झाबुआ। जिले के रुंडीपाडा गांव अंतर्गत निजी पोल्ट्री फॉर्म में कड़कनाथ मुर्गों में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है, जिसके बाद पशु चिकित्सा विभाग ने अलर्ट जारी कर दिया है. बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के बाद पोल्ट्री फॉर्म के 1 किलोमीटर के दायरे में मौजूद 900 से ज्यादा मुर्गे और मुर्गियों को बुधवार रात एनेस्थीसिया देकर (कलिंग) दफन कर दिया गया. बुधवार को पशु चिकित्सा विभाग भोपाल की प्रयोगशाला के ज्वाइंट डायरेक्टर सुनील कुमार भी थांदला पहुंचे, जहां उन्होंने टीम के साथ गांव का दौरा किया.
जिले की मूल प्रजाति कड़कनाथ को लेकर पूरे देश में उत्साह रहता है. इस उत्साह के साथ क्रिकेटर और भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने भी रांची स्थित अपने फार्म हॉउस पर कड़कनाथ फार्मिंग करने की सोची. इसे लेकर महेंद्र सिंह धोनी ने झाबुआ जिले के विनोद मेडा से कड़कनाथ के चूजे की डिमांड की थी. उनकी डिमांड के बाद विनोद ने अपने फॉर्म हॉउस पर कड़कनाथ चूजे तैयार किए थे, मगर बर्ड फ्लू के चलते अब धोनी का आर्डर पूरा नहीं किया जा सकेगा.
एनेस्थीसिया देकर पक्षियों को किया दफन
मंगलवार को पशु पालन विभाग के जिला अधिकारी डॉक्टर विल्सन डावर ने अपनी टीम के साथ विनोद मेडा के फॉर्म हॉउस का निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान 775 जीवित और 127 मृत कड़कनाथ मुर्गे-मुर्गियां मिली, जिनमें 383 बड़े मुर्गे थे, जबकि 579 चूजे शामिल थे.
बीते 8 दिनों में विनोद मेडा के फॉर्म हॉउस पर एक हजार से ज्यादा मुर्गे-मुर्गियों की मौत होने का दावा किया जा रहा है. गांव के अन्य घरों के दो दर्जन से ज्यादा देसी मुर्गे-मुर्गियों की भी कलिंग की गई.
पोल्ट्री संचालकों को मिलेगी राहत
प्रशासन की ओर से जारी किए गए एक आदेश में कहा गया है कि मरने वाले चूजों पर 20 रुपये और बड़े मुर्गियों पर 90 रुपये की राहत राशी पोल्ट्री संचालकों को दी जायेगी.
लाखों का व्यवसाय प्रभावित
सर्दी के दिनों में कड़कनाथ की मांग देश भर में रहती है. अकेले झाबुआ में ठंड के दिनों में 20 लाख रुपए का व्यवसाय कड़कनाथ का होता है. अच्छे लाभ के चलते 4 से 5 दर्जनों स्थानों पर छोटी-बड़ी संख्या में कड़कनाथ की फार्मिंग होने लगी. कड़कनाथ को लाभ का धंधा मानकर कई लोगों ने इसमें बड़ा निवेश किया, लेकिन बर्ड फ्लू की वजह से अब लाखों रुपए का व्यापार बुरी तरह से प्रभावित होने की कगार पर है.
सरकारी पोल्ट्री पर नहीं पहुंचा फ्लू
इधर प्रशासन ने दो दर्जन से ज्यादा कड़कनाथ फार्मिंग करने वाले फार्म हॉउस पर मुर्गियों की सैंपलिंग ली, जिनकी रिपोर्ट आना बाकी है. उधर राहत की बात यह है कि कृषि विज्ञान केंद्र और शासकीय कड़कनाथ पालन केंद्र में रखे हजारों की संख्या में कड़कनाथ में बर्ड फ्लू नहीं फैला है.