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Jhabua Crime News: बहुचर्चित विजय पंचाल हत्याकांड का खुलासा, जिस महिला से अवैध संबंध थे उसके पति ने ही अपने तीन साथियों के साथ मिलकर किया था कत्ल

झाबुआ का बहुचर्चित विजय पंचाल हत्याकांड की गुत्थी पुलिस ने 55वें दिन सुलझा ली. पूरा मामला अवैध संबंधों से जुड़ा है. जिस महिला से विजय के अवैध संबंध थे उसके पति ने ही अपने तीन साथियों के साथ मिलकर हत्याकांड को अंजाम दिया था. बाद में इसे दुर्घटना का रूप देने के लिए शव को रेल्वे ट्रेक के पास फेंक दिया. हालांकि फिर भी आरोपी बच नहीं पाए. पुलिस ने इस प्रकरण में महिला और उसके पति के साथ तीन अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया है. (Jhabua Crime News) (Vijay Panchal Murder Case Solved) (Vijay Panchal murdered due to illicit relationship)

Vijay Panchal Murder Case Solved
बहुचर्चित विजय पंचाल हत्याकांड का खुलासा
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Published : Oct 13, 2022, 2:03 PM IST

झाबुआ। एसपी अगम जैन ने शनिवार शाम विजय पंचाल हत्याकांड का खुलासा किया. उन्होंने बताया हत्या की गुत्थी सुलझाने के लिए अलग से एसआईटी गठित की गई थी. सबसे पहले जिन पर शंका थी उन्हें शोर्ट लिस्ट किया गया. इसके बाद बारीकी से जांच की गई. जिस जगह विजय की हत्या हुई थी उस घटनास्थल के पास बने मकान में रहने वाले अमरसिंह और उसकी पत्नी कालीबाई से भी पुलिस ने पूछताछ की, लेकिन वे पुलिस को घुमाते रहे। लगातर पूछताछ के दौरान उनके विरोधाभासी बयान से पुलिस को दोनों पर शक हुआ. इसके बाद जब उन्हें हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की गई तो उन्होंने विजय की हत्या करना कबूल लिया.

बहुचर्चित विजय पंचाल हत्याकांड का खुलासा

इस तरह से दिया वारदात को अंजाम: विजय पंचाल हमेशा कालीबाई से मिलने आता था. इसका पता उसके पति अमरसिंह देवदा को लग गया. इसके बाद उसने विजय की हत्या करने की साजिश रची. अमरसिंह ने अपने साथी कालू उर्फ कालिया पिता वसुनिया (25) निवासी नवापाड़ा, सुनील पिता सबूर मकवाना (23) निवासी सुदर्शन कॉलोनी मेघनगर और नरेश पिता सराणिया (28) निवासी रलियाती दाहोद की मदद ली. घटना वाले दिन 13 अगस्त को जब विजय, कालीबाई से मिलने आया तो अमरसिंह ने अपने साथियों के साथ मिलकर लकड़ी और पत्थर से उसकी हत्या कर दी. इसके बाद शव को रेल्वे ट्रेक के पास झाड़ियों में फेंक दिया. ताकि सबको यही लगे कि विजय की मौत ट्रेन से टकराकर हुई है.

Jhabua MP Crime पुलिस को नहीं मिला सुराग, हत्यारे की जानकारी देने पर 10 हजार इनाम घोषित

55 दिन लगे गुत्थी सुलझाने में: पुलिस को विजय पंचाल के अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझाने में 55 दिन लगे. विजय मेघनगर की कत्था फैक्टरी में इलेक्ट्रिशियन था. 13 अगस्त की सुबह अपनी बाइक से वह फैक्टरी के लिए निकल गया था. वहां से दोपहर करीब 12 बजे वह घर पर पंखे की पंखुड़ी खराब होने पर सुधारने के लिए निकला था. दोपहर 1 से डेढ़ बजे तक वह घर नहीं पहुंचा. इस दौरान घरवालों ने बार बार कॉल किए, विजय शाम तक घर नहीं पहुंचा तो परिजन ने मेघनगर थाने में गुमशुदगी दर्ज करा दी. इस बीच देर शाम विजय का शव हनुमान मंदिर नवापाड़ा रोड पर रेल्वे ट्रेक के पास नाले में पड़ा मिला. पुलिस को इस हत्याकांड का कोई सुराग नहीं मिल रहा था. जिससे परिजन के साथ ही पंचाल समाज का आक्रोश बढ़ता जा रहा था. आक्रोशित समाज के लोगों ने थांदला-मेघनगर रोड पर धरना प्रदर्शन किया तो वहीं मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी सौंपा था. ऐसे में इस हत्याकांड की गुत्थी सुलझाना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती था. पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी पर 10 हजार रुपए का ईनाम भी घोषित किया था.
(Jhabua Crime News) (Vijay Panchal Murder Case Solved) (Vijay Panchal murdered due to illicit relationship)

