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हार के बाद कांतिलाल भूरिया लोकसभा क्षेत्र में फिर से हुए सक्रिय, क्या वापसी की है तैयारी ?

सांसद रहे कांतिलाल भूरिया भी बीजेपी के गुमान सिंह डामोर से हार का सामना कर चुके हैं. अब कांतिलाल भूरिया एक बार फिर से लोकसभा क्षेत्र में सक्रिय हो गए हैं, जिससे कई कयास लगाए जा रहे हैं.

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Published : Jun 3, 2019, 4:53 PM IST

हार के बाद सक्रिय हुए कांतिलाल भूरिया

झाबुआ। 17वीं लोकसभा में नहीं पहुंच पाने का दुख कांग्रेसे के दिग्गज नेता कांतिलाल भूरिया को खल रहा है. लोकसभा चुनाव परिणामों के बाद कई दिनों तक अज्ञातवास में रहे कांतिलाल भूरिया ने अचानक फिर से पूरे संसदीय क्षेत्र में अपनी सक्रियता बढ़ा दी है.


झाबुआ से बीजेपी विधायक गुमान सिंह डामोर अब सांसद बन गए हैं. डामोर को दोनों में से एक पद पर आने वाले दिनों में इस्तीफा देना है. अगर वे विधायक पद से इस्तीफा देते हैं, तो झाबुआ विधानसभा में फिर से उपचुनाव होगा, जबकि सांसद पद से अगर पार्टी उन्हें इस्तीफा देने के लिए बोलती है, तो भूरिया एक बार फिर से मैदान में उतरेंगे, जिसकी संभावना बीजेपी नेताओं की ओर से कम ही जताई जा रही है, लिहाजा यह माना जा रहा है कि झाबुआ विधानसभा का उपचुनाव होगा.

हार के बाद सक्रिय हुए कांतिलाल भूरिया


माना जा रहा है कि कांतिलाल भूरिया झाबुआ विधानसभा का चुनाव लड़कर राजनीतिक पद पर लौटना चाहते हैं. चूंकि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है, लिहाजा उन्हें आशा है कि अगर वे विधायक के रूप में चुनकर जाते हैं, तो सरकार में शामिल हो सकते हैं. हालांकि भूरिया के चुनाव लड़ने को लेकर ना तो कांग्रेस की ओर से और ना ही कांतिलाल भूरिया की ओर से ऐसा कोई संकेत मिला है, लेकिन झाबुआ में उनकी सक्रियता से कई कयास लगाए जा रहे हैं.

झाबुआ। 17वीं लोकसभा में नहीं पहुंच पाने का दुख कांग्रेसे के दिग्गज नेता कांतिलाल भूरिया को खल रहा है. लोकसभा चुनाव परिणामों के बाद कई दिनों तक अज्ञातवास में रहे कांतिलाल भूरिया ने अचानक फिर से पूरे संसदीय क्षेत्र में अपनी सक्रियता बढ़ा दी है.


झाबुआ से बीजेपी विधायक गुमान सिंह डामोर अब सांसद बन गए हैं. डामोर को दोनों में से एक पद पर आने वाले दिनों में इस्तीफा देना है. अगर वे विधायक पद से इस्तीफा देते हैं, तो झाबुआ विधानसभा में फिर से उपचुनाव होगा, जबकि सांसद पद से अगर पार्टी उन्हें इस्तीफा देने के लिए बोलती है, तो भूरिया एक बार फिर से मैदान में उतरेंगे, जिसकी संभावना बीजेपी नेताओं की ओर से कम ही जताई जा रही है, लिहाजा यह माना जा रहा है कि झाबुआ विधानसभा का उपचुनाव होगा.

हार के बाद सक्रिय हुए कांतिलाल भूरिया


माना जा रहा है कि कांतिलाल भूरिया झाबुआ विधानसभा का चुनाव लड़कर राजनीतिक पद पर लौटना चाहते हैं. चूंकि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है, लिहाजा उन्हें आशा है कि अगर वे विधायक के रूप में चुनकर जाते हैं, तो सरकार में शामिल हो सकते हैं. हालांकि भूरिया के चुनाव लड़ने को लेकर ना तो कांग्रेस की ओर से और ना ही कांतिलाल भूरिया की ओर से ऐसा कोई संकेत मिला है, लेकिन झाबुआ में उनकी सक्रियता से कई कयास लगाए जा रहे हैं.

Intro:झाबुआ : 17वीं भी लोकसभा में न पहुंच पाने का दुख कांग्रेसी दिग्गज नेता कांतिलाल भूरिया को खल रहा है । पांच बार सांसद रहने के बाद अचानक से राजनीति आये नये नवेले व्यक्ति से बड़ी हार कांतिलाल भूरिया के लिये किसी सदमे से कम साबित नहीं हुई बावजूद चुनाव परिणामों के बाद भूरिया ने अब फिर से अपनी सक्रियता ग्रामीण अंचलों में बढ़ा दी ।


Body:लोकसभा चुनाव परिणामों के बाद कई दिनों तक अज्ञातवास में रहे कांतिलाल भूरिया ने अचानक से फिर से पूरे संसदीय क्षेत्र में अपनी सक्रियता बढ़ा दी है झाबुआ विधायक गुमान सिंह डामोर से सांसद बने डामोर को दोनों में से एक पद पर आने वाले दिनों में इस्तीफा देना है यदि वे विधायक पद से इस्तीफा देते हैं तो झाबुआ विधानसभा में फिर से उपचुनाव होगा जबकि सांसद पद से यदि पार्टी उन्हें इस्तीफा देने के लिए बोलती है तो भूरिया एक बार फिर से मैदान में उतरेंगे जिसकी संभावना भाजपा नेताओं की ओर से कम ही जताई जा रही है लिहाजा यह माना जा रहा है कि झाबुआ विधानसभा का उपचुनाव होगा ।


Conclusion:कांतिलाल भूरिया के बेटे डॉ विक्रांत भूरिया पहले विधानसभा चुनाव में अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत हार के रूप में कर चुके हैं वहीं सांसद रहे कांतिलाल भूरिया भी गुमान सिंह डामोर से हार का सामना कर चुके हैं । इस बार झाबुआ के उपचुनाव में कांग्रेस की ओर से कहीं दावेदार भी सामने है , कांतिलाल भूरिया की सक्रियता के चलते इन दावेदारों में भी खलबली देखी जा रही है । माना जा रहा है कि कांतिलाल झाबुआ विधानसभा का चुनाव लड़कर राजनीतिक पद और ग्लेमर में लौटना चाहते हैं क्योंकि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है, लिहाजा उन्हें आशा है कि यदि वे विधायक के रूप में चुनकर जाते हैं तो सरकार में शामिल हो सकते हैं। भूरिया के चुनाव लड़ने को लेकर ना तो कांग्रेस की ओर से और ना ही कांतिलाल भूरिया ने ऐसा कोई संकेत दिया है , मगर झाबुआ में उनकी सक्रियता से कई कयास लगाए जा रहे हैं ।
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