ETV Bharat / state

Jhabua Vanvasi Leela आदिवासी अंचल में वनवासी लीला का मंचन, कांग्रेस बता रही वोट बैंक का दिखावा - आदिवासी बहुल सीट

मध्य प्रदेश में चुनाव के साल भर पहले प्रदेश के संकृति विभाग के द्वारा आदिवासी जिलों में वनवासी लीला के मंचन को चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है. वनवासी लीला में पूरा फोकस आदिवासी पात्र पर है, यानी कहीं ना कहीं सरकार ये संदेश भी देने का प्रयास कर रही है. एमपी में 47 आदिवासी सीट है. इसलिए सभी की नजर अब इन सीटों पर बनी है. (jhabua vanvasi leela) (mp election 2023) (mission mp election 2023) (mp election 2023)

Jhabua Vanvasi Leela
झाबुआ में आदिवासी अंचल में वनवासी लीला का मंचन
author img

By

Published : Nov 6, 2022, 10:29 PM IST

झाबुआ। इन दिनों आदिवासी अंचल में वनवासी लीला का मंचन किया जा रहा है. इस वनवासी लीला की खासियत यह हैं कि, इसके मुख्य पात्र शबरी और निषादराज दोनों ही आदिवासी समाज से ताल्लुक रखते हैं. वनवासी लीला को मध्यप्रदेश में 2023 में विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है. प्रदेश की 230 विधानसभा सीट में से भाजपा की नजर 47 आदिवासी सीटों पर हैं. नेताओं का मानना है कि जीत की राह यहीं से तय होगी, क्योंकि इन सीटों के अलावा भी कई सीट पर आदिवासी वोट बैंक का सीधा दखल है. उधर वनवासी लीला आयोजन पर सवाल खड़े करते हुए युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. विक्रांत भूरिया ने कहा कि भाजपा हमेशा से ही आदिवासी समाज को सिर्फ एक वोट बैंक के रूप में ही देखती आई है, लेकिन इस बार उनके मंसूबे कामयाब नहीं होंगे. (jhabua vanvasi leela)

झाबुआ में आदिवासी अंचल में वनवासी लीला का मंचन

भाजपा की आदिवासी क्षेत्र पर निगाह: माना जा रहा है कि, मध्यप्रदेश में 2023 के विधानसभा चुनाव में सत्ता की चाबी प्रदेश के आदिवासी वर्ग के हाथ में होगी. लिहाजा सरकार का पूरा फोकस ही आदिवासी क्षेत्रों पर है. पिछले दिनों मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने झाबुआ कलेक्टर और एसपी पर कार्रवाई कर इस बार के स्पष्ट संकेत दिए थे. इसके अलावा सरकार वनवासी लीला के जरिए भी आदिवासी वोटर को साधने की कवायद में लगी है. वनवासी लीला के मुख्य पात्र भी निषादराज और शबरी है जो वनवासी समाज से ताल्लुक रखते हैं. भगवान राम को बेर खिलाने वाली शबरी आदिवासी है तो वहीं प्रभु राम को गंगा पार कराने वाले निषादराज भी आदिवासी ही थे. ये दोनों ही वनवासी लीला के अहम किरदार है. यानी कहीं न कहीं सरकार की मंशा आदिवासी वोट बैंक को साधने की है. (mp election 2023)

झाबुआ की तीन सीटों पर है कांग्रेस का कब्जा: झाबुआ जिले में भाजपा अजजा मोर्चा की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक रखने के पीछे का मकसद ये भी हो सकता है कि यहां की तीनों विधानसभा सीट जो पहले भाजपा के पास थी वहां अभी कांग्रेस के विधायक है. झाबुआ विधानसभा में हुए उप चुनाव में भाजपा को हार झेलना पड़ी थी. इसी तरह आलीराजपुर जिले की दो में से एक विधानसभा पर कांग्रेस का कब्जा है. पूर्व में इन दोनों जगह ही भाजपा के विधायक थे जोबट विधानसभा में तो भाजपा ने उप चुनाव में जीत हासिल की थी नहीं तो यहां भी भाजपा का सूपड़ा साफ हो गया था.

वनवासियों को हमेशा से वोट बैंक समझा: भाजपा जिलाध्यक्ष लक्ष्मण सिंह नायक ने कहा कि भाजपा सरकार में हर वर्ग का विकास हुआ है. कांग्रेस पार्टी ने वनवासियों को हमेशा से वोट बैंक से ज्यादा कुछ नहीं समझा. ये तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का आभार व्यक्त करना चाहिए कि वे वनवासी लीला के जरिए आदिवासी समाज के गौरव को मंच पर लेकर आए. नई पीढ़ी भी अपने गौरवशाली इतिहास को जान पाएगी, कांग्रेस को तो हर बात में राजनीति ही नजर आती है. (mission mp election 2023)

MP Mission 2023 आदिवासियों का खोया जनाधार पाने की कोशिश भाजपा, अनुसूचित जनजाति कार्यसमिति की बैठक में बनी रणनीति

