झाबुआ। इन दिनों जिले में छोटे बच्चे निमोनिया का शिकार हो रहे हैं. उनमें ऑक्सीजन लेवल तेजी से कम होता जा रहा है. इस बीमारी से पीड़ित 25 बच्चों को जिला अस्पताल के पीआईसीयू में भर्ती किया गया है. जिसमें 20 बच्चे निमोनिया और सीवियर निमोनिया से पीड़ित हैं. इनमें से एक दो माह की बच्ची है जो वेंटिलेटर पर है. डॉक्टर उसकी हालत पर निगाह बनाए हुए हैं. दरअसल, मौसम में बदलाव का असर हमेशा से बच्चों की सेहत पर पड़ा है. चूंकि ये मौसम संक्रमण का समय होता है, लिहाजा हर साल इस वक्त सर्दी-खांसी और वायरल फीवर के मामले सामने आते हैं. लेकिन इस बार ज्यादा संख्या उन बच्चों की है जो सीवियर निमोनिया से पीड़ित हैं.
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बदलते मौसम के चलते बढ़ रहे वायरल इन्फेक्शन के केसः शिशु रोग विशेषज्ञों की माने तो बदलते मौसम के चलते वायरल इन्फेक्शन के केस बढ़ रहे हैं. निमोनिया के मामले तो लगातार आ रहे हैं. इनमें से अधिकांश बच्चों की उम्र 3 साल से कम है, जिन बच्चों को निमोनिया की शिकायत है, उन्हें भर्ती किया जा रहा है. इस बार सबसे चौकानें वाली बात जो देखने में आई है वह है निमोनिया पीड़ित बच्चों में ऑक्सीजन का लेवल कम हो रहा है. इससे खुद डॉक्टर भी हौरान हैं.
सिकलसेल वार्ड में 7 बच्चों को किया भर्ती: जिला अस्पताल का पीआईसीयू 10 बेड का है. सीवियर निमोनिया के केस आए तो पीआईसीयू में जगह कम पड़ गई. ऐसे में पीआईसीयू से लगे सिकलसेल वार्ड में 7 बच्चों को भर्ती किया गया है. वहीं, जिला अस्पताल के पीआईसीयू में दो माह की बच्ची दिव्या पिता दीवान निवासी ग्राम नल्दी छोटी को वेंटिलेटर पर रखा गया है. डॉक्टरों ने बच्ची की स्थिति गंभीर बताई है. डॉक्टर उसकी स्थिति पर नजर रखे हुए हैं.
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निमोनिया के गंभीर केस आ रहेः इस बार निमोनिया के गंभीर केस आ रहे हैं. अधिकांश बच्चों में ऑक्सीजन लेवल कम हो रहा है. शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ संदीप चोपड़ा ने बताया कि वर्तमान में जिला अस्पताल के पीआईसीयू में 25 बच्चे भर्ती हैं. इसमें 20 बच्चे निमोनिया और सीवियर निमोनिया से ग्रसित है. शिशु रोग विशेषज्ञ ने बताया कि बच्चों में गंभीर निमोनिया फैल रहा है. शिशु रोग विशेषज्ञ ने अभिभावकों को सलाह दी है कि बच्चों पर ध्यान दें. अभी ठंड पूरी तरह से नहीं गई है. ऐसे में छोटे बच्चों को गरम कपड़े पहनाएं. ठंडी चीजों का परहेज करें. गुनगुना पानी पिलाएं. खांसी, जुकाम होने पर तुरंत चिकित्सक की सलाह लें.