झाबुआ। मेघनगर विकासखंड के गांव फुट तलाब में 9 करोड़ रुपए की लागत से औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान बनाया गया था. पिछले 1 साल से ITI में छात्र-छात्राएं को न तो प्रशिक्षण देने के लिए किसी की नियुक्ति की गई है, और न ही उन्हें आवश्यक संसाधन ही उपलब्ध करवाए गए हैं. इतना ही नहीं आईटीआई परिसर में पेयजल की भी कोई व्यवस्था नहीं है. छात्र- छात्राएं अपने साथ पानी लेकर आते हैं.
नए ITI भवन में विभाग ने छात्रों के प्रवेश के पहले ही लाखों की मशीने खरीदी जा चुकी है पर प्रैक्टिकल नहीं कराया जाता है. छात्र- छात्राओं के लिए 120 सीटर हॉस्टल और प्राचार्य के साथ सिक्योरिटी रूम भी बनाया गया हैं, जो कि खाली पड़ा है. वर्तमान में यहां आलम ये है कि इलेक्ट्रिशियन ट्रेड में 15 बच्चों को एक ट्रेनिंग ऑफिसर और दो अतिथि शिक्षकों के भरोसे प्रशिक्षित किया जा रहा है. ITI भवन में अभी तक मशीन चलाने के लिए बिजली के कनेक्शन का लोड भी नहीं बढ़ाया गया है.
वर्ष 2015 में आदिवासी बहुल झाबुआ जिले के युवाओं को कौशल और तकनीकी शिक्षा के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने मेघनगर विकासखंड के फुट तलाब में 9 करोड़ से अधिक की लागत से 6 ट्रेड वाले ITI भवन और 120 सीटर छात्र- छात्राओं के लिए हॉस्टल निर्माण की स्वीकृति को मंजूर किया था. 2017 में बनकर तैयार होने वाले ITI भवन को 2019 में हैंड ओवर किया गया, जिसके चलते तकनीकी शिक्षा विभाग ने यहां प्रस्तावित ट्रेड खोलने की अनुमति नहीं दी. विभाग और अफसरशाही के ढुलमुल रवैए की वजह से पिछले 2 सालों से तकनीकी शिक्षा लेने वाले सैकड़ों छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है.