भाजपा को तो माफी यात्रा निकाली चाहिए: युवा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डॉ. विक्रांत भूरिया भाजपा के शासन में आदिवासियों पर अत्याचार बढ़े हैं. पहले सरकार उनका तो जवाब दे. इन्हें तो वनवासी लीला के पहले माफी यात्रा निकालनी चाहिए. चुनाव के समय ही इन्हें आदिवासियों की याद आती है, यदि सरकार को इतनी ही चिंता है तो नेमावर, नीमच, सिरोंज, गुना और शिवनी में आदिवासियों पर जो अत्याचार हुए उनमें पीड़ित परिवार को न्याय क्यों नहीं दिलवा पाए. इन्हें पहले माफी यात्रा निकालनी चाहिए. यदि सरकार की नियत साफ होती तो वनवासी लीला में भगवान की तस्वीर आगे लगाई जाती न कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर का बड़ा पोस्टर लगा होता. (mp election 2023)

झाबुआ। इन दिनों आदिवासी अंचल में वनवासी लीला का मंचन किया जा रहा है. इस वनवासी लीला की खासियत यह हैं कि, इसके मुख्य पात्र शबरी और निषादराज दोनों ही आदिवासी समाज से ताल्लुक रखते हैं. वनवासी लीला को मध्यप्रदेश में 2023 में विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है. प्रदेश की 230 विधानसभा सीट में से भाजपा की नजर 47 आदिवासी सीटों पर हैं. नेताओं का मानना है कि जीत की राह यहीं से तय होगी, क्योंकि इन सीटों के अलावा भी कई सीट पर आदिवासी वोट बैंक का सीधा दखल है. उधर वनवासी लीला आयोजन पर सवाल खड़े करते हुए युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. विक्रांत भूरिया ने कहा कि भाजपा हमेशा से ही आदिवासी समाज को सिर्फ एक वोट बैंक के रूप में ही देखती आई है, लेकिन इस बार उनके मंसूबे कामयाब नहीं होंगे. (jhabua vanvasi leela)

झाबुआ में आदिवासी अंचल में वनवासी लीला का मंचन

भाजपा की आदिवासी क्षेत्र पर निगाह: माना जा रहा है कि, मध्यप्रदेश में 2023 के विधानसभा चुनाव में सत्ता की चाबी प्रदेश के आदिवासी वर्ग के हाथ में होगी. लिहाजा सरकार का पूरा फोकस ही आदिवासी क्षेत्रों पर है. पिछले दिनों मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने झाबुआ कलेक्टर और एसपी पर कार्रवाई कर इस बार के स्पष्ट संकेत दिए थे. इसके अलावा सरकार वनवासी लीला के जरिए भी आदिवासी वोटर को साधने की कवायद में लगी है. वनवासी लीला के मुख्य पात्र भी निषादराज और शबरी है जो वनवासी समाज से ताल्लुक रखते हैं. भगवान राम को बेर खिलाने वाली शबरी आदिवासी है तो वहीं प्रभु राम को गंगा पार कराने वाले निषादराज भी आदिवासी ही थे. ये दोनों ही वनवासी लीला के अहम किरदार है. यानी कहीं न कहीं सरकार की मंशा आदिवासी वोट बैंक को साधने की है. (mp election 2023)

झाबुआ की तीन सीटों पर है कांग्रेस का कब्जा: झाबुआ जिले में भाजपा अजजा मोर्चा की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक रखने के पीछे का मकसद ये भी हो सकता है कि यहां की तीनों विधानसभा सीट जो पहले भाजपा के पास थी वहां अभी कांग्रेस के विधायक है. झाबुआ विधानसभा में हुए उप चुनाव में भाजपा को हार झेलना पड़ी थी. इसी तरह आलीराजपुर जिले की दो में से एक विधानसभा पर कांग्रेस का कब्जा है. पूर्व में इन दोनों जगह ही भाजपा के विधायक थे जोबट विधानसभा में तो भाजपा ने उप चुनाव में जीत हासिल की थी नहीं तो यहां भी भाजपा का सूपड़ा साफ हो गया था.

वनवासियों को हमेशा से वोट बैंक समझा: भाजपा जिलाध्यक्ष लक्ष्मण सिंह नायक ने कहा कि भाजपा सरकार में हर वर्ग का विकास हुआ है. कांग्रेस पार्टी ने वनवासियों को हमेशा से वोट बैंक से ज्यादा कुछ नहीं समझा. ये तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का आभार व्यक्त करना चाहिए कि वे वनवासी लीला के जरिए आदिवासी समाज के गौरव को मंच पर लेकर आए. नई पीढ़ी भी अपने गौरवशाली इतिहास को जान पाएगी, कांग्रेस को तो हर बात में राजनीति ही नजर आती है. (mission mp election 2023)

MP Mission 2023 आदिवासियों का खोया जनाधार पाने की कोशिश भाजपा, अनुसूचित जनजाति कार्यसमिति की बैठक में बनी रणनीति

भाजपा को तो माफी यात्रा निकाली चाहिए: युवा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डॉ. विक्रांत भूरिया भाजपा के शासन में आदिवासियों पर अत्याचार बढ़े हैं. पहले सरकार उनका तो जवाब दे. इन्हें तो वनवासी लीला के पहले माफी यात्रा निकालनी चाहिए. चुनाव के समय ही इन्हें आदिवासियों की याद आती है, यदि सरकार को इतनी ही चिंता है तो नेमावर, नीमच, सिरोंज, गुना और शिवनी में आदिवासियों पर जो अत्याचार हुए उनमें पीड़ित परिवार को न्याय क्यों नहीं दिलवा पाए. इन्हें पहले माफी यात्रा निकालनी चाहिए. यदि सरकार की नियत साफ होती तो वनवासी लीला में भगवान की तस्वीर आगे लगाई जाती न कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर का बड़ा पोस्टर लगा होता. (mp election 2023)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.