झाबुआ। एसपी अगम जैन ने शनिवार शाम विजय पंचाल हत्याकांड का खुलासा किया. उन्होंने बताया हत्या की गुत्थी सुलझाने के लिए अलग से एसआईटी गठित की गई थी. सबसे पहले जिन पर शंका थी उन्हें शोर्ट लिस्ट किया गया. इसके बाद बारीकी से जांच की गई. जिस जगह विजय की हत्या हुई थी उस घटनास्थल के पास बने मकान में रहने वाले अमरसिंह और उसकी पत्नी कालीबाई से भी पुलिस ने पूछताछ की, लेकिन वे पुलिस को घुमाते रहे। लगातर पूछताछ के दौरान उनके विरोधाभासी बयान से पुलिस को दोनों पर शक हुआ. इसके बाद जब उन्हें हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की गई तो उन्होंने विजय की हत्या करना कबूल लिया.

बहुचर्चित विजय पंचाल हत्याकांड का खुलासा

इस तरह से दिया वारदात को अंजाम: विजय पंचाल हमेशा कालीबाई से मिलने आता था. इसका पता उसके पति अमरसिंह देवदा को लग गया. इसके बाद उसने विजय की हत्या करने की साजिश रची. अमरसिंह ने अपने साथी कालू उर्फ कालिया पिता वसुनिया (25) निवासी नवापाड़ा, सुनील पिता सबूर मकवाना (23) निवासी सुदर्शन कॉलोनी मेघनगर और नरेश पिता सराणिया (28) निवासी रलियाती दाहोद की मदद ली. घटना वाले दिन 13 अगस्त को जब विजय, कालीबाई से मिलने आया तो अमरसिंह ने अपने साथियों के साथ मिलकर लकड़ी और पत्थर से उसकी हत्या कर दी. इसके बाद शव को रेल्वे ट्रेक के पास झाड़ियों में फेंक दिया. ताकि सबको यही लगे कि विजय की मौत ट्रेन से टकराकर हुई है.

Jhabua MP Crime पुलिस को नहीं मिला सुराग, हत्यारे की जानकारी देने पर 10 हजार इनाम घोषित

55 दिन लगे गुत्थी सुलझाने में: पुलिस को विजय पंचाल के अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझाने में 55 दिन लगे. विजय मेघनगर की कत्था फैक्टरी में इलेक्ट्रिशियन था. 13 अगस्त की सुबह अपनी बाइक से वह फैक्टरी के लिए निकल गया था. वहां से दोपहर करीब 12 बजे वह घर पर पंखे की पंखुड़ी खराब होने पर सुधारने के लिए निकला था. दोपहर 1 से डेढ़ बजे तक वह घर नहीं पहुंचा. इस दौरान घरवालों ने बार बार कॉल किए, विजय शाम तक घर नहीं पहुंचा तो परिजन ने मेघनगर थाने में गुमशुदगी दर्ज करा दी. इस बीच देर शाम विजय का शव हनुमान मंदिर नवापाड़ा रोड पर रेल्वे ट्रेक के पास नाले में पड़ा मिला. पुलिस को इस हत्याकांड का कोई सुराग नहीं मिल रहा था. जिससे परिजन के साथ ही पंचाल समाज का आक्रोश बढ़ता जा रहा था. आक्रोशित समाज के लोगों ने थांदला-मेघनगर रोड पर धरना प्रदर्शन किया तो वहीं मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी सौंपा था. ऐसे में इस हत्याकांड की गुत्थी सुलझाना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती था. पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी पर 10 हजार रुपए का ईनाम भी घोषित किया था.
(Jhabua Crime News) (Vijay Panchal Murder Case Solved) (Vijay Panchal murdered due to illicit relationship)

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