETV Bharat / state

बड़ी संख्या में गुजरात से झाबुआ लौट रहे प्रवासी मजदूर, गुजरात सरकार पर लगाया मदद नहीं करने का आरोप - देश में लॉकडाउन

गुजरात सरकार द्वारा राज्य में काम करने वाले दूसरे राज्यों के मजदूरों की घर वापसी की समुचित व्यवस्था न किए जाने से मजदूरों को तकलीफों का सामना करना पड़ रहा है. लिहाजा वे जो भी साधन मिल रहा है उससे अपने राज्य वापस लौट रहे हैं.

Workers at Jhabua border
झाबुआ बॉर्डर पर मजदूर
author img

By

Published : May 20, 2020, 12:46 PM IST

Updated : May 20, 2020, 3:43 PM IST

झाबुआ। लॉकडाउन को करीब 60 दिन होने को हैं, इसके बाद भी गुजरात से प्रवासी मजदूरों का आना कम नहीं हो रहा है. हर रोज गुजरात से सैकड़ों की संख्या में श्रमिक परिवार मध्यप्रदेश की पिटोल बॉर्डर पर पहुंच रहे हैं. गुजरात सरकार द्वारा राज्य में काम करने वाले दूसरे राज्यों के मजदूरों की घर वापसी की समुचित व्यवस्था न किए जाने से इन मजदूरों को तकलीफ उठाकर सफर करना पड़ रहा है.

झाबुआ बॉर्डर पर मजदूर

कई मजदूरों के पास पैसे ना होने के कारण भी हाथठेला से यात्रा करने को मजबूर हैं. वहीं कुछ लोग पहले ही पैदल यात्रा करके अपने गंतव्य तक पहुंच चुके हैं. जो लोग गुजरात में रहकर ऑटो रिक्शा चलाते थे, वे उसी में सवार होकर अपने गांव लौटने लगे हैं. गुजरात से हजारों किलोमीटर दूर अपने गांव आने के लिए साधन महंगे होने से तपती दोपहरी में मजदूर बाइक और स्कूटी के साथ साइकिल को अपना साधन बनाते दिखाई दे रहे हैं.

सीमा पर पहुंच रहे श्रमिकों का साफ कहना है कि उन्हें गुजरात सरकार की कोई मदद नहीं मिल रही है. महानगरों में रहते-रहते पैसे खत्म हो गए. खाने-पीने की दिक्कत आ रही थी और रोजगार भी नहीं था. ऐसे में मजदूरों के पास घर लौटने के सिवा कोई रास्ता नहीं बचा. मजदूरों ने बताया कि गुजरात सरकार की बेरुखी के चलते श्रमिकों की घर वापसी हो रही है.

झाबुआ। लॉकडाउन को करीब 60 दिन होने को हैं, इसके बाद भी गुजरात से प्रवासी मजदूरों का आना कम नहीं हो रहा है. हर रोज गुजरात से सैकड़ों की संख्या में श्रमिक परिवार मध्यप्रदेश की पिटोल बॉर्डर पर पहुंच रहे हैं. गुजरात सरकार द्वारा राज्य में काम करने वाले दूसरे राज्यों के मजदूरों की घर वापसी की समुचित व्यवस्था न किए जाने से इन मजदूरों को तकलीफ उठाकर सफर करना पड़ रहा है.

झाबुआ बॉर्डर पर मजदूर

कई मजदूरों के पास पैसे ना होने के कारण भी हाथठेला से यात्रा करने को मजबूर हैं. वहीं कुछ लोग पहले ही पैदल यात्रा करके अपने गंतव्य तक पहुंच चुके हैं. जो लोग गुजरात में रहकर ऑटो रिक्शा चलाते थे, वे उसी में सवार होकर अपने गांव लौटने लगे हैं. गुजरात से हजारों किलोमीटर दूर अपने गांव आने के लिए साधन महंगे होने से तपती दोपहरी में मजदूर बाइक और स्कूटी के साथ साइकिल को अपना साधन बनाते दिखाई दे रहे हैं.

सीमा पर पहुंच रहे श्रमिकों का साफ कहना है कि उन्हें गुजरात सरकार की कोई मदद नहीं मिल रही है. महानगरों में रहते-रहते पैसे खत्म हो गए. खाने-पीने की दिक्कत आ रही थी और रोजगार भी नहीं था. ऐसे में मजदूरों के पास घर लौटने के सिवा कोई रास्ता नहीं बचा. मजदूरों ने बताया कि गुजरात सरकार की बेरुखी के चलते श्रमिकों की घर वापसी हो रही है.

Last Updated : May 20, 2020, 3:43 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.