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झाबुआ उपचुनावः ईटीवी भारत से बीजेपी प्रत्याशी भानू भूरिया की खास बातचीत - kantilal bhuria

21 अक्टूबर को झाबुआ विधानसभा में होने वाले उपचुनाव के चलते बीजेपी प्रत्याशी भानू भूरिया और कांग्रेस प्रत्याशी कांतिलाल भूरिया जन संपर्क अभियान में जुटे हुए हैं. इस दौरान बीजेपी नेता भानू भूरिया ने ईटीवी भारत से खास बीतचीत की.

बीजेपी नेता भानु भूरिया
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Published : Oct 12, 2019, 4:19 PM IST

झाबुआ। जिले में होने वाले विधानसभा उपचुनाव को लेकर दोनों ही राजनीतिक दलों के प्रत्याशी एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप के साथ-साथ सरकारों की नाकामी गिना रहे हैं. इसी दौरान ईटीवी भारत से भाजपा प्रत्याशी भानू भूरिया ने खास बातचीत की. उन्होंने बताया कि कांग्रेस प्रत्याशी कांतिलाल भूरिया पिछले 40 साल से केंद्र और राज्य की सरकारों में महत्वपूर्ण पदों पर रहे, बावजूद इसके जिले का विकास नहीं कर सका. उन्होंने 40 साल में जिले को न तो मेडिकल कॉलेज दिया और न इंजीनियरिंग कॉलेज और न ही कृषि क्षेत्र में कोई उन्नत तकनीक या बड़ी परियोजना की सौगात दी. कांग्रेस नेता कांतिलाल भूरिया की नाकामियों के चलते जिल के युवाओं को रोजगार की तलाश में अन्य राज्यों में पलायन करना पड़ता है. जो यहां का सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा भी है.

बीजेपी नेता भानू भूरिया

बीजेपी के बागी नेता कल्याण सिंह नहीं हैं चुनौती

भाजपा से बागी होकर चुनाव लड़ रहे कल्याण सिंह डामोर को भाजपा प्रत्याशी भानू भूरिया ने कोई चुनौती नहीं माना.उन्होंने कहा कि कल्याण सिंह डामोर को उनके गांव के मतदाता ही वोट नहीं देंगे. ऐसे में वे भाजपा के लिए कोई चुनौती नहीं हैं.

जींस टी-शर्ट में कर रहे प्रचार

नेताओं के पारंपरिक पहनावे से अलग जींस-शर्ट पहनकर राजनीतिक मैदान में उतरे भानू भूरिया ने कहा कि राजनीति एक विचारधारा है. वे अपने आदिवासी भाइयों और समाज के बीच रहकर उनके विकास और उत्थान के लिए हमेशा कार्यरत रहेंगे. उन्होंने कहा कि आने वाले 10 दिनों में भाजपा कार्यकर्ता सेक्टर, बूथ और मोहल्ला में रहने वाले मतदाताओं तक पूर्ववर्ती शिवराज सरकार की उपलब्धियों और वर्तमान कमलनाथ सरकार की नाकामियों को घर-घर तक पहुंचा कर चुनाव फतह करेंगे.

झाबुआ। जिले में होने वाले विधानसभा उपचुनाव को लेकर दोनों ही राजनीतिक दलों के प्रत्याशी एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप के साथ-साथ सरकारों की नाकामी गिना रहे हैं. इसी दौरान ईटीवी भारत से भाजपा प्रत्याशी भानू भूरिया ने खास बातचीत की. उन्होंने बताया कि कांग्रेस प्रत्याशी कांतिलाल भूरिया पिछले 40 साल से केंद्र और राज्य की सरकारों में महत्वपूर्ण पदों पर रहे, बावजूद इसके जिले का विकास नहीं कर सका. उन्होंने 40 साल में जिले को न तो मेडिकल कॉलेज दिया और न इंजीनियरिंग कॉलेज और न ही कृषि क्षेत्र में कोई उन्नत तकनीक या बड़ी परियोजना की सौगात दी. कांग्रेस नेता कांतिलाल भूरिया की नाकामियों के चलते जिल के युवाओं को रोजगार की तलाश में अन्य राज्यों में पलायन करना पड़ता है. जो यहां का सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा भी है.

