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झाबुआ विधानसभा उपचुनाव के रिजल्ट पर टिकी है सभी की निगाहें, 24 अक्टूबर को आएगा नतीजा - jhabua news

24 अक्टूबर को झाबुआ विधानसभा उपचुनाव के नतीजे घोषित होने वाले हैं. उपचुनाव के 21 अक्टूबर को मतदान हुए थे.

झाबुआ विधानसभा उपचुनाव
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Published : Oct 23, 2019, 12:49 PM IST

Updated : Oct 23, 2019, 1:08 PM IST

झाबुआ। 24 अक्टूबर को झाबुआ विधानसभा उपचुनाव के नतीजे घोषित होने वाले है. 21 अक्टूबर को जिले के 2 लाख 77 हजार 599 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. उपचुनाव के लिए लगभग 62 फीसदी मतदान हुआ है. चुनावी मैदान में 5 प्रत्याशी हैं. इनमें कांग्रेस से कांतिलाल भूरिया, बीजेपी से भानु भूरिया के अलावा तीन निर्दलीय उम्मीदवार भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.


इस सीट को जीतने के लिए बीजेपी और कांग्रेस के बड़े नेताओं ने अपना पूरा दमखम लगा दिया है. यह चुनाव कांग्रेस के दिग्गज नेता कांतिलाल भूरिया और बीजेपी के युवा नेता भानु भूरिया के राजनीतिक भविष्य का फैसला करेगा. कल यानी गुरुवार को दोपहर तक ये साफ हो जाएगा कि कौन झाबुआ से चुनकर विधानसभा पहुंचेगा और कौन झाबुआ की राजनीति में ही सिमट जाएगा. यह चुनाव दोनों ही दलों के लिए प्रतिष्ठा का विषय भी बना हुआ है.


गौरतलब है कि बीजेपी विधायक गुमान सिंह डामोर के सांसद बनने के बाद इस्तीफा दे दिया था. डामोर ने साल 2019 में हुए रतलाम-झाबुआ लोकसभा सीट पर कांतिलाल भूरिया को हराया था. जबकि 2018 में झाबुआ विधानसभा सीट पर कांतिलाल भूरिया के बेटे विक्रांत भूरिया को शिकस्त दी थी

झाबुआ। 24 अक्टूबर को झाबुआ विधानसभा उपचुनाव के नतीजे घोषित होने वाले है. 21 अक्टूबर को जिले के 2 लाख 77 हजार 599 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. उपचुनाव के लिए लगभग 62 फीसदी मतदान हुआ है. चुनावी मैदान में 5 प्रत्याशी हैं. इनमें कांग्रेस से कांतिलाल भूरिया, बीजेपी से भानु भूरिया के अलावा तीन निर्दलीय उम्मीदवार भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.


इस सीट को जीतने के लिए बीजेपी और कांग्रेस के बड़े नेताओं ने अपना पूरा दमखम लगा दिया है. यह चुनाव कांग्रेस के दिग्गज नेता कांतिलाल भूरिया और बीजेपी के युवा नेता भानु भूरिया के राजनीतिक भविष्य का फैसला करेगा. कल यानी गुरुवार को दोपहर तक ये साफ हो जाएगा कि कौन झाबुआ से चुनकर विधानसभा पहुंचेगा और कौन झाबुआ की राजनीति में ही सिमट जाएगा. यह चुनाव दोनों ही दलों के लिए प्रतिष्ठा का विषय भी बना हुआ है.


गौरतलब है कि बीजेपी विधायक गुमान सिंह डामोर के सांसद बनने के बाद इस्तीफा दे दिया था. डामोर ने साल 2019 में हुए रतलाम-झाबुआ लोकसभा सीट पर कांतिलाल भूरिया को हराया था. जबकि 2018 में झाबुआ विधानसभा सीट पर कांतिलाल भूरिया के बेटे विक्रांत भूरिया को शिकस्त दी थी

Intro:झाबुआ : झाबुआ का पहला विधानसभा उपचुनाव संपन्न हो चुका है । चुनावी इतिहास में इसे हमेशा याद रखा जाएगा । मतदान होते ही अब परिणामों को लेकर तरह-तरह के कयास लगने लगे हैं ,हर कोई अपना गणित लगा रहा है, वहीं दोनों ही प्रमुख राजनीतिक दल अपनी-अपनी जीत का दावा भी करने लगे हैं । जनता ने अपना फैसला सुना दिया है अब कल याने 24 अक्टूबर को झाबुआ का 11 विधायक चुनकर भोपाल की विधानसभा में जाएगा। Body:मध्यप्रदेश में एकमात्र सीट पर उपचुनाव हुआ है ,जहां दोनों ही राजनीतिक दलों के बड़े नेताओं ने अपना पूरा दमखम लगाया। चुनाव के दौरान कई उतार-चढ़ाव भी देखने को मिले । झाबुआ के इतिहास में पुराने दो उपचुनाव के रिकॉर्ड भी दर्ज है ,मगर इस उपचुनाव में मुख्यमंत्री कमलनाथ की सरकार की सक्रियता के कारण यह ज्यादा चर्चा में आया । यहाँ सरकार खुद मैदान में उतर गई तो विपक्ष ने भी पूरा दम इस चुनाव में दिखा दिया ।Conclusion:कांग्रेस के दिग्गज नेता कांतिलाल भूरिया और भाजपा के युवा नेता भानु भुरिया के राजनीतिक भविष्य का फैसला कल यानी गुरुवार को दोपहर तक साफ हो जाएगा कि कौन चुनकर भोपाल जाएगा और कौन झाबुआ की राजनीति में ही सिमट जाएगा यह चुनाव दोनों ही दलों के लिए प्रतिष्ठा का विषय भी बना हुआ है ।
Last Updated : Oct 23, 2019, 1:08 PM IST
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