बीजेपी नेता भानू भूरिया

बीजेपी के बागी नेता कल्याण सिंह नहीं हैं चुनौती

भाजपा से बागी होकर चुनाव लड़ रहे कल्याण सिंह डामोर को भाजपा प्रत्याशी भानू भूरिया ने कोई चुनौती नहीं माना.उन्होंने कहा कि कल्याण सिंह डामोर को उनके गांव के मतदाता ही वोट नहीं देंगे. ऐसे में वे भाजपा के लिए कोई चुनौती नहीं हैं.

जींस टी-शर्ट में कर रहे प्रचार

नेताओं के पारंपरिक पहनावे से अलग जींस-शर्ट पहनकर राजनीतिक मैदान में उतरे भानू भूरिया ने कहा कि राजनीति एक विचारधारा है. वे अपने आदिवासी भाइयों और समाज के बीच रहकर उनके विकास और उत्थान के लिए हमेशा कार्यरत रहेंगे. उन्होंने कहा कि आने वाले 10 दिनों में भाजपा कार्यकर्ता सेक्टर, बूथ और मोहल्ला में रहने वाले मतदाताओं तक पूर्ववर्ती शिवराज सरकार की उपलब्धियों और वर्तमान कमलनाथ सरकार की नाकामियों को घर-घर तक पहुंचा कर चुनाव फतह करेंगे.

Intro:झाबुआ : झाबुआ में होने वाले विधानसभा उपचुनाव को लेकर दोनों ही राजनीतिक दलों के प्रत्याशी एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप के साथ-साथ सरकारों की नाकामयाबी गिना रहे हैं । ईटीवी भारत से भाजपा प्रत्याशी भानु भूरिया ने खास बातचीत की, उन्होंने कहा कि कांग्रेस प्रत्याशी कांतिलाल भूरिया पिछले 40 सालों से केंद्र और राज्य की सरकारों में महत्वपूर्ण पदों पर रहे मगर झाबुआ जिले का विकास नहीं कर सके , कांतिलाल भूरिया ने 40 सालों में झाबुआ को न तो मेडिकल कॉलेज और ना ही इंजीनियरिंग कॉलेज और ना ही कृषि क्षेत्र में कोई उन्नत तकनीक या बड़ी परियोजना की सौगात दी जिससे यहाँ के अदिवाशियो का जीवन स्तर ऊंचा उठ पाए , कांतिलाल भूरिया की नाकामियों के चलते यहां के बेरोजगार युवाओं को रोजगार की तलाश में अन्य राज्यों में पलायन करना पड़ता है जो यहां का सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा भी है ।


Body:भाजपा से बागी हो कर चुनाव लड़ रहे कल्याण सिंह डामोर को भाजपा प्रत्यासी भानु भूरिया ने कोई चुनौती नहीं माना ,उन्होंने कहा कि कल्याण सिंह डामोर को उनके गांव के मतदाता ही वोट नहीं देंगे ऐसे में वे भाजपा के लिए कोई चुनौती नहीं है। भानु भूरिया ने कहा कि कांग्रेस के कांतिलाल भूरिया राजनीति में अनुभवी राजनीतिज्ञ हैं मगर उन्होंने अपना राजनैतिक अनुभव चार -पांच लोगों तक सीमित रखा जिसके चलते आदिवासी मतदाताओं में नाराजगी खूब बड़ी ओर अब यही नाराजगी उनकी हार का कारण बनेगी ।


Conclusion:नेताओ के पारंपरिक पहनावे से अलग जींस और शर्ट के साथ राजनीतिक मैदान में उतरे भानु भूरिया ने कहा कि राजनीति एक विचारधारा है। मैं अपने आदिवासी भाइयों और समाज के बीच रहकर उनके विकास और उनके उत्थान के लिए सोचो यहीं मेरी राजनीति होगी । आने वाले 10 दिनों में भाजपा कार्यकर्ता सेक्टर, बूथ और मोहल्ला में रहने वाले मतदाताओं तक पूर्ववर्ती शिवराज सरकार की योजनाओं और वर्तमान कमलनाथ सरकार की नाकामियों को घर-घर तक पहुंचा कर चुनाव फतह करेंगे।

ईटीवी भारत से खास चर्चा करते हुए भाजपा प्रत्याशी भानु भुरिया
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